कर्णवेध सोलह प्रमुख संस्कारों या षोडस संस्कारों में से एक है। (प्रतिनिधि छवि: शटरस्टॉक)
मान्यता के अनुसार, किसी व्यक्ति को शुभ मुहूर्त पर कर्णवेध या कान छिदवाना चाहिए।
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- आखरी अपडेट:सितंबर 03, 2021, 6:00 पूर्वाह्न IS
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कर्णवेध, हिंदू मान्यता के अनुसार, एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जिसे एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में अवश्य करना चाहिए। यह सोलह प्रमुख संस्कारों या षोडस संस्कारों में से एक है। मान्यता के अनुसार, किसी व्यक्ति को शुभ मुहूर्त पर कर्णवेध या कान छिदवाना चाहिए। कर्णवेध दो शब्दों “कर्ण” से बना है, जिसका अर्थ है कान, और “वेधा”, जो भेदी के लिए है।
यहाँ सितंबर 2021 में कर्णवेध की शुभ तिथि और समय दिया गया है:
3 सितंबर (शुक्रवार): भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का समय प्रातः 07:34 से दोपहर 02:29 और अपराह्न 04:33 से सायं 06:15 तक रहेगा।
4 सितंबर (शनिवार): द्वादशी तिथि पर, सबसे अच्छा समय सुबह 07:30 बजे से दोपहर 02:25 बजे तक और शाम 04:29 बजे से शाम 06:11 बजे तक है।
9 सितंबर (गुरुवार): यह दिन भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि के शुभ दिन को चिह्नित करेगा। समारोह को करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 07:11 बजे से 09:27 बजे तक और 11:47 बजे से शाम 05:52 बजे तक हैं।
12 सितंबर (रविवार): इस दिन शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पड़ती है। व्यक्ति निम्नलिखित समय चुन सकते हैं – 11:35 पूर्वाह्न से 01:53 अपराह्न और 03:57 अपराह्न से 07:07 बजे तक।
13 सितंबर (सोमवार): कर्णवेध का एक ही शुभ मुहूर्त रहेगा। यह सुबह 06:55 से 09:11 बजे के बीच पड़ता है। जल्दी उठने वाले इस दिन को चुन सकते हैं।
17 सितंबर (शुक्रवार): यदि लोग समारोह आयोजित करने के इच्छुक हैं तो वे सुबह 11:15 बजे से शाम 05:20 बजे तक मुहूर्त स्लॉट में जा सकते हैं।
18 सितंबर (शनिवार): इस दिन शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि होती है। दो मुहूर्त स्लॉट हैं – 07:24 AM से 08:52 AM और 11:11 AM से 06:44 PM।
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