12 जर्जर मकानों से घिरा बांके बिहारी मंदिर…कदम-कदम पर खतरा: कुंज गलियों में 15 साल में 6 बड़े हादसे…लाल निशान वाले घरों की रिपेयरिंग तक नहीं होती

11 मिनट पहलेलेखक: देवांशु तिवारी/पवन गौतम

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15 अगस्त…छुट्टी का दिन। बांके बिहारी मंदिर में लोगों की भीड़ रोज की तुलना में दोगुनी थी। दिन के दर्शन पूरे होने के बाद मंदिर के कपाट शाम तक के लिए बंद कर दिए गए। 5 बजकर 30 मिनट तक सनय बिहारी गली में प्रसाद और फूल की दुकानें सज गईं। मंदिर खोला गया। श्रद्धालु जल्द से जल्द ठाकुर जी के दर्शन पाना चाहते थे।

इसी बीच मंदिर के पास जोर की आवाज हुई। गली के बीचोंबीच अचानक एक मकान का मलबा भर-भराकर गिर गया। कोई कुछ समझ पाता उससे पहले पूरा का पूरा एरिया लोगों की चीखों से गूंज उठा। कुल 5 लोगों की मौत हो गई।

बांके बिहारी मंदिर परिसर के पास हुआ यह कोई पहला हादसा नहीं था। इससे पहले भी इस इलाके की तंग गलियां, घनी बसावट और दिन-ब-दिन बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या किसी न किसी हादसे की वजह बनती रही हैं। मंदिर के इर्द-गिर्द का रास्ता कितना जोखिम भरा है, चलिए सिलसिलेवार तरीके से आपको बताते हैं…

  • शुरुआत मंदिर की ओर जाने वाले रास्तों से…

मंदिर जाने वाला रास्ता चीखों से गूंज उठा
बांके बिहारी मंदिर के पास जिस वक्त यह हादसा हुआ उस समय वृंदावन कोतवाल विजय सिंह और 2 सिपाही वहीं पर मौजूद थे। विजय सिंह मंदिर में तैनात पुलिसवालों की ड्यूटी चेक करने जा रहे थे। इसी बीच सूरदास आश्रम के पास सनय विहारी गली के सामने अचानक एक मकान का मलबा आकर गिरा। अफरा-तरफी मच गई, मलबे के अंदर दबे लोग चीखने लगे।

वृंदावन कोतवाल विजय सिंह ने बताया, “सनय बिहारी गली में विष्णु शर्मा का 2 मंजिला पुराना मकान है। इमारत का ऊपरी हिस्सा काफी जर्जर हो चुका था। शाम के वक्त छज्जे पर कुछ बंदर आपस में लड़ रहे थे। इसी दौरान मकान का जर्जर हिस्सा ढह गया। मलबा नीचे दुकान पर सामान खरीद रहे लोगों पर गिरा, इससे 11 लोग दब गए। गली में मौजूद सिपाहियों और लोगों की मदद से हमने घायलों को जैसे-तैसे अस्पताल पहुंचाया। जहां उनका इलाज हुआ।”

  • यहां रुकते हैं। वृंदावन के पुराने मकान आखिर क्यों जानलेवा बनते जा रहे हैं। चलिए लोगों से सुनते हैं, लेकिन उससे पहले यह तस्वीरें देखिए…
ये सनय बिहारी गली है। यहां पर 4 मकानों की हालत काफी जर्जर है, जो ज्यादा बारिश में कभी भी ढह सकते हैं।

ये सनय बिहारी गली है। यहां पर 4 मकानों की हालत काफी जर्जर है, जो ज्यादा बारिश में कभी भी ढह सकते हैं।

ये रास्ता बांके बिहारी मंदिर से सटा हुआ है और VIP गली की ओर जाता है। यहां भी 100-100 साल पुराने मकान गिरासू हालत में हैं।

ये रास्ता बांके बिहारी मंदिर से सटा हुआ है और VIP गली की ओर जाता है। यहां भी 100-100 साल पुराने मकान गिरासू हालत में हैं।

कुछ मकानों की हालत देखते हुए लोगों ने उन्हें छोड़ दिया, लेकिन बचा हुआ निर्माण राहगीरों और श्रद्धालुओं की जान के लिए खतरा बना हुआ है।

कुछ मकानों की हालत देखते हुए लोगों ने उन्हें छोड़ दिया, लेकिन बचा हुआ निर्माण राहगीरों और श्रद्धालुओं की जान के लिए खतरा बना हुआ है।

