झारखंड : सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान रिम्स बना अखाड़ा, जूनियर डॉक्टरों और मरीज के परिजनों के बीच जमकर मारपीट

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची

द्वारा प्रकाशित: कुलदीप सिंह |
अपडेट किया गया सोम, 06 दिसंबर 2021 05:07 AM IST

सार

झारखंड के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान (रिम्स) अस्पताल में भर्ती एक मरीज के परिजनों ने जूनियर डॉक्टरों के साथ वार्ड के अंदर ही जमकर लड़ाई की। परिजनों ने जूनियर डॉक्टरों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मरीज के बेटे को एक कमरे में बंद कर दिया था। करीब 10 मिनट तक 5 से 6 चिकित्सकों ने उसे बुरी तरह से पीटा।

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झारखंड का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान (रिम्स) रविवार के दिन दोपहर करीब साढ़े तीन बजे अखाड़े के मैदान में बदल गया। अस्पताल में भर्ती एक मरीज के परिजनों ने जूनियर डॉक्टरों के साथ वार्ड के अंदर ही जमकर लड़ाई की।

परिजनों ने जूनियर डॉक्टरों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मरीज के बेटे को एक कमरे में बंद कर दिया था। करीब 10 मिनट तक 5 से 6 चिकित्सकों ने उसे बुरी तरह से पीटा। वहीं जूनियर डॉक्टरों द्वारा पुलिस को दी गई अपनी लिखित शिकायत में मरीज के परिजन पर मारपीट का आरोप लगाया है।

यह पूरी घटना मेडिसिन विभाग के डॉ आरएस साहू के यूनिट की है। मारपीट की सूचना पाकर रिम्स टॉप की पुलिस मौके पर पहुंची। उस दौरान मारपीट हो रही थी। पुलिसकर्मियों के सामने डॉक्टरों ने परिजनों को बुरी तरह से पीटा। इसके बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला। हालात को नियंत्रण में किया। बरियातू थाने के एसआई अविनाश कुमार परिजनों को अस्पताल से निकालकर थाने ले गए।

अस्पलाल में भर्ती मरीज के 45 वर्षीय बेटे जगन्नाथपुर निवासी संतोष कुमार ने बताया कि उसकी 85 वर्षीय मां को पैरालिसिस की गंभीर समस्या है। शरीर का एक अंग ठीक से काम नहीं करता है। इसकी शिकायत के बाद वह मां का इलाज कराने रिम्स लेकर आए थे। इस महीने में 3 दिसंबर को डॉ आरएस साहू की यूनिट में मरीज को भर्ती कराया था।

रविवार को इलाज में देरी होने पर संतोष कुमार की पत्नी ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक के पास गईं। उन्होंने मरीज को देखने का आग्रह किया। उसने पूछा कि मरीज को कैसे और क्या-क्या खिलाना है? परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने मरीज को देखने से इंकार कर दिया। इसी बात को लेकर और अधिक विवाद बढ़ गया। संतोष ने बताया कि उसके हस्तक्षेप के बाद डॉक्टर गाली गलौज करने लगे। गाली देने से मना करने पर उन्होंने मारना-पीटना भी शुरू कर दिया।

कमरे में दो डॉक्टर थे, फोन कर और आधा दर्जन जूनियर डॉक्टरों को बुलाया
मरीज के बेटे संतोष कुमार ने बताया कि विवाद के दौरान वार्ड में सिर्फ एक महिला और एक पुरुष डॉक्टर ही थे। हाथापाई शुरू होने के बाद दोनों डॉक्टरों ने आधा दर्जन से ज्यादा जूनियर डॉक्टरों को बुला लिया। फिर उन सभी ने मिलकर उन्हें पीटा। मरीज की बेटी भी रिम्स में नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है। परिजनों का आरोप है कि यह जानने के बाद भी जूनियर डॉक्टरों ने मारपीट की।

परिजनों के खिलाफ डॉक्टरों ने की लिखित में शिकायत दर्ज
इधर, घटना के डॉ आरएस साहू यूनिट के डॉक्टरों ने परिजन के खिलाफ बरियातू थाने में लिखित शिकायत की। डॉक्टरों ने पूरे घटनाक्रम में परिजनों को ही दोषी ठहराया। डॉक्टरों के अनुसार, मरीज का इलाज बेहतर ढंग से चल रहा है। इसके बावजूद बार-बार परिजन इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। जब डॉक्टरों ने समझाया तो परिजन गाली गलौज करने लगे। मारपीट भी परिजनों ने ही शुरू की गई थी। रिम्म जेडीए अध्यक्ष डॉ विकास ने कहा, पूरे मामले में जांच जारी है। डॉक्टरों ने लिखित शिकायत कर उचित कार्रवाई की मांग की है।

