महामारी से संघर्ष: केरल में कोरोना की संक्रमण दर ने चिंता बढ़ाई; डॉक्टर शारीरिक, मानसिक थकावट से जूझ रहे, कई नौकरी छोड़ने को तैयार

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7 घंटे पहलेलेखक: कोच्चि से भास्कर के लिए  आर रामकुमार

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त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा- ‘हम पूरी तरह थक चुके हैं। तनावग्रस्त हैं। मेरे कई सहयोगी नौकरी छोड़ने की सोच रहे हैं। -सिम्बॉलिक इमेज

केरल ने कोरोना की पहली लहर का सफलतापूर्वक मुकाबला किया था। उसके कोरोना नियंत्रण मॉडल की दुनियाभर में सराहना की गई थी। लेकिन अब वह दूसरी लहर में कोरोना को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रहा है। देश के नए कोरोना मरीजों में से 50% केरल में मिल रहे हैं। राज्य में लगातार सात दिन से 20 हजार से अधिक कोरोना मरीज आ रहे हैं। यहां कोरोना संक्रमण की दर बढ़कर 13.61% हो गई है, जो कि देश में सबसे अधिक है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जून के आखिरी हफ्ते में केरल में कोरोना संक्रमण की दर गिरकर 9.44% हो गई थी। नए मरीजों की सख्या घटकर 8,000 पर आ गई थी। उसके बाद 28 जुलाई को 22,129 और 29 जुलाई को 24,064 नए मरीज मिले। अब केरल में वीकेंड लॉकडाउन चल रहा है। केंद्र की 6 सदस्यीय टीम भी केरल का दौरा कर चुकी है। टीम संक्रमण की रोकथाम के लिए अपनी रिपोर्ट भी दे चुकी है।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर लंबे समय तक मरीज बढ़ते रहे तो कोरोना के म्यूटेशन की आशंका बढ़ जाएगी। नए वैरिएंट के खतरे भी बढ़ जाएंगे। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा- ‘मार्च के बाद से केरल में डेल्टा वैरिएट का फैलाव बढ़ा है। उच्च टीकाकरण दर और बेहतर निगरानी के कारण इस वैरिएंट से हम मुकाबला कर पा रहे हैं। चिंता की बात यह है कि संक्रमण दर कम रहने पर लोग कोरोना नियमों का पालन कम कर देते हैं। इससे स्थिति बिगड़ने लगती है।’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार केरल में 39.90% लोगों को कोरोना का कम से कम एक टीका लग चुका है। जबकि 16% को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ एनएम अरुण बताते हैं कि अस्पतालों में व्यवस्था जर्जर हो चुकी है। स्वास्थ्य कर्मी शारीरिक और मानसिक थकावट का सामना कर रहे हैं।’ त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा- ‘हम पूरी तरह थक चुके हैं। तनावग्रस्त हैं। मेरे कई सहयोगी नौकरी छोड़ने की सोच रहे हैं।

हमारा निजी और पारिवारिक जीवन प्रभावित हुआ है। कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी के लिए उच्च अधिकारियों को दोषी ठहराया जा रहा है। जबकि लोग जिम्मेदारी पूर्ण व्यवहार नहीं कर रहे हैं।’ वहीं, कोल्लम जिले के स्वास्थ्य निरीक्षक पी. मनोज कहते हैं, ‘लोग जांच कराने से कतरा रहे हैं। लोगों को 17 दिन के क्वारेंटाइन में भेजे जाने का डर है। ऐसे रवैये से मरीज बढ़ने की आशंका रहती है।’ विशेषज्ञों का मानना है कि 20 अगस्त को ओणम होगा। इस दौरान भारी भीड़ होने पर संक्रमण तेज हो सकता है।

अनलॉक के बावजूद पर्यटक नहीं पहुंच रहे, क्योंकि केस बढ़ रहे हैं

विशेषज्ञों का मानना है कि 20 अगस्त को ओणम होगा। इस दौरान भारी भीड़ होने पर संक्रमण तेज हो सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि 20 अगस्त को ओणम होगा। इस दौरान भारी भीड़ होने पर संक्रमण तेज हो सकता है।

केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने कहा- ‘लॉकडाउन ने विशेष रूप से 2020-21 की पहली तिमाही के दौरान राज्य के वित्त पर प्रतिकूल प्रभाव डाला। सरकार पर्यटन, एमएसएमई, कृषि जैसे क्षेत्रों को तेजी से बढ़ावा देने की योजना बना रही है।’

केरल की अर्थव्यवस्था को 2020-21 में 1,56,041 करोड़ रु. की जीएसडीपी का नुकसान उठाना पड़ा है।

अर्थशास्त्री राहुल नांबियार कहते हैं,उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में 50 से 80% तक नुकसान हुआ है। ज्यादातर क्षेत्रों में रोजगार दर 50% तक गिरी है। कोरोना से पहले केरल में करीब 7 लाख प्रवासी मजदूर थे। इनमें से कई लोग अपने राज्यों में चले गए और वापस नहीं लौटे।’ कोच्चि के एक शिकारा प्रबंधक ने कहा कि अनलॉक के बावजूद पर्यटक नहीं आ रहे हैं, क्योंकि मामले बढ़ रहे हैं।

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