जिन घरों पर लाल निशान लगे, उनकी रिपेयरिंग तक नहीं होती
मथुरा के द्वारकेश बर्मन कहते हैं, “वृंदावन में प्रस्तावित बांके बिहारी कॉरिडोर के लिए 5 एकड़ जमीन प्रशासन ने चिन्हित की है। इसके अंतर्गत मंदिर क्षेत्र में आने वाली इमारतों पर लाल निशान लगाए गए, जिन मकानों पर निशान हैं, उन्हें कॉरिडोर निर्माण में ध्वस्त किया जाएगा।”

द्वारकेश आगे कहते हैं, “जिन पुराने घरों पर लाल निशान लगाए गए हैं। वहां रहने वाले जान बूझकर इनका सुधार या रिपेयरिंग नहीं करवाते। लोगों के मन में ये बात है कि जब घर ही चला जाएगा, तो इसमें पैसे लगाने का कोई मतलब नहीं। यही कारण है कि मंदिर परिसर के आस-पास की जर्जर इमारतें और कमजोर होती जा रही हैं।”

मंदिर से 50 मीटर की दूरी पर रहने वाले पुरषोत्तम मिश्रा कहते हैं, “बांके बिहारी मंदिर के चारों तरफ घनी बसावट है। यहां की कुंज गलियों में 100-100 साल पुराने मकान हैं। प्रशासन को यहां के पुराने घरों की क्लोज मॉनिटरिंग करनी होगी। भविष्य में ऐसे हादसे न हों इसके लिए सुरक्षा प्लान बनाना जरूरी है।”

पुरषोत्तम के मुताबिक, हादसे के वक्त मोहल्ले वालों ने गंभीर रूप से घायल लोगों को मलबे से बाहर निकाला। लोगों को काफी चोट आई हुई थी, पुलिसवालों ने एंबुलेंस के लिए फोन लगाया। लेकिन रास्ता इतना संकरा था कि उसमें कार तक जा नहीं सकती थी, तो फिर एबुलेंस कैसे पहुंचती। यही सोचकर लोगों ने ई-रिक्शा, पुलिस की जीप से घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

3 दिन की भीड़ से गलियां ब्लॉक हो गईं
वृंदावन की ठाकुर गली में जमुना भवन धर्मशाला के मैनेजर विजय ने बताया, “रोजाना यहां आने वाले टूरिस्ट्स की तुलना में छुट्टियों में वृंदावन में दोगुनी भीड़ हो जाती है। इस हफ्ते 13 तारीख को संडे था और 15 को स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी। यानी 14 तारीख मिलाकर 3 दिन की छुट्टी थी। इसे देखते हुए 13 अगस्त को 1 लाख से ज्यादा लोग वृंदावन पहुंचे थे। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लगभग आधी धर्मशालाओं की बुकिंग फुल हो गई। यहां तक कि मंदिर जाने वाले सभी रास्ते ब्लॉक गो गए थे।”

“लोगों की संख्या इतनी थी कि दर्शन के लिए 2 किलोमीटर लंबी लाइन लग गई। यही नहीं, भक्तों को 100 मीटर आगे बढ़ने में भी 1 घंटे का वक्त लग रहा था। इसी बीच 15 तारीख की शाम यह भयानक हादसा हो गया।”

ये तस्वीर 13 अगस्त की है जब 1 लाख लोग बांके बिहारी के दर्शन करने पहुंचे थे।

ये तस्वीर 13 अगस्त की है जब 1 लाख लोग बांके बिहारी के दर्शन करने पहुंचे थे।

हादसे के बाद सीएम योगी के 2 बड़े निर्देश
घटना की जानकारी होने पर सीएम योगी ने दुख जताया। साथ ही 2 निर्देश दिए। पहला: सभी मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपए की सहायता धनराशि दी जाएगी। घायलों का नि:शुल्क इलाज होगा। दूसरा: सीएम ने प्रशासन से घटना की जांच कर हादसे की पूरी रिपोर्ट मांगी है।

फिलहाल, घटना के बाद मथुरा के DM पुलकित खरे ने जर्जर मकानों के सर्वे के लिए की एक जांच कमेटी गठित की है। मंदिर के आस-पास घरों में लटकते छज्जों का टेक्निकल ऑडिट किया जाएगा। कमेटी को 31 अगस्त 2023 तक DM को जांच रिपोर्ट सौंपनी होगी।

  • अब मथुरा हादसे से जुड़ी 3 दर्दनाक कहानियां जान लीजिए…

2 बार दर्शन करने की चाहत बनी मौत की वजह
बांके बिहारी बिल्डिंग हादसे में कानपुर की रहने वाली दो सहेलियों रश्मि गुप्ता और गीता कश्यप की मौत हो गई। रश्मि और गीता परिवार के साथ सोमवार को वृंदावन आए थे। मंगलवार सुबह रश्मि पति जितेंद्र, गीता कश्यप अपने पति शिव नारायण कश्यप और बेटी अनामिका के साथ दर्शन करने पहुंची।

