पंजाब में अब मंत्रालय को लेकर फंसा पेंच: डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा चाहते हैं होम मिनिस्ट्री; सिद्धू मुख्यमंत्री के पास रखने को कह रहे, मामला हाईकमान तक पहुंचा

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जालंधर18 मिनट पहले

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सोमवार को नए मंत्रियों के साथ कैबिनेट बैठक करते मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी।

पंजाब में मंत्री पद के बाद अब मंत्रालय को लेकर पेंच फंस गया है। सबसे बड़ी वजह होम मिनिस्ट्री है। डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा के समर्थक विधायक चाहते हैं कि गृह विभाग रंधावा को दिया जाए। वह मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए थे। इसकी बड़ी वजह ड्रग्स और बेअदबी मामले में चन्नी सरकार पर कार्रवाई का दबाव है। इसके उलट नवजोत सिद्धू इसके लिए राजी नहीं है। उनका कहना है कि यह विभाग मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी के पास ही होना चाहिए।

सूत्रों की मानें तो सिद्धू के इस दबाव को सियासी तौर पर भी देखा जा रहा है। अगर रंधावा पुलिस के जरिए बड़े मामलों में कार्रवाई कर गई तो फिर उनके आगे सिद्धू की सियासी चमक फीकी पड़ सकती है। इस खींचतान को देखते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने हाईकमान से संपर्क साधा है। उनकी अजय माकन, केसी वेणुगोपाल और पंजाब इंचार्ज हरीश रावत से बात हो रही है। इस फैसले से पहले राहुल गांधी से भी बात करने की कोशिश की जा रही है, ताकि उनके जरिए इस पर अंतिम मुहर लगवाई जा सके। राहुल इस वक्त शिमला में छुटि्टयां मना रहे हैं।

पंजाब की नई सरकार में मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी और मंत्री।

पंजाब की नई सरकार में मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी और मंत्री।

अकालियों के वक्त डिप्टी सीएम के पास था, कैप्टन ने अपने पास रखा

रंधावा पक्ष के लोगों का कहना है कि पिछली अकाली सरकार में होम मिनिस्ट्री डिप्टी सीएम सुखबीर बादल के पास थी। इसके बाद कैप्टन सरकार आई तो डिप्टी सीएम का पद नहीं था। इसलिए यह मिनिस्ट्री सुखजिंदर रंधावा को मिलनी चाहिए। वहीं, सिद्धू ग्रुप का कहना है कि कांग्रेस की पिछली सरकार में यह पद कैप्टन यानी मुख्यमंत्री के पास था। इसलिए इसे अब भी CM चरणजीत चन्नी के पास ही रखना चाहिए। इसके चलते मंत्रालय आवंटन में देरी हो रही है।

कर्मचारी और ऑफिस मिले, काम क्या करेंगे मंत्री?

पंजाब में नई बनी सरकार के 15 मंत्रियों ने रविवार को शपथ ली थी। नए मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी कैबिनेट की बैठक भी कर चुके हैं। सभी मंत्रियों को निजी कर्मचारी और ऑफिस भी दे दिए गए। हालांकि अब वे सेक्रेट्रिएट में आकर काम क्या करेंगे? इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं है। वहीं, डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा और ओपी सोनी भी बिना विभाग के काम कर रहे हैं।

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