J&K के राजभवन में नागालैंड दिवस मनाया गया: उमर अब्दुल्ला बोले- यह कश्मीरियों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा

नई दिल्ली25 मिनट पहले

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उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर की बात आती है तो हम यूनियन टेरिटरी डे मनाते हैं, क्योंकि हमसे राज्य का दर्जा छीन लिया गया है।

जम्मू-कश्मीर के राजभवन में 1 दिसंबर को नागालैंड स्थापना दिवस मनाया गया। इसको लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल मनोज सिन्हा पर निशाना साधा। उन्होंने शनिवार ( 2 दिसंबर) को कहा- जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल राजभवन में नागालैंड स्थापना दिवस मना रहे हैं। लेकिन जब जम्मू-कश्मीर की बात आती है तो हम यूनियन टेरिटरी डे मनाते हैं, क्योंकि हमसे राज्य का दर्जा छीन लिया गया है। यह कश्मीर के लोगों पर नमक छिड़कने जैसा है।

उमर अब्दुल्ला ने 2 दिसंबर को एक्स (जो पहले ट्विटर था) पर दो तस्वीरें भी शेयर कीं। पहली तस्वीर में नागालैंड के लोगों से बातचीत करते नजर आ रहे हैं। वहीं, दूसरी तस्वीर में वो नागालैंड का पारंपरिक नृत्य देख रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर के राजभवन में नागालैंड स्थापना दिवस की तस्वीरें…

नागालैंड स्थापना दिवस इवेंट में जम्मू कश्मीर एकेडमी ऑफ आर्ट, कल्चर एंड लैंग्वेज के कलाकारों ने भी हिस्सा लिया।

नागालैंड स्थापना दिवस इवेंट में जम्मू कश्मीर एकेडमी ऑफ आर्ट, कल्चर एंड लैंग्वेज के कलाकारों ने भी हिस्सा लिया।

नागालैंड को 1 दिसंबर 1963 को एक अलग राज्य के रूप में मान्यता मिली थी, कोहिमा की इसकी राजधानी बनाया गया।

नागालैंड को 1 दिसंबर 1963 को एक अलग राज्य के रूप में मान्यता मिली थी, कोहिमा की इसकी राजधानी बनाया गया।

4 साल पहले जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त हुआ था
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। इसके बाद 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया। तब से यहां 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर यूनियन टेरिटरी डे मनाया जाता है। इस साल की 31 अक्टूबर को भी जम्मू-कश्मीर के राजभवन में यूनियन टेरिटरी डे मनाया गया था, जिसमें मनोज सिन्हा ने 67वें नेशनल स्कूल गेम्स का उद्घाटन किया था। इस दौरान कश्मीर के 15000 बच्चों ने भाग लिया था।

चुनाव टालने पर भी सवाल उठा चुके हैं पूर्व सीएम
उमर अब्दुल्ला कई बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में हो रही देरी को लेकर भी सवाल उठा चुके हैं। कुछ ही दिनों पहले पूर्व सीएम ने कहा था कि 2024 में लोकसभा चुनाव होंगे, लेकिन जिन चुनाव का जम्मू कश्मीर की जनता को इंतजार है, वो तो अभी होते नहीं दिख रहे हैं।

केंद्र सरकार बार-बार दावा करती है कि हालात सामान्य हो चुके हैं तो फिर विधानसभा चुनाव क्यों नहीं कराए जा रहे हैं। केंद्र सरकार के पास जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का साहस ही नहीं है और भाजपा हमसे डरती है, इसलिए घाटी में चुनाव नहीं करा रही।

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