हिट एंड रन के नए कानून का विरोध: ट्रक ड्राइवरों का कई राज्यों में चक्का जाम; नए कानून में 10 लाख जुर्माना, 7 साल की सजा

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नई दिल्ली7 मिनट पहले

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ऑल पंजाब ट्रक ऑपरेटर्स के सदस्यों ने जालंधर में शुक्रवार को डीसी ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

देशभर में ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं। जयपुर, मेरठ, आगरा एक्सप्रेस-वे सहित कई मार्गों पर प्रोटेस्ट कर रहे हैं। दरअसल, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने हिट एंड रन को लेकर कानून को कठोर किए जाने का विरोध जताया है।

संगठन ने देशभर में चक्का जाम का आह्वान किया है। इसी के बाद से देशभर में विरोध हो रहा है।

AIMTC की अगली बैठक 10 जनवरी को होगी। इसमें फैसला लिया जाएगा कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती, तो किस तरह से सरकार के सामने अपना पक्ष रखा जाए।

दरअसल, भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद अब हिट एंड रन के मामलों में नियम सख्त हो गए हैं। नए नियम के इस केस में वाहन चालक पर 7 लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान किया गया है।

राजकोट-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर मालियासन के पास जमा हुए थे प्रदर्शनकारी।

राजकोट-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर मालियासन के पास जमा हुए थे प्रदर्शनकारी।

गुजरात में पुलिस ने लाठीचार्ज किया
गुजरात में भी हजारों ट्रक चालकों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने राजकोट-अहमदाबाद हाईवे को बंद करने की कोशिश की, जिससे हालात बेकाबू हो गए। प्रदर्शन के चलते हाईवे पर लंबा जाम लग गया। इस दौरान भीड़ में से कुछ लोगों ने एक बस की खिड़की के कांच तोड़ दिए, जिससे हाईवे पर अफरातफरी का माहौल हो गया। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है।

ट्रक चालकों ने राजकोट-अहमदाबाद हाईवे को बंद करने की कोशिश की, जिससे हालात बेकाबू हो गए।

ट्रक चालकों ने राजकोट-अहमदाबाद हाईवे को बंद करने की कोशिश की, जिससे हालात बेकाबू हो गए।

हिट एंड रन कानून पर संगठन की क्या है चिंता?
नए प्रावधान को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर करते हुए AIMTC के अध्यक्ष अमृत मदान ने कहा कि हिट एंड रन के मामलों में कड़े कदम उठाने की जरूरत जरूर है। इस नए कानून के पीछे सरकार का इरादा अच्छा है, लेकिन जो कानून प्रस्तावित है उसमें कई सारी खामियां हैं। इन पर दोबारा सोचने की जरूरत है।

उन्होंने आगे कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान परिवहन क्षेत्र और ट्रक चालकों का है। भारत इस समय वाहन चालकों की कमी से जूझ रहा है, लेकिन सरकार का इस और कोई ध्यान नहीं है। ऐसे में 10 साल की सजा के प्रावधान के बाद अब ट्रक ड्राइवर नौकरी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।

देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव
AIMTC का कहना है कि देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव है। ऐसे मामलों में जब कोई एक्सीडेंट होता है, तो बिना किसी जांच के बड़े वाहन चालक की गलती करार दी जाती है। यह नहीं देखा जाता की गलती बड़े वाहन चालक की है या छोटे वाहन चालक की।

मामले में अध्यक्ष मदान का कहना है कि जब भी कोई दुर्घटना होती है तो ड्राइवर बचने के इरादे से नहीं भागता बल्कि, बेकाबू होती भीड़ से खुद की जान बचाने के लिए भागता है। ऐसे में उस पर सजा का प्रावधान और जुर्माना लगाना ठीक नहीं है।

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