हरियाणा के मनमोहन दे गए 5 को नई जिंदगी: ब्रेन-डेड होने पर परिवार ने किया अंगदान, ग्रीन कॉरिडोर बनाकर चंडीगढ़ से दिल्ली पहुंचाया दिल

चंडीगढ़21 घंटे पहले

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हरियाणा में यमुनानगर के रहने वाले 45 साल के मनमोहन सिंह ने दुनिया को अलविदा कहने से पहले 5 लोगों को नई जिंदगी दी है। मनमोहन सिंह को 7 दिन पहले रोड एक्सीडेंट का शिकार होने पर चंडीगढ़ पीजीआई लाया गया था। यहां पुरजोर प्रयासों के बावजूद डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। इसके बाद डॉक्टरों ने मनमोहन सिंह के परिवार को अंगदान के लिए राजी किया। उनका दिल, दोनों किडनी, लीवर और दोनों आंखों के कॉर्निया अलग-अलग मरीजों को ट्रांसप्लांट किए गए। उनके दिल को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दिल्ली एम्स भेजकर एक मरीज को नई जिंदगी दी गई।

ड्यूटी जाते समय हुआ था एक्सीडेंट
मनमोहन सिंह 7 नवंबर को ड्यूटी जा रहे थे कि रास्ते में उनकी बाइक का एक्सीडेंट हो गया। हादसे के फौरन बाद उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। सिर में आई चोट की वजह से 2 दिन बाद हालत बिगड़ने पर 9 नवंबर को चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया। 12 नवंबर को पीजीआई के डॉक्टरों ने मनमोहन सिंह को ब्रेन-डेड घोषित कर दिया। इसी दौरान डॉक्टरों ने मनमोहन सिंह के परिवार से उनके अंगदान करने पर बात की तो परिवार ने सहमति दे दी।

फ्लाइट से दिल्ली एम्स पहुंचाया ‘हार्ट’
डॉक्टरों ने मनमोहन सिंह को ब्रेन-डेड घोषित करने के एक दिन बाद 13 नवंबर की दोपहर 3 बजे उनका हार्ट चंडीगढ़ पीजीआई से ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली एम्स भेज दिया। इसे चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर विस्तारा एयरलाइंस की फ्लाइट के जरिए दिल्ली एम्स में एडमिट मरीज के लिए पहुंचाया गया। हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद मरीज के शरीर में अब मनमोहन का दिल सही तरह धड़क रहा है।

दोनों किडनी, लीवर और दोनों कॉर्नियां चंडीगढ़ में ही लगे
चंडीगढ़ पीजीआई के नोडल अफसर प्रोफेसर विपिन कौशल ने बताया कि रविवार को चंडीगढ़ पीजीआई में एक मरीज के शरीर में मनमोहन सिंह की एक किडनी व लीवर ट्रांसप्लांट किया गया। इसी तरह एक अन्य मरीज में उनकी दूसरी किडनी ट्रांसप्लांट की गई। दो अन्य मरीजों में मनमोहन सिंह के कॉर्निया ट्रांसप्लांट किए गए। इस प्रक्रिया से पहले पीजीआई के रीजनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (रोटो) ने नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (नोटो) से मंजूरी ली।

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