बच्ची को घर से घसीटा, गला दबाकर पेड़ पर टांगा: आधी रात में शौच के लिए गई लड़की को खेत में उठा ले गए, उसी के दुपट्टे से बांधकर लटकाया

19 मिनट पहलेलेखक: राजेश साहू और रक्षा सिंह

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16 साल की लड़की। किसी चीज की कोई दिक्कत नहीं थी। खुश थी। रात में खाना बनाया और घरवालों के साथ बैठकर खाया, फिर सो गई। रात करीब 12 बजे बाथरूम के लिए उठी। घर से करीब 30 मीटर दूर गई और फिर गायब हो गई। मां उठी और बच्ची को न देखकर डर गई। आसपास के लोगों को जगाया। सभी टार्च लेकर खोजने में लग गए।

आसपास के गांव तक लोग पहुंच गए। बच्ची नहीं मिली। करीब 2 घंटे बीत गए। कुछ लोग गन्ने के खेतों के बीच पहुंचे। वहां एक पेड़ पर बच्ची की लाश टंगी मिली। पैर जमीन से महज 4 इंच ऊपर थे। अपनी बेटी की ऐसी स्थिति देखकर मां के होश उड़ गए। यह घटना सीतापुर के एक गांव की है। क्या हुआ..कैसे हुआ..आरोप किस पर है..आइए इस पूरी घटना को एक तरफ से जानते हैं…

पिता कहीं से भी आते, पानी के लिए बेटी को बुलाते

बच्ची के बैग पर लिखा है 'खूब पढ़ें, आगे बढ़ें', लेकिन परिवार के पास इतना पैसा ही नहीं था कि वो उसे आठवीं के बाद पढ़ा सकें।

बच्ची के बैग पर लिखा है ‘खूब पढ़ें, आगे बढ़ें’, लेकिन परिवार के पास इतना पैसा ही नहीं था कि वो उसे आठवीं के बाद पढ़ा सकें।

घटना पिसवां थाना क्षेत्र के एक गांव की है। यहां दलित बस्ती में एक परिवार अपनी दो बेटी-दो बेटों के साथ रहता था। पिता मजदूरी करते हैं। घर पर एक गुमटी है। जिस पर उनकी बेटियां व पत्नी रहती हैं। बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। दूसरे नंबर की बेटी पर ही अब जिम्मेदारी थी। उसने 8वीं तक पढ़ाई की और फिर छोड़ दिया। कहती थी- मां परिवार की स्थिति ऐसी नहीं कि मैं आगे पढ़ूं। इसलिए अब तुम्हारे ही साथ रहकर घर का और दुकान का काम देखूंगी।

बच्ची घर में सबकी दुलारी थी। पिता जब भी मजदूरी करके आते, उसे ही खोजते। आवाज लगाते तो वह पानी लेकर आ जाती थी। बच्ची अपने दादी की भी खास थी। इसलिए उन्हीं के साथ उसका पूरा वक्त बीतता था।

बाथरूम के लिए निकली और फिर वापस नहीं लौटी
12 अगस्त को सबकुछ सामान्य था। पिता काम करने गए थे। मां-दादी और घर के दो छोटे भाई घर पर ही थे। बच्ची ने सभी के लिए शाम को खाना बनाया। उनके ही साथ बैठकर खाना खाया। रात के 10 बजे तक सब घर के सामने वाले छप्पर में सो गए। पिता घर के बाहर बनी गुमटी के बगल रखे तख्त पर सोए थे। रात करीब 12 बजे बच्ची को बाथरूम आया। घर के सामने खाली जमीन थी। रात में लोग उसी तरफ चले जाते थे। बच्ची भी उधर ही गई।

कुछ देर बीता तो बच्ची की मां की आंख खुली। उन्होंने देखा कि बेटी अपने बिस्तर पर नहीं है। मां ने तुरंत अपनी सास और पति को जगाया। बेटी के गायब होने की सूचना 10 मिनट में ही पूरे गांव में फैल गई। घर से करीब 200 मीटर दूर गांव के प्रधान का घर था। वह भी तुरंत मौके पर पहुंचे। आसपास के गांव के लोगों को फोन किया और उन्हें तुरंत बच्ची को खोजने में लगा दिया। 112 नंबर पर कॉल करके पुलिस को सूचना दे दी गई।

यह वही जगह है जहां बच्ची शौच के लिए गई। यहीं से आरोपी उसे घसीट कर ले गए।

यह वही जगह है जहां बच्ची शौच के लिए गई। यहीं से आरोपी उसे घसीट कर ले गए।

कोई मक्के के खेत में तो कोई तालाब के आसपास खोज रहा था। बच्ची का कुछ भी पता नहीं चला। कुछ लोग रात में करीब 2 बजे घर के सामने लगे गन्ने के बीच से गुजरे रास्ते के बीच खोजना तय किया। बरसात के चलते बड़ी-बड़ी घास उग आई थी। करीब 200 मीटर दूर जाने पर एक जगह खेत में रौंदा हुआ था। जो खोज रहे थे उन्हें बच्ची के आसपास होने का हिंट मिल चुका था। लोग करीब 100 मीटर आगे गए तो बच्ची की लाश टंगी मिली। लाश देखते ही हड़कंप मच गया। मौके पर नजदीकी पुलिस चौकी के सिपाही और दरोगा पहुंच गए।

