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- चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ बिपिन रावत हेलीकॉप्टर दुर्घटना का कारण | तमिलनाडु समाचार
नई दिल्लीएक मिनट पहलेलेखक: हेमंत अत्री
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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का बुधवार को हुए हेलिकॉप्टर हादसे में निधन हो गया। हेलिकॉप्टर में 14 लोग सवार थे। इनमें से 13 लोगों के शव मिल चुके हैं। एक घायल बताए जा रहे हैं। इस हादसे की वजह को लेकर सरकार या सेना की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। लेकिन सेना के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि खराब मौसम और लो विजिबिलिटी इस हादसे की सबसे बड़ी वजह रही।
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रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के लिए चॉपर के आसपास से पेड़ों को हटाते रेस्क्यू दल के लोग और पुलिस के जवान।
किसी तरह की गलती की आशंका न के बराबर
शुरुआती संकेतों के मुताबिक, खराब मौसम के दौरान बादलों में विजिबिलिटी कम होने की वजह से हेलिकॉप्टर को कम ऊंचाई पर उड़ान भरनी पड़ी। लैंडिंग पॉइंट से दूरी कम होने की वजह से भी हेलिकॉप्टर काफी नीचे था। नीचे घने जंगल थे, इसलिए क्रैश लैंडिंग भी फेल हो गई।
इस हेलिकॉप्टर के पायलट ग्रुप कमांडर और सीओ रैंक के अधिकारी थे। ऐसे में मानवीय भूल की आशंका न के बराबर है। हेलिकॉप्टर ट्विन इंजिन वाला था। ऐसे में अगर एक इंजिन फेल हो जाता तो भी बाकी बचे दूसरे इंजिन से लैंडिंग की जा सकती थी।
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हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के लिए फौरन स्ट्रेचर की व्यवस्था की गई और उनका शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
एक्सपर्ट बोले- वेलिंगटन का हेलिपैड लैंडिंग के लिए मुश्किल स्पॉट
एक्सपर्ट ने बताया कि वेलिंगटन का हेलिपैड लैंडिंग के लिए आसान नहीं है। केवल चंद मील का पहाड़ है। इसकी वजह से हेलिपैड दूर से दिखाई नहीं देता। काफी नजदीक आने पर ही हेलिपैड नजर आता है। इसके बाद पायलट लैंडिंग का आखिरी फैसला करता है। रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश मामले में ऐसा हो सकता है कि पायलट खराब मौसम में पायलट को जब हेलिकॉप्टर करीब लगा होगा, तो वह लैंडिंग की कोशिश कर रहा होगा। इसके बाद घने बादलों में ये फंस गया होगा और विजिबिलिटी कम होने के चलते यह हादसा हो गया।
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