रामगोपाल यादव ने कमलनाथ को छुटभैया नेता कहा: कांग्रेस बोली- हम जाति जनगणना के सबसे बड़े समर्थक; अखिलेश ने कहा था- पहले विरोधी थे

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नई दिल्ली/लखनऊएक घंटा पहले

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नवंबर में पांच राज्यों में चुनाव होने हैं। विपक्षी गठबंधन INDIA में कांग्रेस और सपा शामिल हैं। मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने अखिलेश-वखिलेश कह दिया। इसके बाद सपा नेता रामगोपाल यादव ने कमलनाथ को छुटभैया करार दे दिया।

कमलनाथ के ‘अखिलेश-वखिलेश’ बयान पर विवाद हो रहा है। अब समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रामगोपाल यादव ने कमलनाथ का नाम लिए बगैर कहा कि मैं कुछ नहीं कहना चाहता। वे छुटभैये नेता है। मध्य प्रदेश में सीटों के बंटवारे पर बात बिगड़ने के बाद कांग्रेस और सपा के बीच तल्खी देखी जा रही है। जानकारों का कहना है कि इसका इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) पर भी असर पड़ सकता है।

इस बीच, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी कहा कि हमारी पार्टी जाति जनगणना की सबसे बड़ी समर्थक है। जातिगत जनगणना देश की जरूरत है। कुछ समुदायों को ऊपर उठाए बिना देश की तरक्की नहीं की जा सकती।

दरअसल अखिलेश यादव ने कहा था कि कांग्रेस ने पहले इसका विरोध किया था। कांग्रेस अब जाति जनगणना का समर्थन कर रही है, यह पार्टी के लिए एक चमत्कार है।

ऐसे आया था अखिलेश-वखिलेश वाला बयान
अखिलेश ने 19 अक्टूबर को कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए सीटों के बंटवारे में कमलनाथ से लेकर दिग्विजय सिंह तक की भूमिका पर सवाल उठाए थे। 20 अक्टूबर को जब कमलनाथ से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘छोड़िए अखिलेश-वखिलेश को, हम एमपी में सरकार बना रहे हैं।’

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा था- अखिलेश-वखिलेश को छोड़िए। इस बयान पर विवाद मचा हुआ है।

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा था- अखिलेश-वखिलेश को छोड़िए। इस बयान पर विवाद मचा हुआ है।

वहीं, अखिलेश ने शाहजहांपुर में कहा कि कांग्रेस नेताओं को टिप्पणी करने से पहले सोचना चाहिए। कांग्रेस इसी तरह से बर्ताव करेगी तो कौन उनके साथ खड़ा होगा? भाजपा आर्गनाइज्ड पार्टी है। उससे मुकाबले के लिए कोई कन्फ्यूजन किसी दल के अंदर नहीं होना चाहिए। अगर आप भाजपा से कन्फ्यूजन के साथ चुनाव लड़ेंगे तो कभी कामयाब नहीं होंगे।

क्या INDIA में रार के संकेत हैं?
आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी को टक्कर देने के लिए बना I.N.D.I.A गठबंधन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बिखरता दिख रहा है। सबसे बड़ी दरार कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच दिख रही है। अखिलेश के चिरकुट कहने पर यूपी कांग्रेस के नेता अजय राय बोल गए कि जो नेता अपने पिता का सम्मान नहीं कर सकता, वह हम जैसों का क्या सम्मान करेगा। हालांकि, राय ने बाद में हाथ जोड़कर अखिलेश से माफी भी मांगी, पर इससे दोनों दलों के बीच की दरार कम होती नजर नहीं दिखती।

अखिलेश लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगे हैं। सपा ने सभी विधायकों और जिलाध्यक्षों को 25 अक्टूबर को तलब किया है।

अखिलेश लोकसभा चुनाव की तैयारी में लगे हैं। सपा ने सभी विधायकों और जिलाध्यक्षों को 25 अक्टूबर को तलब किया है।

अखिलेश यादव ने 25 अक्टूबर को अमेठी और रायबरेली के पदाधिकारियों और पूर्व विधायकों की लखनऊ में अहम बैठक बुलाई है। सियासी जानकार मानते हैं कि कांग्रेस की पारिवारिक और वीआईपी सीट अमेठी और रायबरेली से जुड़ी बैठक बुलाकर अखिलेश यादव कोई भी मुरव्वत करने के मूड में नहीं हैं। सियासी जानकार यह भी मानते हैं कि मध्य प्रदेश में जिस तरह कांग्रेस ने राज्यों के गठबंधन में किसी भी दल के साथ ना होने का फैसला किया है और प्रत्याशियों के चयन प्रक्रिया में सपा को तवज्जो नहीं दी। इसी वजह से अखिलेश अब नई रणनीति तैयार कर रहे हैं। अखिलेश एक तरफ 2024 चुनाव को लेकर कांग्रेस को बैक फुट पर लाना चाहते हैं।

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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने पर सियासी बयानबाजी जारी है। दोनों दल एक दूसरे पर जुबानी हमले कर रहे हैं। वहीं अखिलेश यादव के बयान से अब स्पष्ट होने लगा है कि INDIA गठबंधन में पहली दरार पड़ गई है। हालांकि, इससे पहले दोनों दलों में काफी लंबी बातचीत चली, लेकिन उसके बाद भी बात नहीं बन पाई है। दरअसल, समाजवादी पार्टी के विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर अखिलेश यादव और एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ के बीच कई दौर की बातचीत हुई थी। पूरी खबर पढ़ें…

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