मोतिहारी10 घंटे पहले
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एनआईए का मोस्ट वांटेड और पीएफआई के राज्य सचिव रियाज मारूफ उर्फ बबलू को मोतिहारी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार पीएफआई सदस्य को पकड़ने के लिए एनआईए और एटीएस की टीम लगातार छापेमारी कर रही थी। एनआईए और एटीएस की टीम पिपरा थाने में रियाज से पूछताछ कर रही है।
पटना के फुलवारी टेरर मॉड्यूल में रियाज का नाम सामने आया था। पीएफआई का मिशन 2047 तक भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना था।
सूत्रों के अनुसार रियाज को बेटा हुआ है। जश्न और पार्टी मनाने के लिए वह सुभाष मार्केट में मछली खरीदने गया था। इसकी भनक एसपी को लग गई। जिसके बाद सादे लिबास में पहुंची पुलिस ने बाजार में घेरकर रियाज को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल पूछताछ के बाद चकिया एसडीपीओ शैलेंद्र सिंह के नेतृत्व में रियाज के घर पर छापेमारी की जा रही।
पीएफआई के इस राज्य सचिव की तलाश एटीएस और एनआईए की टीमों को काफी दिनों से थी। एसपी कांतेश मिश्रा ने बताया कि सुबह करीब 10 बजे के आसपास उसकी गिरफ्तारी हुई है।
पूछने पर वो खुद को PFI का वाइस प्रेसिडेंट बता रहा है। उसके खिलाफ NIA और एक थाने में केस दर्ज है। गिरफ्तारी को लेकर NIA को सूचना दे दी गई है। बाकी जानकारी पूछताछ के बाद बता पाएंगे।
पीएफआई के राज्य सचिव की तलाश एटीएस और एनआईए की टीमों को काफी दिनों से थी।
राइट हैंड याकूब पहले ही हो चुका गिरफ्तार
एसपी कान्तेश कुमार मिश्रा को गुप्त सूचना मिली थी कि रियाज सुभाष मार्केट में आया है। जिसके बाद चकिया थानाध्यक्ष धनंजय कुमार को उसकी गिरफ्तारी का निर्देश दिया। मालूम हो कि 19 जुलाई को रियाज का राइट हैंड याकूब भी गिरफ्तार हो चुका है। वो चकिया में ट्रेनिंग कैंप चलाता था। याकूब की निशानदेही पर 5 अगस्त को पीएफआई के दो सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया था। शाहिद रजा और फैसल अली उर्फ मो. कैफ थे।
याकूब ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए नेपाल से आ रही शिला के लिए भी विवादित बयान दिया था, जिसके बाद से वो जांच एजेंसी की रडार पर था।
एक साल से रियाज की हो रही थी तलाश
जुलाई 2022 में पटना के फुलवारी शरीफ में पीएफआई के देश विरोधी गतिविधि सामने आने के बाद PFI के राज्य सचिव रियाज मारूफ का नाम सामने आया था। रियाज मारूफ उर्फ बबलू को नामजद किया गया था। वह मोतिहारी में चकिया थाना क्षेत्र के कुअवा गांव का रहने वाला है। उस वक्त रियाज के घर पर करीब 4 घंटे छापेमारी हुई थी।
एनआईए करीब एक साल से उसे तलाश रही थी। वो बड़े आराम से अपने घर पर रह रहा था और नगर निकाय चुनाव के दौरान काफी सक्रिय भी था। उसने अपनी भाभी को चुनाव लड़वाया और उसकी जीत का जश्न सड़कों पर मनाया था।
एसपी कांतेश मिश्रा के निर्देश पर की गई गिरफ्तारी।
भारत को इस्लामिक देश बनाने का था प्लान
मालूम हो कि पटना के फुलवारी शरीफ के अहमद पैलेस की दूसरी मंजिल में आतंकियों के ट्रेनिंग सेंटर का खुलासा हुआ था। मामले में 12 जुलाई 2022 को 26 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल का सबसे खतरनाक मकसद था।
सिमी के पुराने सदस्यों की मदद से 2047 तक मुस्लिम राष्ट्र बनाने के मकसद से पीएफआई (PFI) बिहार में अपने संगठन और नेटवर्क को मजबूत करने में लगा हुआ था। सिमी एक संगठन था जिसके प्रतिबंधित होने के बाद पीएफआई आया।
इसके बाद से मोतिहारी का चकिया इलाका लगातार सुर्खियों में रहा है। चकिया में अब तक चार बार एनआईए की टीम आ चुकी है।
मोतिहारी में कब-कब हुई छापेमारी
पीएफआई से जुड़े सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए एनआईए और एटीएस की टीम लगातार मोतिहारी के चकिया और मेहसी थाना क्षेत्र में छापेमारी कर रही है। पहली बार पीएफआई के सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए एनआईए की टीम चकिया थाना क्षेत्र में कुआवा गांव के बबलू के घर पर 28 जुलाई 2022 को छापेमारी की थी।
उसके बाद 4 फरवरी को दूसरी बार, 20 फरवरी को तीसरी बार,17 मार्च को चौथी बार, 25 अप्रैल को 5वीं बार,19 जुलाई को छठी बार जिसमें ट्रेनिंग कैंप चलाने वाले याकूब को एटीएस ने गिरफ्तार किया था। 7वीं बार 5 अगस्त को याकूब को लेकर चकिया पहुंची, उसकी निशानदेही पर साजिद रेजा के साथ मो. कैफ को गिरफ्तार किया था।
PFI के पास से मिला था मिशन 2047 का रोड मैप
पटना के फुलवारी शरीफ से PFI के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। फुलवारी शरीफ के ASP मनीष कुमार ने जानकारी दी थी कि PFI के पास से इंडिया 2047 नाम का 7 पेज का डॉक्यूमेंट मिला। इसमें दर्ज प्लान पर काम करते हुए ये अगले 25 साल में भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते थे। इसी टारगेट को पूरा करने के लिए मुस्लिम युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी।
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