हेमंत सरकार का फैसला: झारखंड में बीमा और पेंशन योजना से जुड़ेंगे मनरेगा मजदूर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची।

द्वारा प्रकाशित: अजय सिंह
अपडेट किया गया गुरु, 11 नवंबर 2021 01:16 PM IST

सार

मनरेगा मजदूरों और उनके परिवार को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए उन्हें केंद्र सरकार की पेंशन तथा बीमा योजनाओं से जोड़ने के लिए अभियान चलाया जाए।

हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)
– फोटो : पीटीआई

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झारखंड में मनरेगा मजदूरों को अब रोजगार के साथ-साथ सरकार की विभिन्न बीमा योजना और पेंशन संबंधी योजनाओं का भी लाभ मिल सकेगा। आधिकारिक प्रवक्ता ने  बताया कि इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिलों के उपायुक्तों को पत्र के माध्यम से दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन ने अपने पत्र में सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि मनरेगा मजदूरों और उनके परिवार को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए उन्हें केंद्र सरकार की पेंशन तथा बीमा योजनाओं से जोड़ने के लिए अभियान चलाया जाए।

विभाग ने निर्देश दिया है कि राज्य में 100 दिन का रोजगार देने के साथ-साथ उन मजदूरों को अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना से जोड़ने के लिए विभिन्न स्तरों पर जन जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि प्रवासी मजदूरों को उन्हीं के गांव में रोजगार मिलना सुनिश्चित किया जाए।

रंजन ने कहा कि जीविका भी, जीवन भी के मंत्र पर सरकार सभी मनरेगा मजदूरों के आर्थिक सुदृढ़ीकरण की दिशा में काम कर रही है। वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न जिलों में मनरेगा में 41 लाख 63 हजार 806 मजदूर कार्यरत हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मनरेगा मजदूरों के साथ खड़ी है। यही कारण है कि काम के दौरान या दुर्घटना में मृत्यु होने या घायल होने वाले मनरेगा मजदूरों को सरकार अनुग्रह राशि के रूप में क्रमशः 75,000 रुपये और 37,500 रुपये देती है।

विस्तार

झारखंड में मनरेगा मजदूरों को अब रोजगार के साथ-साथ सरकार की विभिन्न बीमा योजना और पेंशन संबंधी योजनाओं का भी लाभ मिल सकेगा। आधिकारिक प्रवक्ता ने  बताया कि इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिलों के उपायुक्तों को पत्र के माध्यम से दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन ने अपने पत्र में सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि मनरेगा मजदूरों और उनके परिवार को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए उन्हें केंद्र सरकार की पेंशन तथा बीमा योजनाओं से जोड़ने के लिए अभियान चलाया जाए।

विभाग ने निर्देश दिया है कि राज्य में 100 दिन का रोजगार देने के साथ-साथ उन मजदूरों को अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना से जोड़ने के लिए विभिन्न स्तरों पर जन जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि प्रवासी मजदूरों को उन्हीं के गांव में रोजगार मिलना सुनिश्चित किया जाए।

रंजन ने कहा कि जीविका भी, जीवन भी के मंत्र पर सरकार सभी मनरेगा मजदूरों के आर्थिक सुदृढ़ीकरण की दिशा में काम कर रही है। वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न जिलों में मनरेगा में 41 लाख 63 हजार 806 मजदूर कार्यरत हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मनरेगा मजदूरों के साथ खड़ी है। यही कारण है कि काम के दौरान या दुर्घटना में मृत्यु होने या घायल होने वाले मनरेगा मजदूरों को सरकार अनुग्रह राशि के रूप में क्रमशः 75,000 रुपये और 37,500 रुपये देती है।

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