हिमाचल में 27 सितंबर से खुलेंगे स्कूल: 9वीं से 12वीं के बच्चे ही बुलाए जाएंगे; हफ्ते के पहले 3 दिन 10वीं-12वीं और बाकी 3 दिन 9वीं-11वीं की कक्षाएं लगेंगी

शिमला15 मिनट पहले

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हिमाचल मंत्रिमंडल की बैठक में स्कूल खोलने का लिया गया निर्णय।

हिमाचल सरकार ने स्कूलों को खोलने का फैसला ले लिया है। 27 सितंबर से हिमाचल में स्कूल खुल जाएंगे। सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में चल रही कैबिनेट की बैठक में यह बड़ा फैसला लिया गया। जिसके तहत सप्ताह के पहले तीन दिन 10वीं -12वीं और बाकी तीन दिन 9वीं-11वीं के बच्चों की कक्षाएं लगेंगी। इसके अलावा शिक्षा विभाग में 8000 मल्टीटास्क वर्करों की भर्ती को भी हरी झंडी मिल गई है।

इस भर्ती में 4000 पद सीएम की सिफारिश पर भरे जाएंगे, जबकि 4000 पद एसडीएम की अध्यक्षता वाली कमेटियों के माध्यम से भरे जाएंगे। शिक्षा विभाग की जेबीटी एंड सीएनबी अंतर जिला स्थानांतरण नीति में भी संशोधन किया गया है। अब दूसरे जिले में सेवाएं दे रहे जेबीटी और सीएनबी अध्यापक 5 वर्ष के बाद अपने गृह जिले में स्थानांतरित हो जाएंगे, जबकि पहले यह अवधि 13 वर्ष थी।

स्कूल से घर की दूरी के हिसाब से मिलेंगे नंबर

हिमाचल प्रदेश में मल्टी टास्क वर्कर की भर्ती के लिए स्कूल से घर की दूरी का सर्टिफिकेट लाना होगा। इसके लिए अभ्यर्थियों को ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत सचिव और शहरी क्षेत्रों में कार्यकारी अधिकारी से प्रमाणपत्र जारी करेंगे। भर्ती में स्कूल से घर की दूरी के हिसाब से 2 से 10 नंबर मिलेंगे। एसडीएम की अध्यक्षता वाली चयन कमेटी नियुक्तियां करेगी।

5625 रुपए का मिलेगा प्रतिमाह वेतन

वर्करों को प्रतिमाह 5 हजार 625 रुपए वेतन मिलेगा। नियुक्तियां करने से पहले स्कूल और पंचायत के नोटिस बोर्ड पर विज्ञापन लगाए जाएंगे। अभ्यर्थियों को खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के पास सादे कागज पर आवेदन करना होगा। स्कूल को खोलना और बंद करना, परिसर और कक्षाओं में सफाई करना, पीने के पानी का इंतजाम करना और स्कूल की डाक को अन्य विभागों में पहुंचाना, इनका काम होगा। भर्ती के लिए स्थानीय स्कूल की ओर से बीईओ को मांग भेजी जाएगी। बीईओ इस मांग को निदेशालय भेजेंगे। निदेशालय से मंजूरी के बाद भर्ती का विज्ञापन जारी किया जाएगा।

पहली से आठवीं तक के बच्चों के स्कूलों को खोलने का निर्णय 8 अक्टूबर से

कैबिनेट बैठक के खत्म होने के बाद शिक्षा मंत्री से सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पहली से आठवीं तक के बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए 8 अक्टूबर के बाद निर्णय लिया जाएगा, क्योंकि अभी बच्चों के पेपर चले हुए हैं और बच्चों की उम्र भी छोटी है। ऐसे में अभी सरकार किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं करना चाहती। इसके अलावा 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों को खाेलने के लिए स्कूलों को अपने स्तर पर माइक्रो प्लान तैयार करने को कहा गया है। जिसमें बच्चों की संख्या, कक्षाओं में बैठने की संख्या समेत अन्य तरह की सुविधाओं को देखते हुए सीटिंग प्लान तैयार करने को कहा गया है।

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