जमीन से 4 इंच ऊपर लटकी लाश खड़ा कर रही सवाल
हम बच्ची की दादी और मां से मिले। दादी कहती हैं कि बच्ची जब उठी तो मुझे एहसास हुआ। लेकिन मुझे नहीं लगा कि उसके साथ कोई घटना हो जाएगी। कुछ देर बाद जब मैं भी उठी तो लगा कि कुछ दूर पर कोई व्यक्ति बंदूक टांगकर खड़ा है। हमें कोई शक नहीं हुआ इसलिए हम फिर से सो गए। लेकिन जब बेटी के गायब होने को लेकर हंगामा हुआ तो हम उठे।

बच्ची की मां ने बताया कि उसे खाना-बनाना बहुत पसंद था। हर रात वही खाना बनाकर पूरे परिवार को खिलाती थी।

बच्ची की मां ने बताया कि उसे खाना-बनाना बहुत पसंद था। हर रात वही खाना बनाकर पूरे परिवार को खिलाती थी।

बच्ची की मां कहती हैं, “मेरी बेटी बहुत अच्छी थी। गांव में किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। उसने 8वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। वह कहती थी कि घर पर जानवर वगैरह हैं, तुम पूरा काम करती हो, अब मैं बड़ी हो गई हूं इसलिए तुम्हारी मदद करूंगी। जिस दिन उसको मारा गया उस दिन वह सबके लिए सब्जी-चावल बनाई और फिर सबको खिलाया। रात में उसे पड़ोस का ही शादाब उठा ले गया। हम अपनी बेटी को खोजने के लिए हर जगह भागे। गन्ने के खेत के आगे वहां की झाड़ियां रौंदी हुई थी। वहां मेरी बेटी की हत्या हुई और फिर लाश पेड़ पर टांग दी गई।

मौके पर हमें गांव के प्रधान मिले। वह भी दलित वर्ग के हैं। वह कहते हैं, “जैसे ही हमें बच्ची के गायब होने की सूचना मिली, हमने तुरंत ही आसपास की सभी पुलिस चौकियों को फोन कर दिया। वह भी खोजने में लग गए। जब नहीं मिली तो हम लोग घर से ही कुछ दूर पर जाकर खड़े हो गए। तभी शादाब कहीं से भागते हुए आया। उसे लोगों ने पकड़ लिया। पूछा कि कहां से आ रहे हो? उसने कहा कि मैं यहीं चाची को फोन से बात करवाने आया था। पास में ही चाची आ गई। उन्होंने कहा कि न तो मेरे बेटे के पास फोन है न मेरे पास, फिर रात 12 बजे कहां से फोन आएगा?”

घर से करीब 300 मीटर की दूरी पर यह वही पेड़ है जहां रात करीब 2 बजे उस बच्ची की लाश लटकती हुई मिली।

घर से करीब 300 मीटर की दूरी पर यह वही पेड़ है जहां रात करीब 2 बजे उस बच्ची की लाश लटकती हुई मिली।

प्रधान बताते हैं, “बच्ची के गले में फांसी का जो फंदा लगा हुआ था वह अजीब तरह से बांधा गया था। उससे गला कसा ही नहीं जा सकता। ऊपर भी कुछ इस तरह से बांधा गया था जो वह बच्ची नहीं बांध सकती थी। चप्पल उसका नीचे लाश के पास रखा था। जमीन से महज 4 इंच ऊपर वह लटकी हुई थी। कुल मिलाकर उसे मारकर यहां टांगा गया। पुलिस के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे, उन्होंने जल्दबाजी में लाश उतारकर उसे अपनी गाड़ी से पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।”

बच्ची की मां कहती हैं, आरोपी बड़े लोग हैं। वह धमकी देते हैं। कहते हैं कि छूटकर आऊंगा तो यहां तुम लोगों को रहने नहीं दूंगा। कहती हैं, जैसे मेरी बेटी को मारकर टांगा गया उसी तरह से इन लोगों को भी फांसी हो। इतना बोलकर वह जमीन पर बैठ गई। आसपास के लोग बताते हैं, बच्ची की मौत के बाद यह गुमसुम से हो गई हैं। गांव के बाहर बच्ची दफनाई गई है, वह भागकर वहां पहुंच जाती हैं। मिट्टी खोदने लगती हैं। किसी तरह से पकड़कर लाते हैं।

  • पीड़ित परिवार से मिलने के बाद हम आरोपी परिवार के पास पहुंचे। जो घटना स्थल से करीब 300 मीटर और पीड़ित परिवार से 100 मीटर की दूरी पर था।

शादाब के साथ उसके पिता, दोस्त और जीजा को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शादाब की बहन कहती है, रात में पुलिस हमारे घर आई। हमने दरवाजा खोला। उन्होंने शादाब के साथ हमारे अब्बू और पति के बारे में पूछा। उन्होंने पति का जो नाम लिया वह भी गलत था। हमने कहा कि सब हैं। वह अंदर आए और सभी को लेकर चले गए। अगर हमारे भाई, पापा और पति दोषी होते तो क्या वह हत्या करके घर पर होते। वह तो भाग गए होते।

गांव में ये पोस्टर लगा है। जिसमें उन दो आरोपियों, शादाब और लहीक की भी तस्वीरें हैं। पुलिस ने इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।

गांव में ये पोस्टर लगा है। जिसमें उन दो आरोपियों, शादाब और लहीक की भी तस्वीरें हैं। पुलिस ने इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं
हम पिसवां थाना की कुतुब नगर चौकी पर पहुंचे। वहां मौजूद पुलिस कर्मी इस मामले पर कुछ भी ऐसा नहीं बोलते जो यहां लिखा जाए। चौकी इंचार्ज कहते हैं कि मामले की जांच बड़े अधिकारी कर रहे हैं। अब तक 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इसमें शादाब के अलावा उसका दोस्त, शादाब के पिता और उसके जीजा गिरफ्तार किए गए हैं। मामले की जांच चल रही है।

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