विस्तार

झारखंड का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान (रिम्स) रविवार के दिन दोपहर करीब साढ़े तीन बजे अखाड़े के मैदान में बदल गया। अस्पताल में भर्ती एक मरीज के परिजनों ने जूनियर डॉक्टरों के साथ वार्ड के अंदर ही जमकर लड़ाई की।

परिजनों ने जूनियर डॉक्टरों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मरीज के बेटे को एक कमरे में बंद कर दिया था। करीब 10 मिनट तक 5 से 6 चिकित्सकों ने उसे बुरी तरह से पीटा। वहीं जूनियर डॉक्टरों द्वारा पुलिस को दी गई अपनी लिखित शिकायत में मरीज के परिजन पर मारपीट का आरोप लगाया है।

यह पूरी घटना मेडिसिन विभाग के डॉ आरएस साहू के यूनिट की है। मारपीट की सूचना पाकर रिम्स टॉप की पुलिस मौके पर पहुंची। उस दौरान मारपीट हो रही थी। पुलिसकर्मियों के सामने डॉक्टरों ने परिजनों को बुरी तरह से पीटा। इसके बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला। हालात को नियंत्रण में किया। बरियातू थाने के एसआई अविनाश कुमार परिजनों को अस्पताल से निकालकर थाने ले गए।

अस्पलाल में भर्ती मरीज के 45 वर्षीय बेटे जगन्नाथपुर निवासी संतोष कुमार ने बताया कि उसकी 85 वर्षीय मां को पैरालिसिस की गंभीर समस्या है। शरीर का एक अंग ठीक से काम नहीं करता है। इसकी शिकायत के बाद वह मां का इलाज कराने रिम्स लेकर आए थे। इस महीने में 3 दिसंबर को डॉ आरएस साहू की यूनिट में मरीज को भर्ती कराया था।

रविवार को इलाज में देरी होने पर संतोष कुमार की पत्नी ड्यूटी पर तैनात महिला चिकित्सक के पास गईं। उन्होंने मरीज को देखने का आग्रह किया। उसने पूछा कि मरीज को कैसे और क्या-क्या खिलाना है? परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने मरीज को देखने से इंकार कर दिया। इसी बात को लेकर और अधिक विवाद बढ़ गया। संतोष ने बताया कि उसके हस्तक्षेप के बाद डॉक्टर गाली गलौज करने लगे। गाली देने से मना करने पर उन्होंने मारना-पीटना भी शुरू कर दिया।

कमरे में दो डॉक्टर थे, फोन कर और आधा दर्जन जूनियर डॉक्टरों को बुलाया

मरीज के बेटे संतोष कुमार ने बताया कि विवाद के दौरान वार्ड में सिर्फ एक महिला और एक पुरुष डॉक्टर ही थे। हाथापाई शुरू होने के बाद दोनों डॉक्टरों ने आधा दर्जन से ज्यादा जूनियर डॉक्टरों को बुला लिया। फिर उन सभी ने मिलकर उन्हें पीटा। मरीज की बेटी भी रिम्स में नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है। परिजनों का आरोप है कि यह जानने के बाद भी जूनियर डॉक्टरों ने मारपीट की।

परिजनों के खिलाफ डॉक्टरों ने की लिखित में शिकायत दर्ज

इधर, घटना के डॉ आरएस साहू यूनिट के डॉक्टरों ने परिजन के खिलाफ बरियातू थाने में लिखित शिकायत की। डॉक्टरों ने पूरे घटनाक्रम में परिजनों को ही दोषी ठहराया। डॉक्टरों के अनुसार, मरीज का इलाज बेहतर ढंग से चल रहा है। इसके बावजूद बार-बार परिजन इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। जब डॉक्टरों ने समझाया तो परिजन गाली गलौज करने लगे। मारपीट भी परिजनों ने ही शुरू की गई थी। रिम्म जेडीए अध्यक्ष डॉ विकास ने कहा, पूरे मामले में जांच जारी है। डॉक्टरों ने लिखित शिकायत कर उचित कार्रवाई की मांग की है।

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