UP Election 2022 : जौनपुर में उठा रोजगार का मुद्दा, पढ़िए यहां के युवाओं ने क्या कहा?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जौनपुर

द्वारा प्रकाशित: हिमांशु मिश्रा
अपडेट किया गया सोम, 13 दिसंबर 2021 12:16 PM IST

सार

पूर्वांचल के गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़ और गाजीपुर के बाद अब ‘अमर उजाला’ का चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ जौनपुर में है। यहां आम लोगों के साथ सुबह ‘चाय पर चर्चा’ के बाद अब युवाओं से बातचीत हुई। बड़ी संख्या में जुटे युवाओं ने खुलकर चुनावी मुद्दों पर अपनी बात रखी।

जौनपुर में चुनावी मुद्दों पर बात करते युवा।
– फोटो : अमर उजाला

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विस्तार

जौनपुर में युवाओं के बीच रोजगार और शिक्षा का मुद्दा हावी है। यहां के ज्यादातर युवाओं का कहना है कि मौजूदा सरकार ने रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में कुछ नहीं किया है। भर्तियां समय पर पूरी नहीं की जाती हैं। ज्यादातर भर्तियां कोर्ट में अटकी हुई हैं। शिक्षा व्यवस्था के लिए भी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पढ़िए यहां के युवाओं ने ‘अमर उजाला’ के कार्यक्रम ‘सत्ता का संग्राम’ में किन मुद्दों को उठाया?

रोजगार और शिक्षा के मुद्दों पर क्या बोले युवा?

बीएड कर रहे विवेक यादव ने कहा कि मौजूदा सरकार ने कुछ नहीं किया। युवाओं के मुद्दों पर कोई काम नहीं हुआ है। जावेद अख्तर ने कहा कि भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता होनी चाहिए।

बीएड की छात्रा प्रियांशी गुप्ता ने कहा कि पहले की तुलना में बहुत ज्यादा सुधार आया है। अब लड़के और लड़कियों में ज्यादा फर्क नहीं समझा जाता था।

काजल ने कहा कि गांव में रहने वाली लड़कियों को ज्यादा दिक्कत होती है। शिक्षा में सुधार अनिवार्य है। जो भी भर्तियां आती हैं, वो कोर्ट में अटक जाती है। बेरोजगारी बहुत ज्यादा है। सद्दाम अंसारी ने कहा कि अखिलेश सरकार में युवाओं के रोजगार के लिए बहुत काम हुआ। अब ज्यादातर भर्तियां कोर्ट में चली जाती हैं।

लक्ष्मी साहू ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था बहुत ज्यादा गिरती जा रही है। आर्यन तिवारी ने कहा कि रोजगार के अलावा इस सरकार में कोई मुद्दा नहीं है। काफी विकास कार्य हुए हैं। अब महिलाएं भी काफी जागरूक हैं।

विवेक यादव, प्रिंस यादव, रिंकी ने भी बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। संदीप कुमार यादव ने कहा कि सरकार जिस तेजी से मंदिर बनाने पर जो दे रही है, उसी तेजी से अगर शिक्षा व्यवस्था पर जोर दें तो देश का काफी विकास होगा।

शिवांगी रघुवंशी ने कहा कि प्राइवेट कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का निश्चित मानदेय तय होना चाहिए। स्थानीय स्तर पर रोजगार की व्यवस्था होनी चाहिए। अमित गुप्ता ने कहा कि मैं पढ़ने के साथ-साथ पढ़ाता भी हूं। परिवर्तन ठीक-ठाक हुआ है। सरकार को युवाओं के प्रति अच्छे से काम करना चाहिए।

महिला सुरक्षा पर भी रखी राय

महिलाओं की सुरक्षा के मसले पर ज्यादातर लड़कियों ने सरकार से नाराजगी जताई। साधना प्रजापति ने कहा कि महिलाएं सुरक्षित नहीं है। प्रीति ने कहा कि पहले के मुकाबले कुछ बदलाव आया है, लेकिन अभी भी सुरक्षा व्यवस्था कमजोर है।

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