तेलंगाना कांग्रेस के नेताओं का खड़गे को लेटर: कहा- टिकट न मिलने से पुराने नेताओं में असंतोष, लिस्ट पर फिर विचार करें

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तेलंगानाएक घंटा पहले

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कांग्रेस नेताओं ने लेटर लिखकर खड़गे से अपील की है- उम्मीदवारों की सूची को लेकर सीनियर नेताओं में असंतोष है। इनमें वो नेता भी शामिल हैं, जो दशकों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश के बाद अब तेलंगाना में चुनाव टिकट न मिलने पर कांग्रेस नेताओं में असंतोष की खबरें आ रही हैं। दरअसल, तेलंगाना के दो सीनियर कांग्रेस नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक लेटर लिखा है। जिसमें उन्होंने खड़गे से अपील की है कि विधानसभा चुनाव के लिए जारी उम्मीदवारों की दो लिस्टों पर विचार और संशोधन किया जाए।

खड़गे को यह लेटर तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष जी निरंजन और AICC किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष एम कोदंडा रेड्डी ने लिखा। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों की सूची को लेकर सीनियर नेताओं में असंतोष है। इनमें वो नेता भी शामिल हैं, जो दशकों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।

तेलंगाना में कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्टों से नेताओं में ऐसी राय बनी है कि पार्टी में वफादार नेताओं के बजाय पैराशूट उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि वे भी चुनाव लड़ने में सक्षम हैं। टिकट न मिलने से नाराज कुछ नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा भी दे दिया है। कैडर की भावनाओं और असंतोष को देखते हुए आपसे अनुरोध है कि नेताओं में विश्वास बनाने के लिए उम्मीदवारों की लिस्टों पर विचार करें।

खड़गे ने 29 अक्टूबर को तेलंगाना में जनसभा की। उन्होंने कहा कि हमने कर्नाटक में 5 गारंटी का वादा किया था, उनमें से 4 का फायदा लोगों को मिलने लगा है।

खड़गे ने 29 अक्टूबर को तेलंगाना में जनसभा की। उन्होंने कहा कि हमने कर्नाटक में 5 गारंटी का वादा किया था, उनमें से 4 का फायदा लोगों को मिलने लगा है।

कांग्रेस 100 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी
कांग्रेस ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए अब तक दो लिस्टों में 100 उम्मीदवारों का ऐलान किया है। पार्टी ने पहली लिस्ट 15 अक्टूबर को जारी की थी, जिसमें 55 नाम थे। वहीं, 45 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट 27 अक्टूबर को जारी की थी। इस तरह से कांग्रेस अब तक 119 विधानसभा सीटों में से 100 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। राज्य में 30 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे 5 दिसबंर को आएंगे।

अगर तेलंगाना के 2018 के विधानसभा चुवान के आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने 119 में से 88 सीटें जीती थीं, पार्टी का वोट शेयर 47.4% था। वहीं, कांग्रेस को सिर्फ 19 सीटें मिली थीं।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस को बदलने पड़े थे प्रत्याशी

मध्यप्रदेश कांग्रेस में भी टिकट न मिलने से नेताओं में असंतोष देखने को मिला था। इसके चलते नेताओं के समर्थकों ने प्रदर्शन भी किया। नेता में असंतोष को कम करने के लिए पार्टी ने 4 सीटों सुमावली, बड़नगर, जावरा और पिपरिया पर प्रत्याशी बदल दिए। सुमावली से कुलदीप सिंह सिकरवार की जगह विधायक अजब सिंह कुशवाह को टिकट दिया। 15 अक्टूबर को जारी सूची में सिंह का टिकट काट दिया गया था। 19 अक्टूबर को जारी दूसरी सूची में बड़नगर से राजेंद्र सिंह सोलंकी को टिकट दिया गया था। अब विधायक मुरली मोरवाल को टिकट दिया गया है।

जावरा से हिम्मत श्रीमाल की जगह वीरेंद्र सिंह सोलंकी उम्मीदवार होंगे। पिपरिया सीट से गुरुचरण खरे की जगह वीरेंद्र बेलवंशी को मौका मिला है। इन सीटों पर उम्मीदवार घोषित होने के बाद विरोध हो रहा था। बगावत की आग भोपाल में कमलनाथ के बंगले तक पहुंच गई थी। पार्टी अब तक 7 ​टिकट बदल चुकी है। अब कांग्रेस के 4 टिकट बदले जाने के बाद 51 सीटों पर बागी चुनौती बन गए हैं। क्योंकि जिन 4 सीटों पर प्रत्याशी बदले हैं, उनमें से दो ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

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