61 करोड़ में बिकेगा पहला डाक टिकट: इस पर छपी 5 फीट की लड़की ने दुनिया पर किया राज, 8 बार हुई थी जान लेने की कोशिश

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नई दिल्ली4 घंटे पहले

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दुनिया का पहला चिपकाने वाला डाक टिकट ‘पेनी ब्लैक’ सात दिसंबर को लंदन में नीलाम होगा। दुनिया का सबसे पुराना नीलामी घर सूदबी के इसे ऑक्शन के लिए पेश करेगा। ‘पेनी ब्लैक’ की कीमत करीब 61 करोड़ रुपए आंकी गई है। दुनिया के इस सबसे पुराने डाक टिकट पर इंग्लैंड की क्वीन विक्टोरिया की 15 साल की उम्र में खींची गई फोटो है। ‘पेनी ब्लैक’ को बंद करके ‘पेनी रेड’ जारी किया गया था।

पेनी ब्लैक डाक टिकट

पेनी ब्लैक डाक टिकट

गद्दी के लिए पांचवां नंबर था, फिर भी बन गईं रानी

क्वीन एलेक्जेंड्रिना विक्टोरिया का जन्म 1819 को किनजिंगटन पैलेस में हुआ था। उनको अपना सेकेंड नेम विक्टोरिया या निकनेम ड्रिना सुनना पंसद था। वह तीन चाचा और पिता के बाद ब्रिटिश ताज की पांचवें नंबर की उत्तराधिकारी थीं, लेकिन इन सबकी मौत हो गई और वह 1837 में क्वीन बन गईं।

1839 में विक्टोरिया ने अपने कजिन और गोथा के राजकुमार अल्बर्ट को शादी के लिए प्रपोज किया और एक साल बाद दोनों ने शादी कर ली। विक्टोरिया और अल्बर्ट के नौ बच्चे हुए। विक्टोरिया पहली ऐसी शख्स थीं, जिनमें ‘शाही बीमारी’ ब्लड क्लॉटिंग हीमोफिलिया बी की पहचान हुई।

महारानी को भाषाओं से था लगाव

विक्टोरिया कई भाषाओं की जानकार थीं। वह इंग्लिश, जर्मन के अलावा फ्रेंच, इटैलियन, लैटिन जानती थीं और हिंदी-उर्दू के प्रति उनका खास लगाव था, जिसे वो सीखना चाहती थीं। हिंदी-उर्दू सीखने के लिए उन्होंने बाकायदा भारत से आए अपने खानसामा अब्दुल करीम की मदद ली थी।

भाषा सीखते-सीखते हिंदुस्तानी नौकर से हुआ प्यार

साल 1887 में महारानी विक्टोरिया का दिल एक भारतीय नौकर पर आया। इस इश्क के किस्से ब्रिटेन की एक लेखिका शरबनी बसु की किताब ‘विक्टोरिया एंड अब्दुल’ में सामने आए। खूबसूरत, लंबे भारतीय नौजवान करीम महारानी के पास एक तोहफे के रूप में इंग्लैंड पहुंचे थे। उर्दू सीखते-सिखाते कब दोनों प्रेम में गिरफ्त हुए पता नहीं चला।

प्यार इतना गहरा कि महारानी की उपाधि वाली महिला ने अपनी खिदमत में तोहफे के तौर पर पेश किए गए लड़के के लिए खत तक लिखा। दोनों का साथ 15 साल तक रहा। विक्टोरिया की मौत के बाद करीम भारत आ गए।

मुंशी अब्दुल करीम और क्वीन विक्टोरिया

मुंशी अब्दुल करीम और क्वीन विक्टोरिया

अपने जमाने की ट्रेंड सेटर थीं विक्टोरिया

क्रिश्चिन शादी में पहना जाने वाला व्हाइट गाउन हो या क्रिसमस के दौरान क्रिसमस ट्री सजाने का चलन, ये सब फैशन ट्रेंड विक्टोरिया लेकर आईं। पहले शादियों का गाउन रंग-बिरंगा होता था। लेकिन जब विक्टोरिया ने प्रिंस अल्बर्ट को अपना जीवनसाथी चुना तो उन्होंने अपनी शादी की ड्रेस का भी खासा ध्यान रखा।

विक्टोरिया ने अनुरोध करके अपने वेडिंग गाउन का कलर व्हाइट कराया। इसके बाद उन्होंने इसे नष्ट कर दिया ताकि इसे कोई कॉपी न कर सके। उन्होंने मेहमानों से कहा कि वो शादी में व्हाइट पहनकर न आएं ताकि उनका गाउन लाइमलाइट में रहे।

कई जानलेवा हमला, हर बार बच निकलीं

क्वीन को कई बार मारने की कोशिश की गई, लेकिन हर बार किस्मत ने उनका साथ दिया। हर हमले के साथ क्वीन की मजबूत इमेज और पॉपुलरैटी बढ़ती गई। पहला हमला साल 1840 में हुआ। लंदन में 18 साल के एडवर्ड ऑक्सफोर्ड ने उनकी गाड़ी पर गोली चलाई। दो साल बाद फिर से क्वीन ने हमला झेला।

साल 1842 में दो और लड़कों ने उनकी गाड़ी पर हमला किया। साल 1849 में विलियम हेमिल्टन नामक एक बेरोजगार आइरिश अप्रवासी ने महारानी की जान लेने की कोशिश की। चौथा हमला एक साल बाद पूर्व सैनिक रॉबर्ट पेट ने किया। उसने आयरन केन से उनके सिर पर वार किया। इसमें वह घायल हो गई थीं। 1882 में एक स्कॉटिश कवि रोडरिक मैकलीन ने क्वीन पर आठवीं बार हमले की कोशिश की। हमलावर को पागल करार दिया गया।

दुनिया भर में ऐसे पहुंचा विक्टोरिया नाम

करीब पांच फीट लंबी महिला का नाम पूरी दुनिया में पहुंचने की मजेदार कहानी है। जब शाही घराने की प्रसिद्धि अपने चरम पर थी, उस समय इंग्लैंड की महारानी होने की वजह से विक्टोरिया के नाम पर दुनिया भर में शहरों, झीलों और पहाड़ों के नाम रखे गए। ब्रिटेन में उनके नाम पर 33 सड़कें हैं। वहीं भारत के भावनगर शहर में एक पार्क और न्यूजीलैंड में दो माउंट विक्टोरिया के नाम पर हैं।

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