सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अवैध शादी में जन्मी संतान वैध: माता-पिता की अर्जित-पैतृक संपत्ति पर अधिकार, इन मामलों में बेटियां भी हकदार

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नई दिल्ली13 मिनट पहले

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2011 की एक याचिका पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवैध शादी से जन्मे बच्चों वैध होते हैं। इसलिए माता-पिता की संपत्ति पर उनका उतना ही अधिकार है, जितना की वैध शादी में जन्मे दंपती के बच्चे का होता है।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार 1 सितबंर को कहा कि किसी भी अवैध शादी से जन्मी संतान का उनके माता-पिता की अर्जित और पैतृक प्रॉपर्टी में अधिकार होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने अवैध शादी से जन्मे बच्चों को वैध बताया और कहा कि हिंदू सक्सेशन लॉ के आधार पर ऐसे बच्चे माता-पिता की संपत्ति पर अपना दावा कर सकते हैं।

अवैध शादी से जन्मी संतान का माता-पिता की संपत्ति पर उनका उतना ही अधिकार है, जितना की वैध शादी में दंपती के बच्चे का होता है। ऐसे मामलों में बेटियां भी प्रॉपर्टी पर दावा कर सकती है।

साल 2011 की एक याचिका पर फैसला देते हुए चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हमने दो निष्कर्ष तैयार किए हैं।

1. कानूनी रूप से अमान्य शून्य विवाह में जन्मे बच्चे को वैध माना जाएगा।

2. वहीं, कानूनी रूप से वैध मानी जाने वाली शून्यकरणीय विवाह में डिक्री मिलने से पहले जन्मी संतान को वैध माना जाएगा।

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