अयोध्या5 घंटे पहले
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प्रधानमंत्री के पॉडियम के सामने गुलाब के फूल लगाए गए थे। इन फूलों पर राम लिखा हुआ था।
अयोध्या में सोमवार को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान बने। दोपहर 12 बजे हल्की पीली धोती-कुर्ता पहने मंदिर आए। हाथ में थाल थी, जिसमें श्रीराम के लिए चांदी का छत्र था।
12.05 बजे गर्भगृह में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा शुरू हुई, जो करीब घंटेभर चला। इसमें प्रधानमंत्री शामिल रहे। उन्होंने भगवान की आरती कर चंवर डुलाया, फिर राम के चरणों में कमल रखकर परिक्रमा की और साष्टांग प्रणाम किया।
इससे पहले मोदी ने मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास से कलावा बंधवाया और उनके पैर छुए। संतों ने उन्हें उपहार स्वरूप सोने की अंगूठी भी भेंट की।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद मोदी मंदिर परिसर में मौजूद लोगों के सामने 11 दिन का व्रत तोड़ा। उसके बाद उन्होंने करीब 35 मिनट का भाषण दिया। इस दौरान 114 बार नाम का राम लिया।
मोदी के भाषण की अहम बातें 6 पॉइंट्स में…
1. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर
मोदी बोले- रामलला अब टेंट में नहीं, दिव्य मंदिर में रहेंगे। राम मंदिर के निर्माण के बाद से देशवासियों में नया उत्साह पैदा हो रहा था। आज हमें सदियों की धरोहर मिली है, श्रीराम का मंदिर मिला है। 22 जनवरी, 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है। ये कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं, बल्कि ये एक नए कालचक्र का उद्गम है। लोग इसे हजारों साल याद करेंगे।
2. देश के माहौल पर
PM ने कहा- आज गांव-गांव में एक साथ कीर्तन, संकीर्तन हो रहे हैं। आज शाम घर-घर राम ज्योति प्रज्वलित करने की तैयारी है। PM ने कहा- अपने 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान के दौरान मैंने उन स्थानों का चरणस्पर्श करने का प्रयास किया, जहां प्रभु राम के चरण पड़े थे। मेरा सौभाग्य है कि इसी पुनीत पवित्र भाव के साथ मुझे सागर से सरयू तक की यात्रा का अवसर मिला।
3. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर
PM ने कहा- मैं प्रभु राम से क्षमा याचना करता हूं। हमारे त्याग, तपस्या, पूजा में कोई तो कमी रह गई होगी कि इतने साल मंदिर निर्माण का काम नहीं हो पाया। आज ये कमी पूरी हुई। भारत के संविधान की पहली प्रति में राम विराजमान हैं। दशकों तक प्रभु राम के अस्तित्व पर कानूनी लड़ाई चली। मैं न्यायपालिका का शुक्रगुजार हूं कि उसने लाज रख ली।
4. भगवान राम को लेकर हुए विवाद पर
प्रधानमंत्री ने कहा- कई राष्ट्र अपने ही इतिहास में उलझ जाते हैं। जब भी उन्होंने इतिहास की गांठें सुलझाने का प्रयास किया मुश्किल परिस्थितियां बन गईं। हमने जिस गांठ को भावुकता और समझदारी के साथ खोला है, वो बताता है कि भविष्य बहुत सुंदर होने जा रहा है। कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। राम मंदिर किसी आग को नहीं, ऊर्जा को जन्म दे रहा है।
राम आग नहीं, ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं, सबके हैं। राम वर्तमान नहीं, अनंत काल हैं। ये मंदिर महज देव मंदिर नहीं, भारत की दृष्टि-दर्शन का मंदिर है। राम भारत का विचार-विधान है। राम भारत का चिंतन, चेतना, प्रवाह, प्रभाव, नेति, निरंतरता है। राम विश्व हैं, विश्वात्मा हैं। इसलिए जब राम की स्थापना होती है तो उसका प्रभाव हजारों वर्षों के लिए होता है।
5. कारसेवकों और संतों पर
प्रधानमंत्री ने कहा- ऋषियों ने कहा है कि जिसमें रम जाएं, उसी में राम है। हर युग में लोगों ने राम को जिया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों, अपनी-अपनी तरह राम को व्यक्त किया है। ये राम रस निरंतर बहता रहता है। आज के इस ऐतिहासिक समय में देश उन व्यक्तित्वों को भी याद कर रहा है, जिनकी वजह से शुभ दिन देख रहे हैं। हम कारसेवकों, संत-महात्माओं के ऋणी हैं।
6. देश के विजन पर
