त्रिपुरा निकाय चुनाव पर रोक नहीं: TMC की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- चुनाव टालने से राज्य में गलत ट्रेंड बनेगा

नई दिल्ली11 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

त्रिपुरा हिंसा को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने राज्य में निकाय चुनाव को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। TMC ने सुरक्षा के मद्देनजर निकाय चुनाव को 1 हफ्ते के लिए टालने की मांग की थी।

सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने TMC की इंडिपेंडेंट ऑब्जर्वर की नियुक्ति की मांग को भी नकार दिया है। TMC ने रिटायर्ड इलेक्शन कमिश्नर जैसे अधिकारी को ऑब्जर्वर बनाने की मांग की थी। कोर्ट ने राज्य के DGP और IG (लॉ एंड ऑर्डर) को बुधवार सुबह तक स्टेट इलेक्शन कमिश्नर के साथ मीटिंग करने का निर्देश दिया है। इसमें शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए सुरक्षा स्थिति का आकलन करने को कहा गया है।

जरूरत पड़ने पर होगी और केंद्रीय बलों की तैनाती

कोर्ट ने कहा- जरूरत हो तो होम मिनिस्ट्री से अतिरिक्त केंद्रीय बलों की मांग की जा सकती है।

कोर्ट ने कहा- जरूरत हो तो होम मिनिस्ट्री से अतिरिक्त केंद्रीय बलों की मांग की जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर मीटिंग में केंद्रीय बलों की अतिरिक्त तैनाती को जरूरी समझा जाता है तो इसके लिए होम मिनिस्ट्री से मांग की जा सकती है। DGP, IG और होम सेक्रेटरी को 28 दिसंबर तक चुनाव के रिजल्ट आने तक जिम्मेदारी संभालने को कहा गया है। शिकायतों के हर मामले में दर्ज की गई FIR, कार्रवाई और गिरफ्तारी की जानकारी को 25 नवंबर को कोर्ट में दाखिल करना होगा।

चुनाव टालने से राज्य में गलत ट्रेंड बनेगा
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि वो त्रिपुरा सरकार की तरफ से दी गई जानकारी को रिकॉर्ड पर ले रहे हैं। चुनाव टालने से राज्य में गलत ट्रेंड बनेगा। DGP ने कहा है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को चुनाव प्रचार करने से रोका नहीं जा रहा है। पुलिस सभी पार्टियों के कैंडिडेट्स को सुरक्षा मुहैया करा रही है।

TMC ने कहा- पुलिस मामले को लेकर गंभीर नहीं
TMC की तरफ से वकील जयदीप गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट को कुछ तस्वीरें दिखाईं और कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था बेहद खराब है। पुलिस इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। त्रिपुरा सरकार की ओर से महेश जेठमलानी ने कहा कि चुनाव को हाईकोर्ट में भी टालने की मांग की गई थी। यह याचिका राजनीति से प्रेरित है। सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से राज्य की सुरक्षा को लेकर जानकारी दी गई।

BJP MLA के विवादित भाषण पर सवाल पूछा
कोर्ट ने त्रिपुरा सरकार से MLA अरुण चंद्र भौमिक के 18 अगस्त के भाषण के खिलाफ हुई कार्रवाई पर सवाल पूछा। इसमें कथित तौर पर भौमिक ने BJP कार्यकर्ताओं से तृणमूल नेताओं के खिलाफ तालिबानी स्टाइल में कार्रवाई करने को कहा था।

इस पर राज्य सरकार के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि विधायक को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उन्होंने कहा- मुझे नहीं लगता कि भाषण से हिंसा हुई है, याचिकाकर्ता तिल का ताड़ बना रहे हैं।

खबरें और भी हैं…

.