मंगलवार रात 11 बजे इनकी कानपुर की ट्रेन थी। हादसे वाले दिन जितेंद्र, शिव नारायण और 3 बच्चे गेस्ट हाउस में थे। जबकि रश्मि, गीता और अनामिका दोबारा दर्शन की चाहत में मंदिर दर्शन के लिए निकल गईं। इसी दरमियान हादसा हो गया। रश्मि और गीता की मौत हो गई, जबकि अनामिका का इलाज जारी है।

अस्पताल की मोर्चरी में पांच शव रखे गए हैं।

अस्पताल की मोर्चरी में पांच शव रखे गए हैं।

बेटे की नौकरी की मन्नत मांगने गई थी…घर आई लाश
कानपुर के नौबस्ता खाड़ेपुर के रहने वाले श्याम नारायण कश्यप पत्नी गीता कश्यप, बेटी अनामिका और 1 साल की नातिन परी के साथ मथुरा बांके बिहारी मंदिर दर्शन करने गए थे। मंदिर जाते समय मकान का हिस्सा गिर गया, जिसमें गीता की मौत हो गई।

16 अगस्त की दोपहर गीता का शव घर लाया गया। शव देखते ही परिवार वालों में चीख-पुकार मच गई। बेटा अभिषेक और छोटी बेटी शेफाली रोते-रोते जमीन पर गिर पड़े। मोहल्ले के लोगों ने दोनों को किसी तरह संभाला। अभिषेक बार-बार यही कह रहा था कि मां सिर्फ मेरे लिए दर्शन करने गईं थीं। अभिषेक ने बताया, “मां मेरी अच्छी नौकरी के लिए मलमास में बांके बिहारी जी के दर्शन करने गईं थीं। मथुरा जाते समय वह बहुत खुश थीं। अब यकीन ही नहीं हो रहा कि मां हमारे बीच नहीं रहीं।”

तस्वीर में परिवार के साथ पीली साड़ी में खड़ी 52 साल की गीता कश्यप।

तस्वीर में परिवार के साथ पीली साड़ी में खड़ी 52 साल की गीता कश्यप।

10 साल पहले पिता और 1 साल पहले मां को खोया
हादसे में गंभीर रूप से घायल फिरोजाबाद का रहने वाला 14 साल का खुशीपाल वृंदावन में नौकरी करने आया था। 13 अगस्त को गांव का ही रहने वाला युवक विजय उसे ले आया। यहां उसने एक पेड़े की दुकान पर खुशीपाल को लगा दिया।

खुशीपाल के पिता मनोज की 10 साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी। वहीं, एक साल पहले मां हादसे का शिकार हो गई। माता पिता को खो देने के बाद तीन भाइयों में सबसे छोटा खुशीपाल को दादा दादी ने वृंदावन भेज दिया। लेकिन क्या पता था कि आने के दो दिन बाद ही वह हादसे का शिकार हो जाएगा, जहां उसे जिंदगी और मौत से जूझना पड़ेगा।

यह फोटो खुशीपाल की है, जो वृंदावन काम करने के लिए आया था। इसके पास खड़ा विजय है, जो उसे लेकर आया था।

यह फोटो खुशीपाल की है, जो वृंदावन काम करने के लिए आया था। इसके पास खड़ा विजय है, जो उसे लेकर आया था।

अब तक 5 लोगों को मृत घोषित किया जा चुका है। जबकि 6 का इलाज चल रहा है। मरने वालों में 3 महिला गीता कश्यप, रश्मि गुप्ता निवासी कानपुर, अंजू भार्गव निवासी ओमेक्स सिटी वृंदावन, चंदन राय देवरिया और अरविंद कानपुर के निवासी हैं। वहीं, घायलों में आकांक्षा, अनामिका, खुशीपाल और पंकज मारवाह हैं।

  • आखिर में बांके बिहारी मंदिर परिसर के आस-पास हुए हादसों के बारे में जान लीजिए…
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दीवार गिरने से लेकर CRPF के जबानों के पहुंचने तक देखिए हादसे की 15 तस्वीर

मथुरा के वृंदावन में हुए हादसे ने स्थानीय निवासियों से लेकर श्रद्धालुओं तक को झकझोर दिया है। हादसे के बाद मृतकों के परिवार का रो रो कर बुरा हाल है तो घायलों के इलाज में परिजन अस्पतालों में हैं। बांके बिहारी मंदिर से महज 100 मीटर दूर हुए हादसे से जुड़ी देखिए 15 तस्वीर। पढ़िए पूरी खबर…

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