प्रधानमंत्री ने कहा- युवाशक्ति चांद पर तिरंगा फहरा रही है तो 15 लाख किमी दूर अंतरिक्ष में यान पहुंचा रही है। आने वाला समय अब सफलता का है। आने वाला समय सिद्धि का है। ये राम मंदिर भारत के उत्कर्ष-उदय का साक्षी बनेगा। मंदिर सिखाता है कि लक्ष्य प्रमाणित हो तो उसे हासिल किया जा सकता है। शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद हम यहां पहुंचे हैं। अब हम रुकेंगे नहीं।
मोदी साढ़े 4 घंटे अयोध्या में रहे, देखें 13 तस्वीरें…
1. प्रधानमंत्री के 11 दिन का व्रत स्वामी गोविंददेव ने तुड़वाया
प्रधानमंत्री 12 जनवरी से 11 दिन के उपवास पर थे। श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव ने उनका व्रत खुलवाया।
2. प्रधानमंत्री ने रामलला को साष्टांग प्रणाम किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीरामलला की परिक्रमा की और साष्टांग प्रणाम किया।
3. PM ने रामलला के चरणों में कमल फूल चढ़ाया
प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीरामलला के चरणों में कमल का फूल चढ़ाया।
4. PM ने रामलला के चरण छुकर आशीर्वाद लिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला के पैर छुए और आशीर्वाद लिया।
5. मोदी के साथ संघ प्रमुख भी पूजा में शामिल हुए
प्रधानमंत्री के साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत भी गर्भगृह में मौजूद थे।
6. प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मोदी के हाथ में कमल फूल
प्राण प्रतिष्ठा के दौरान प्रधानमंत्री हाथ में कमल का फूल लिए संकल्प विधि की।
7. प्रधानमंत्री ने प्राण प्रतिष्ठा की आरती की
प्राण प्रतिष्ठा पूजन पूरा होने के बाद पीएम मोदी ने रामलला की आरती की।
8. प्रधानमंत्री को संतों ने सोने की अंगूठी भेंट की
प्रधानमंत्री को मंदिर के अंदर संतों ने सोने की अंगूठी उपहार स्वरूप भेंट की।
9. PM प्राण प्रतिष्ठा के लिए चांदी का छत्र लेकर मंदिर पहुंचे
प्रधानमंत्री हाथ में चांदी का छत्र लेकर मंदिर पहुंचे।
10. प्रधानमंत्री कुबेर टीला पहुंचे, शिव की पूजा की
PM ने कुबेर टीला जाकर शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की।
11. जटायू की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए
प्रधानमंत्री ने मंदिर परिसर में बने जटायू की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए।
12. मंदिर बनाने वाले मजदूरों पर फूल बरसाए
प्रधानमंत्री ने मंदिर निर्माण में शामिल मजदूरों पर फूल बरसाए।
13. हेलिकॉप्टर से अयोध्या धाम का वीडियो बनाया
प्रधानमंत्री ने हेलिकॉप्टर से अयोध्या धाम का वीडियो बनाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली पहुंचकर अपने आवास पर दिया जलाया।
11 जनवरी को PM का ऑडियो मैसेज, बोले- यम-नियम का पालन करूंगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जनवरी को 10 मिनट 50 सेकेंड का एक ऑडियो मैसेज जारी किया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि, वह यम नियम का पालन करेंगे। उन्होंने कहा था, मेरा सौभाग्य है कि मुझे भी इस पुण्य का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है। ये मेरे लिए कल्पनातीत अनुभूतियों का समय है। मैं भावुक हूं, भाव-विह्वल हूं। मैं जीवन में पहली बार इस तरह के मनोभावों से गुजर रहा हूं।
मैं एक अलग ही भाव-भक्ति की अनुभूति कर रहा हूं। मेरे अंतर्मन की ये भाव यात्रा, मेरे लिए अभिव्यक्ति का नहीं, अनुभूति का अवसर है। चाहते हुए भी मैं इसकी गहनता, व्यापकता और तीव्रता शब्दों में बांध नहीं पा रहा हूं। आप भी भली-भांति मेरी स्थिति समझ सकते हैं।
अब पढ़िए प्रधानमंत्री मोदी के 7 मंदिरों की यात्रा…
12 जनवरी : कालाराम मंदिर, नासिक (महाराष्ट्र)
PM ने 12 जनवरी को पंचवटी के कालाराम मंदिर परिसर में सफाई की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 जनवरी को महाराष्ट्र पहुंचे। यहां पंचवटी के कालाराम मंदिर और गोदावरी में गंगा पूजा की। इसके अलावा कालाराम मंदिर प्रांगण की सफाई भी की थी। उन्होंने लोगों से मंदिरों को साफ रखने की अपील की थी।
