राजनीति: विपक्षी गठबंधन रैलियाँ निकालेगा और सत्ता पक्ष का फोकस है विशेष सत्र

  • Hindi News
  • Opinion
  • Opposition Alliance Will Hold Rallies And Special Session Is The Focus Of Ruling Party

2 घंटे पहलेलेखक: नवनीत गुर्जर, नेशनल एडिटर, दैनिक भास्कर

  • कॉपी लिंक

विपक्षी गठबंधन इंडिया की दो दिनी बैठक समाप्त हो गई। तीन संकल्प सामने आए। पहला – देशभर में गठबंधन की रैलियाँ होंगी। दूसरा- विपक्ष के इस अभियान की थीम होगी- जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया और तीसरा -14 मेंबर की एक कोआर्डिनेशन कमेटी जिसके तेरह सदस्य तय हो चुके हैं।

एक सदस्य सीपीआई (एम) से लेना बाक़ी है। राजद सुप्रीमो लालू यादव ने प्रेस कान्फ्रेंस के बाद कहा- हमने संकल्प लिया है – मोदी जी को हराकर ही दम लेंगे।

तक़रीबन 28 दलों के विपक्षी नेता दो दिन तक मुंबई में माथापच्ची करते रहे लेकिन देश के राजनीतिक हल्क़ों में चर्चा इनकी कम, संसद के विशेष सत्र की ज़्यादा रही।

विपक्षी गठबंधन इंडिया की मुंबई में हुई मीटिंग में 28 राजनैतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया।

विपक्षी गठबंधन इंडिया की मुंबई में हुई मीटिंग में 28 राजनैतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया।

वह विशेष सत्र जो हाल में घोषित किया गया है। चूँकि इस विशेष सत्र का अब तक कोई एजेंडा तय नहीं हुआ है या घोषित नहीं किया गया है, इसलिए हर कोई तुक्के लगा रहा है। कोई समान नागरिक संहिता लाने की संभावना जता रहा है तो कोई कह रहा है – एक देश, एक चुनाव का फ़ण्डा लाया जा सकता है।

विशेषज्ञों कहना है कि एक देश, एक चुनाव यानी लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने का इरादा अच्छा तो है लेकिन इसमें कई विधिक पेंच सामने आएँगे। वे भी हल किए जा सकते हैं लेकिन एकदम से इसे अमल में लाना थोड़ी टेढ़ी खीर प्रतीत होती है। कई राज्यों के चुनाव आगे बढ़ाने पड़ सकते हैं और कई के चुनाव समय से पहले कराने पड़ सकते हैं। ऐसे में यह सब चार- छह महीनों का काम नहीं है। इससे भी ज़्यादा वक्त लगेगा।

कुछ लोग महिला आरक्षण या समग्र आरक्षण का कोई नया रूप लाने के बारे में भी संभावना जता रहे हैं लेकिन मोदी तो मोदी हैं। लगता ऐसा है कि तमाम संभावनाओं से अलग वे इस विशेष सत्र में कोई अलग ही मामला लाएँगे। चौंकाना उनकी तासीर में है और निश्चित रूप से सत्ता पक्ष इस बार विशेष सत्र में सबको चौंकाने वाला है।

संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चला था।

संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चला था।

एक साथ चुनाव या अन्य बातें फ़िलहाल इसलिए उछाली जा रही हैं ताकि विपक्ष इन्हीं में उलझा रहे और सत्ता पक्ष अपने गोपनीय एजेंडा पर पुख़्ता काम कर सके।

बहरहाल, विपक्षी गठबंधन की लम्बी चौड़ी कोआर्डिनेशन कमेटी में लालू यादव या राहुल गांधी या मल्लिकार्जुन खडगे या नीतीश कुमार शामिल नहीं हैं। उनकी पार्टी के लोग ज़रूर हैं लेकिन बड़े नेता फ़िलहाल इससे दूर हैं। एनसीपी के शरद पवार ही एक मात्र वरिष्ठ नेता इस कमेटी में शामिल हुए हैं। वैसे भी पार्टी के दो फाड़ होने के बाद उनके पास ज़्यादा नेता अब बचे नहीं है इसलिए और कोई चारा भी नहीं रह गया था।