लखीमपुर हिंसा: किसानों को रौंदने वाली जीप में सवार आरोपी सुमित दबोचा गया, हिंसा के बाद से अंडरग्राउंड था

लखनऊ2 मिनट पहले

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आरोपी सुमित जायसवाल उर्फ मोदी जीप से उतरकर भागते हुए।

लखीमपुर हिंसा में सोमवार को पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी। प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचलने वाली थार जीप में सवार सुमित जायसवाल उर्फ मोदी को पुलिस ने लखीमपुर से गिरफ्तार किया है।उसके साथ तीन अन्य को भी पकड़ा गया है। इन सभी को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

सुमित का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वह जीप से उतरकर भागते हुए दिखा था। उसी ने किसानों के खिलाफ हत्या की एफआईआर भी दर्ज कराई थी। जिसमें दावा किया था कि उनके ड्राइवर, दोस्त और दो भाजपा कार्यकर्ताओं को घटना के बाद पीट-पीटकर मार डाला गया था।

सोमवार को ही पुलिस ने सुमित की तरफ से दर्ज कराए गए मुकदमे के आरोपी किसानों के बयान लिए थे। सुमित केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे और हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र का बेहद करीबी है। वह लखीमपुर शहर में रहता है।

सुमित घटना के समय थार जीप में सवार था
SIT ने सुमित के साथ ही नंदन, शिशुपाल और सत्य प्रकाश को गिरफ्तार किया है। सत्य प्रकाश के पास से लाइसेंसी रिवॉल्वर और कारतूस बरामद हुआ है। थार जीप के ड्राइवर व अन्य की मौत के बाद ये माना जा रहा है कि सुमित जायसवाल ही अकेला मामले का चश्मदीद बचा है।

इससे पहले पुलिस केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास के भतीजे अंकित दास उसके गनर लतीफ उर्फ काले, शेखर और आशीष पांडेय को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। लखीमपुर केस में अब तक 10 आरोपी पकड़े जा चुके हैं।

केस दर्ज कराने के बाद अंडरग्राउंड हो गया था सुमित
सुमित घटना वाले दिन से अंडरग्राउंड हो गया था। पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी। पुलिस का मानना है कि सुमित की गिरफ्तारी के साथ ही मामले में कई बड़ी जानकारियां सामने आ सकती हैं। यह भी स्पष्ट हो पाएगा कि घटना के समय गाड़ी में कौन-कौन लोग मौजूद थे।

पुलिस ने घटना से जुड़े 39 वीडियो जुटाए
पुलिस ने घटना से जुड़े 39 वीडियो साक्ष्य एकत्र किए हैं। इनमें घटनास्थल के वीडियो से लेकर सीसीटीवी फुटेज भी शामिल हैं। पुलिस अभी भी इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों को जुटा रहीं है। पुलिस ने घटना के वीडियो और फोटो के आधार पर 22 लोगों को चिह्नित कर उन्हें नोटिस भेजा था, लेकिन ये सभी लोग अब तक फरार थे। यहां तक कि वादी खुद पुलिस के सामने नहीं आ रहा था।

मंत्री ने कहा- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
लखीमपुर हिंसा के बाद विपक्ष और किसान संगठन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। सोमवार को किसानों ने देशभर में रेल रोको आंदोलन किया। विपक्षी पार्टियां भी कह रही हैं कि पद पर रहते हुए निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। इस बीच अजय मिश्र टेनी का एक नया बयान आया है। उन्होंने कहा, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में ये घटना हुई है। यह घोर लापरवाही है। रोड पर कब्जा होने क्यों दिया गया? बैरिकेड लगाकर किसानों की आवाजाही को बंद क्यों नहीं किया गया? अजय मिश्र ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए सरकार ने जांच एजेंसियों को खुली छूट दी है। टेनी ने यह बयान सोमवार को घटना में मृतक श्याम सुंदर निषाद के परिजनों से मुलाकात के बाद दिया है।

हिंसा के बाद किसानों ने थार जीप में आग लगा दी थी।

हिंसा के बाद किसानों ने थार जीप में आग लगा दी थी।

लखीमपुर में 3 अक्टूबर को भड़की थी हिंसा
रविवार यानी तीन अक्टूबर को किसानों ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इसी दौरान एक गाड़ी ने किसानों को कुचल दिया था। इससे 4 किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में आरोप है कि किसानों ने एक ड्राइवर समेत चार लोगों को पीट-पीटकर मार डाला था। इस हिंसा में एक पत्रकार भी मारा गया। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र समेत 15 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया है।

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