सोशल मीडिया वैपन सेल का पाकिस्तानी लिंक: फेसबुक-इंस्टाग्राम पर चल रही हथियार मंडी, दिल्ली पुलिस ने पकड़ा कुख्यात विश्नोई गैंग का सप्लायर

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नई दिल्ली4 घंटे पहले

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ई-कामर्स वेबसाइट के जरिए गांजा सप्लाई के बाद अब फेसबुक, इंस्टाग्राम पर अवैध हथियारों बेचने का कारोबार पकड़ा गया है। दिल्ली पुलिस ने राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में एक्टिव कुख्यात लारेंस विश्नोई गैंग के एक मेंबर हितेश ठाकुर को दबोचा है, जो सोशल मीडिया पर हथियार बेचने का धंधा चला रहा था। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट ने फेसबुक पर चल रही इस हथियार मंडी का खुलासा किया है, जिसका लिंक पाकिस्तान से भी जुड़ रहा है।

बहुत सारे फेक प्रोफाइल बनाए हैं हथियार बेचने वालों ने
IFSO, स्पेशल सेल के DCP केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि सोशल मीडिया पर बहुत सारे फेक प्रोफाइल बनाए गए हैं, जो ऑनलाइन अवैध हथियार खरीदने का ऑफर देते हैं। जांच के दौरान सामने आया कि इनमें से ज्यादातर प्रोफाइल लारेंस विश्नोई गैंग के सोशल मीडिया पर दिए गए उस बयान के बाद आए, जिसमें रोहिणी कोर्ट शूटआउट में गैंगस्टर जितेंद्र सिंह मान उर्फ गोगी को शूट करने के बाद दिल्ली में बड़े पैमाने पर खून बहने की धमकी दी गई थी। DCP मल्होत्रा के मुताबिक, IFSO ने इसे बेहद गंभीरता से लिया और एक मुकदमा अपनी तरफ से दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई थी।

पुलिस लगातार फेसबुक पर हथियार बेचने वाले प्रोफाइल्स की जांच कर रही है। (फाइल फोटो)

पुलिस लगातार फेसबुक पर हथियार बेचने वाले प्रोफाइल्स की जांच कर रही है। (फाइल फोटो)

पुलिस ने कस्टमर बनकर की डील, मानेसर से दबोचा हितेश
जांच के दौरान सामने आया कि हथियार बेच रहे ज्यादातर फेसबुक प्रोफाइल लारेंस विश्नोई से जुड़े हुए हैं और एक प्रोफाइल पकड़े गए आरोपी हितेश का था। पुलिस ने कस्टमर बनकर हितेश के साथ फेसबुक पर हथियार खरीदने की डील की और एडवांस पेमेंट उसके बताए बैंक खाते में भेज दिया। हितेश ने हरियाणा के मानेसर में हथियारों की डिलीवरी देने और बाकी बचा हुआ पैसा लेना तय किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसे दबोच लिया।

मोबाइल की फोरेंसिक जांच से मिली हैं बहुत सारी लीड
DCP के मुताबिक, हितेश के मोबाइल की फोरेंसिक जांच कराई गई है। इसके बाद पुलिस को इस पूरे कारोबार के बारे में बहुत सारी जानकारी और इससे जुड़े बाकी लोगों के बारे में इनपुट व लीड मिली हैं, जिन पर काम किया जा रहा है।

फेसबुक पर हथियार बेचने वाले प्रोफाइल में लीगल को पहचानना मुश्किल है। (फाइल फोटो)

फेसबुक पर हथियार बेचने वाले प्रोफाइल में लीगल को पहचानना मुश्किल है। (फाइल फोटो)

पाकिस्तान से जुड़ा मिला लिंक, कांट्रेक्ट किलिंग में भी इन्वॉल्व
DCP ने बताया कि हितेश के लिंक पाकिस्तान में बैठे लोगों से जुड़े होने के सबूत भी मोबाइल की फोरेंसिक जांच में मिले हैं। हालांकि यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि उसे सीमा पार से हथियार सप्लाई मिल रही थी या नहीं, लेकिन इस एंगल पर जांच की जा रही है।

इतना ही नहीं, हितेश दर्जनों गैंग के संपर्क में था, जिनमें से ज्यादातर के साथ उसका संबंध एक केस में राजस्थान की जोधपुर जेल में रहने के दौरान बने थे। इन सभी को वह लॉजिस्टिकल सपोर्ट प्रोवाइड कराने के साथ ही उनके लिए कांट्रेक्ट किलर के तौर पर हत्याएं भी करता है।

हत्या से डकैती तक के 11 मुकदमों में है आरोपी
मल्होत्रा ने बताया कि हितेश के ऊपर 11 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें कांट्रेक्ट किलिंग से लेकर डकैती तक सभी तरह के अपराध शामिल हैं। पूछताछ में उसने 2010 में एक बुक शॉप में चोरी से क्राइम वर्ल्ड में शुरुआत करने की बात स्वीकार की। इस मामले में पकड़े जाने के बाद जेल से वापस लौटकर उसने बाइक चोरी कर बेचने का धंधा शुरू किया।

राजस्थान के एक बड़े ट्रांसपोर्ट कारोबारी पर किया था हमला
2013 में हितेश राजस्थान की ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री से जुड़े एक हाई प्रोफाइल कारोबारी पर हमले में शामिल रहा, लेकिन वह कारोबारी बच गया। कारोबारी की सुपारी राजस्थान के ही छोटे ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने उसका इस धंधे में वर्चस्व खत्म करने के लिए दी थी। इसके अलावा राजस्थान में ही एक टोल टैक्स बूथ पर डकैती में भी वह शामिल था।

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