सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई: पिछली बार कोर्ट ने पूछा था- चुनाव से ही पहले गिरफ्तारी क्यों हुई

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नई दिल्ली29 मिनट पहले

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अरविंद केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को अरेस्ट किया था। वे 1 अप्रैल से तिहाड़ जेल में हैं।

दिल्ली शराब नीति केस में गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज फिर सुनवाई है। 30 अप्रैल को कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाए थे और पूछा था कि चुनाव से ठीक पहले ही गिरफ्तारी क्यों हुई। कोर्ट ने ED से 4 और सवालों के जवाब मांगे थे।

इतना ही नहीं सुनवाई के दौरान केजरीवाल से भी सवाल किया गया था कि आपको ED ने जो नोटिस भेजे, आपने उन्हें नजरअंदाज क्यों किया। आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ यहां आए, आपने जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए।

शराब नीति घोटाला केस में केजरीवाल 1 अप्रैल को गिरफ्तार किए गए थे। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 23 अप्रैल को उनकी न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ा दी थी। केजरीवाल तीसरे (7 मई) फेज की वोटिंग के दौरान भी जेल में रहेंगे।

केजरीवाल के अलावा BRS नेता के. कविता और एक अन्य आरोपी चरनप्रीत की कस्टडी भी 7 मई तक बढ़ा दी गई है।

पिछली तीन सुनवाई में क्या-क्या हुआ

30 अप्रैल : सुप्रीम कोर्ट ने ED से 5 सवाल पूछे

1. क्या बिना किसी न्यायिक कार्यवाही के विजय मदनलाल चौधरी या अन्य मामले में जो कहा गया है, उसके संदर्भ में आपराधिक कार्यवाही शुरू की जा सकती है? (जस्टिस खन्ना ने कहा कि केजरीवाल के मामले में अब तक कोई कुर्की नहीं हुई है। अगर हुई है तो ED को यह बताना होगा कि उनका संबंध कैसे था)

2. मनीष सिसोदिया मामले में फैसले के दो हिस्से हैं- एक, जो उनके पक्ष में है, दूसरा, जो उनके पक्ष में नहीं है। केजरीवाल का मामला किस भाग में आता है?

3. PMLA के सेक्शन-19 की व्याख्या कैसे की जाए, क्योंकि केजरीवाल जमानत के लिए आवेदन करने के बजाय गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ आ रहे हैं। यदि वे बाद का रास्ता अपनाते हैं तो उन्हें PMLA के सेक्शन-45 के तहत उच्च प्रावधानों का सामना करना पड़ेगा?

4. मामले में कार्यवाही शुरू होने और कुछ समय बाद बार-बार शिकायत दर्ज होने के बीच का समय। (इस संबंध में यह बताया गया कि अंतर के गंभीर नतीजे होंगे। चूंकि धारा 8 न्यायिक प्रक्रिया के लिए 365 दिनों की अधिकतम समय सीमा निर्धारित करती है)

5. गिरफ्तारी की टाइमिंग। चुनाव के पहले ऐसा क्यों किया?

29 अप्रैल: केजरीवाल की तरफ से दी गईं दलीलें

  • 3 स्टेज होती हैं। दस्तावेज, विश्वास करने का कारण और आरोपी होना। गिरफ्तार करने का अधिकार होने का मतलब यह नहीं कि गिरफ्तार कर लें। आरोप साबित होना चाहिए, सिर्फ शक नहीं होना चाहिए। आपके पास पुख्ता या आरोपी साबित करने के सबूत होने चाहिए। कुछ आधार होना चाहिए, जो हमें नहीं पता।
  • केजरीवाल को CBI ने बुलाया, वे गए। ED के नोटिस का डिटेल में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वे नहीं आ सकते। आप आज ये नहीं कह सकते हैं कि आप आए नहीं, इसलिए हमने गिरफ्तार कर लिया। ये मेरा अधिकार है कि मैं न जाऊं।
  • अगर कोई आरोपी कहता है कि मैं बयान नहीं दूंगा तो क्या आप कह सकते हैं कि आरोपी सहयोग नहीं कर रहा है, इसलिए उसे गिरफ्तार करते हैं? इन्होंने केजरीवाल को गिरफ्तार किया। सेक्शन 50 के तहत वहां बयान नहीं लिए गए। डेढ़ साल तक गिरफ्तारी नहीं की गई। मेरी बेल को नकार दिए जाने से मुझे घर आकर गिरफ्तार करने का आधार नहीं बन जाता।
  • सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- आपको ED ने जो नोटिस भेजे, आपने उन्हें नजरअंदाज क्यों किया। आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ यहां आए, आपने जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए। इस पर केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि गिरफ्तारी अवैध है इसलिए। ED के वकील एसवी राजू ने कहा कि इन्होंने पिछली कस्टडी का भी विरोध नहीं किया था।

15 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस देकर गिरफ्तारी पर जवाब मांगा

  • 15 अप्रैल को अरविंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED से 24 अप्रैल तक जवाब मांगा था। हलफनामे में ED ने कहा कि कई बार समन भेजे जाने के बावजूद उन्होंने एजेंसी के साथ सहयोग नहीं किया।
  • ED ने यह भी कहा कि केजरीवाल को किसी दुर्भावना या दूसरे कारणों से गिरफ्तार नहीं किया गया है। किसी अपराध की जांच एक ऐसा क्षेत्र है जो जांच एजेंसी के लिए रिजर्व है। उनकी गिरफ्तारी भी जांच का हिस्सा है।

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