मणिपुर में कांग्रेस कैंडिडेट की सभा में फायरिंग: पार्टी बोली- ऐसे माहौल में चुनाव कैसे होंगे; राज्य की 2 सीटों पर दो फेज में वोटिंग

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इंफाल3 घंटे पहले

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पौरेई शिरुई गांव में ग्राम समिति की बैठक में मौजूद लोगों ने गोलीबारी का वीडियो बना लिया।

मणिपुर के उखरुल में सोमवार 18 मार्च को कांग्रेस पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार की बैठक में गोलीबारी हो गई। उखरुल के पौरेई शिरुई गांव में अल्फ्रेड कांगनम आर्थर ग्राम स्तरीय परामर्श बैठक में भाग ले रहे थे, तभी कुछ लोगों ने गोलियां चला दीं। हालांकि कांगनम को कोई चोट नहीं आई है।

उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मेघचंद्र ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि अगर ऐसी घटनाएं जारी रहेंगी तो राज्य में चुनाव कैसे होंगे। उन्होंने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पर्याप्त सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है।

चुनाव आयोग ने 16 मार्च को लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है। इसके मुताबिक मणिपुर की दो सीटों पर दो फेज में चुनाव होंगे। एक सीट पर 19 अप्रैल को और दूसरी सीट पर 26 अप्रैल को वोटिंग होगी।

कांगनम उखरुल विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं।

कांगनम उखरुल विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं।

कांग्रेस का आरोप- ये दहशत फैलाने किया गया
के मेघचंद्र ने राज्य में शांति और सामान्य हालात को लेकर बिरेन सिंह के दावों पर भी सवाल उठाया। पीसीसी अध्यक्ष ने चुटकी लेते हुए कहा कि यह घटना कांग्रेस समर्थकों के बीच दहशत पैदा करने की कोशिश है। कांग्रेस ने अभी तक लोकसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, हालांकि आउटर मणिपुर लोकसभा से अल्फ्रेड कांगनम आर्थर और इनर मणिपुर सीट के लिए बिमोल अकोइजाम को चुने जाने की पूरी संभावना है।

अल्फ्रेड कांगनम-बिमोल के नाम पर हुआ था विरोध
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक अल्फ्रेड कांगनम आर्थर और बिमोल अकोइजाम पार्टी के कद्दावर नेता ओ इबोबी सिंह के पसंदीदा हैं। इबोबी 3 बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और सोनिया गांधी के करीबी माने जाते हैं। हालांकि इनर मणिपुर से चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले हरेशोर गोस्वामी और तिलोत्तमा देवी ने बिमोल अकोइजाम को मैदान में उतारने के पार्टी के फैसले पर खुले तौर पर नाराजगी व्यक्त की थी।

मणिपुर की एक सीट पर 2 फेज में मतदान
इलेक्शन शेड्यूल जारी होते ही यह चर्चा होने लगी थी कि सीटों की संख्या 543 से बढ़कर 544 कैसे हो गई है। हालांकि बाद में इसकी वजह सामने आई कि मणिपुर की आउटर मणिपुर लोकसभा सीट है। इस लोकसभा सीट में 28 विधानसभा सीटें है। 15 विधानसभा सीटों में 19 अप्रैल को और 13 विधानसभा सीटों में 26 अप्रैल को मतदान होगा।

मणिपुर में 3 मई 2023 से जारी है हिंसा
मणिपुर हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद मणिपुर में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें राज्य सरकार को गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया गया था। इस आदेश के कारण बड़े पैमाने पर जातीय झड़पें हो चुकी हैं। 3 मई को राज्य में पहली बार जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों घायल हुए हैं।

21 फरवरी को मणिपुर हाईकोर्ट ने आदेश वापस लिया
मणिपुर हाईकोर्ट ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल करने पर विचार करने के आदेश को रद्द कर दिया है। 21 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस गोलमेई गैफुलशिलु की बेंच ने आदेश से एक पैराग्राफ को हटाते हुए कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट की कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच के रुख के खिलाफ था। गौरतलब है कि 27 मार्च 2023 के इसी निर्देश के बाद मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें अब तक 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।

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मणिपुर के 5 जिलों में 1853 अवैध गांव बस गए

म्यांमार बॉर्डर से सटे 5 पहाड़ी जिलों में अनजान गांवों की बाढ़ आ गई है। इससे मणिपुर की डेमोग्राफी बिगड़ गई है। राजस्व विभाग से मिले डेटा से पता चला है कि 2006 से अब तक मणिपुर के 5 पहाड़ी जिलों में 1853 अवैध गांव बस चुके हैं। ज्यादातर गांव मुख्य सड़क से 5-6 किमी अंदर घने जंगलों में हैं। यहां 15 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं और इनमें कई वोटर भी बन चुके हैं। पिछले साल मई में हिंसा भड़कने की एक बड़ी वजह ये गांव भी थे। पढ़ें पूरी खबर…

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