रामायण में पंचवटी का महत्व: भगवान राम 10 सालों तक दंडकारण्य में अलग-अलग आश्रमों में संतों से मिलने के बाद अगस्त्य ऋषि के कहने पर पंचवटी आए थे। राम वनवास के 13वें वर्ष तक यहां रहे। यहीं से सीता का हरण हुआ था और राम सीता की खोज में दक्षिण भारत की ओर गए थे। पूरी खबर पढ़ें…
16 जनवरी : वीरभद्र मंदिर, लेपाक्षी (आंध्र प्रदेश)
पीएम ने रंगनाथ रामायण पर आधारित कठपुतलियों के जरिए प्रदर्शित रामकथा भी देखी।
16 जनवरी को PM आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी पहुंचे। यहां उन्होंने 486 साल पुराने वीरभद्र मंदिर में पूजा की। मंदिर परिसर में बैठकर उन्होंने भजन किया और रंगनाथ रामायण पर आधारित कठपुतलियों के जरिए प्रदर्शित रामकथा भी देखी। लेपाक्षी मंदिर को ‘हैंगिंग पिलर टेंपल’ के नाम से भी जाना जाता है।
रामायण में लेपाक्षी का महत्व: जब रावण माता सीता का अपहरण कर रहा था तो उससे युद्ध के बाद जटायु घायल होकर यहीं गिर पड़ा था। मरते हुए जटायु ने भगवान राम को बताया था कि माता सीता को रावण दक्षिण की ओर ले गया है। पूरी खबर पढ़ें…
17 जनवरी: गुरुवायूर मंदिर और त्रिप्रयार श्रीराम मंदिर, केरल
केरल के त्रिप्रयार श्रीराम मंदिर पहुंचकर PM मोदी ने जल चढ़ाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने केरल में गुरुवायूर और त्रिपयार मंदिर में पूजा की। गुरुवायूर मंदिर और त्रिप्रयार श्रीराम मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान प्रधानमंत्री पारंपरिक परिधान मुंडू (धोती) और वेष्टि (सफेद शॉल) में दिखे। केरल के त्रिप्रयार श्रीराम मंदिर पहुंचकर PM मोदी ने जल चढ़ाया।
रामायण में श्रीरामस्वामी का महत्व: यहां पर स्थानीय लोग ‘वेदी वाजिपाडु’ नाम की पूजा करते हैं। मान्यता है कि मां सीता के हरण के बाद जब हनुमान लंका गए थे, तब उनका आभूषण लाकर भगवान श्रीराम को दिया था। पूरी खबर पढ़ें…
20 जनवरी: अरुलमिगु रामानाथस्वामी मंदिर, रामेश्वरम और रंगानाथस्वामी मंदिर, श्रीरंगम त्रिची, तमिलनाडु
पीएम मोदी ने रामेश्वरम के अग्नि तीर्थम में डुबकी लगाई। फिर रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के दो मंदिरों में पूजा की। पीएम पहले तिरुचिरापल्ली के श्रीरंगम में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर गए। वहां उन्होंने अंदल नाम के हाथी को गुड़ खिलाया और आशीर्वाद लिया। श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में जाने वाले वे पहले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। इसके बाद पीएम ने रामेश्वरम के अग्नि तीर्थम पर डुबकी लगाई फिर भगवान रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा की।
तिरुचिरापल्ली के श्रीरंगम में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में हाथी ने अपनी सूंड से पीएम मोदी को आशीर्वाद दिया।
रामायण में रंगनाथस्वामी का महत्व: किंवदंती है कि भगवान राम ने रावण के भाई विभीषण को लेटे हुए विष्णु की एक मूर्ति दी थी। हालाँकि, भगवान राम ने विभीषण से कहा कि इस मूर्ति को वह जहां भी रखेगा वहीं स्थापित हो जाएगी।
जब विभीषण तिरुचिरापल्ली से गुजर रहे थे, तो वह कावेरी नदी में स्नान करने गए। उन्होंने वह मूर्ति एक लड़के को दे दी, जिससे उसकी मुलाकात नदी के किनारे हुई थी। लड़के ने वह मूर्ति वहीं रख दी जिससे भगवान विष्णु वहीं स्थापित हो गए। पढ़ें पूरी खबरें…
21 जनवरी: कोदंडारामस्वामी मंदिर, धनुषकोडि, तमिलनाडु
पीएम ने धनुषकोडि के पास अरिचल मुनाई में फूल चढ़ाए और टेलिस्कोप से तट भी देखा।
पीएम ने धनुषकोडि में कोदंडारामस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजन किया। यह मंदिर श्री कोदंडाराम स्वामी को समर्पित है। कोदंडारामा नाम का अर्थ धनुषधारी राम है। इसके अलावा PM धनुषकोडि के पास अरिचल मुनाई भी गए थे।
रामायण में धनुषकोडि का महत्व: माना जाता है कि यहीं पर राम सेतु का निर्माण हुआ था। धनुषकोडि को लेकर कहा जाता है कि यहीं पर विभीषण पहली बार श्री राम से मिले थे और उनसे शरण मांगी थी। कुछ किवदंतियां यह भी कहती हैं कि यही वह जगह है जहां श्री राम ने विभीषण का राज्याभिषेक किया था। पूरी खबर पढ़ें…