एक घंटा पहलेलेखक: देवांशु तिवारी
- कॉपी लिंक
गुस्से से लाल चेहरा…भारी आवाज और भींचती हुई आंखें। एक दुबली-पतली सी लड़की कमर में बंधी म्यान से तलवार निकालती है। फिर हवा में तेजी से लहराती है। उसे देख सामने बैठी भीड़ भौचक्की रह जाती है। शरीर के रोएं खड़े हो जाते हैं। ऐसा लगता है कि मानो हम किसी जंग के बीच पहुंच गए हों।
ये नजारा है शीलू सिंह राजपूत का ‘आल्हा’ सुनने पहुंचे लोगों