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- Railway Minister Ashwini Vaishnav Reveal Train Accident In Andhra Pradesh In 2023
नई दिल्ली2 घंटे पहले
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यह ड्रोन शॉट रायगढ़ आंध्रप्रदेश में अक्टूबर 2023 में हुए रेल हादसे का है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले साल 29 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में हुए ट्रेन हादसे को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। वैष्णव ने शनिवार (2 मार्च) को बताया कि जिन दो पैसेंजर ट्रेनों की टक्कर में 14 यात्रियों की मौत हुई थी, उनमें से एक के पायलट और को-पायलट फोन पर क्रिकेट मैच देख रहे थे।
हादसे में रायगड़ा पैसेंजर ट्रेन के पायलट और को-पायलट की मौत हो गई थी। रेलवे के शुरुआती जांच में दोनों को हादसे के लिए जिम्मेदार माना गया था। क्योंकि उन्होंने दो लाल सिग्नल पार कर दिए थे। हादसे में 50 से अधिक यात्री घायल भी हुए थे।
हादसे की अगली सुबह की तस्वीर, जब रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था।
सिगनल ओवरशूट के बाद टक्कर हुई
ईस्ट कोस्ट रेलवे के CPRO बिस्वजीत साहू ने बताया था कि हादसा मानवीय भूल के चलते हुआ। विशाखापट्टनम-रायगड़ा पैसेंजर ट्रेन के ड्राइवर ने सिग्नल को ओवरशूट किया, जिससे यह आगे चल रही विशाखापट्टनम-पलासा पैसेंजर ट्रेन से भिड़ गई। टक्कर से दोनों ट्रेन के पांच डिब्बे पटरी से उतर गए। इनमें से 3 कोच आगे की ट्रेन के और दो पीछे आ रही ट्रेन के थे।
सिग्नल ओवरशूट तब होता है जब कोई ट्रेन रेड सिग्नल पर रुकने के बजाय आगे बढ़ जाती है। हादसे के बाद इस रूट पर 33 ट्रेनें रद्द कर दी गई थीं। 11 ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द की गईं और 22 ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया था।
रेल मंत्री ने एक्सीडेंट रोकने कवच सिस्टम लगाने की बात कही थी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मई 2022 में ट्रेन में लगने वाले कवच सिस्टम के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था- ‘कवच एक ऑटोमेटिक रेल प्रोटेक्शन की टेक्नोलॉजी है। इसमें ये होता है कि मान लीजिए दो ट्रेन गलती से एक ही ट्रैक पर आ जाएं तो उनके पास आने से पहले कवच ब्रेक ट्रेन को रोक देगी, जिससे एक्सीडेंट होने से बच जाएगा।’ रेल मंत्री के इस ब्यान के बाद से ट्रेन डीरेल होने के कई मामले सामने आ चुके हैं।
ट्रायल के एक साल बाद सिर्फ 65 इंजनों में लगा कवच
मई 2022 में अश्विनी वैष्णव ने रेल हादसे रोकने के लिए इंजनों को सुरक्षा कवच पहनाने की घोषणा की थी। एक साल बाद भी 19 रेलवे जोन में से सिर्फ सिकंदराबाद में ही कवच लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई है। देश में कुल 13,215 इलेक्ट्रिक इंजन हैं। इनमें सिर्फ 65 लोको इंजनों को ही कवच से लैस किया गया है। 2022-23 वित्तीय वर्ष में भारतीय रेलवे ने देशभर में कम-से-कम 5000 किलोमीटर रूट पर कवच लगाने का लक्ष्य रखा था।