सिद्धू को निर्देश- PPCC अध्यक्ष के तौर पर करें काम: संगठनात्मक ढांचा तैयार करने के लिए कहा, कांग्रेस मुख्यालय में रावत और वेणुगोपाल से मीटिंग में नवजोत ने बताईं प्राथमिकताएं

लुधियाना12 मिनट पहले

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दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में दाखिल होती नवजोत सिंह सिद्धू की गाड़ी।

नवजोत सिद्धू को कांग्रेस आलाकमान से पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर काम करने के निर्देश मिले हैं। सिद्धू गुरुवार शाम नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे थे। मुख्यालय से निकलते समय मीडिया से बात करते हुए सिद्धू ने कहा कि उन्होंने पार्टी हाईकमान के सामने पंजाब और पंजाब कांग्रेस के संबंध में अपनी प्राथमिकताएं रखी हैं। उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर पूरा भरोसा है। वे जो भी निर्णय लेंगे, कांग्रेस और पंजाब की बेहतरी के लिए ही होगा। उनके निर्देशों को वह फॉलो करेंगे।

वहीं पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने मीडिया से बात करते हुए जानकारी दी कि नवजोत सिद्धू ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का निर्णय उन्हें स्वीकार है। निर्देश स्पष्ट है कि सिद्धू पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर काम करें और संगठनात्मक ढांचा तैयार करें। रावत ने कहा कि इस संबंध में औपचारिक घोषणा कल घोषणा होगी।

नवजोत सिद्धू और हरीश रावत ने मीडिया को दी जानकारी।

नवजोत सिद्धू और हरीश रावत ने मीडिया को दी जानकारी।

इससे पहले नवजोत सिद्धू गुरुवार शाम नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे और बिना किसी से बात किए सीधे अंदर चले गए। सिद्धू की कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत और राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक हुई।

सूत्रों के अनुसार, इस दौरान सिद्धू की पंजाब सरकार से नाराजगी के अलावा प्रदेश में संगठन के विस्तार पर चर्चा हुई। पंजाब में नई कैबिनेट के शपथ लेने के बाद अब पार्टी हाईकमान का पूरा फोकस साढ़े 4 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। चुनाव से पहले सिद्धू को संगठन मजबूत करने की हिदायतें दी गई हैं। इस समय प्रदेश के कई विधायक और नेता पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह के संपर्क में हैं। ऐसे हालात में इन लोगों को किस तरह संगठन में जोड़कर रखा जा सकता है, इस पर रावत और वेणुगोपाल सिद्धू के साथ बात की।

पंजाब में जनवरी 2020 से भंग कांग्रेस संगठन

पंजाब में कांग्रेस के संगठन के लिहाज से हालात बुरे हैं। जनवरी 2020 में कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब में सभी इकाइयों को भंग कर दिया था। हालांकि सुनील जाखड़ को प्रधान पद संभालते रहने के लिए कहा गया। लेकिन पंजाब में कांग्रेस के भीतर मची कलह को देखते हुए जाखड़ को हटा सिद्धू को प्रधान लगा दिया गया। सिद्धू ने जुलाई महीने में पंजाब कांग्रेस प्रधान का पद संभाला था। उन्होंने संगठन को मजबूत करने की बात कहते हुए पंजाब कांग्रेस भवन में ही बिस्तर लगाने की बात कही थी, मगर पिछले महीने इस्तीफा देने के बाद से वह कांग्रेस भवन में नहीं गए।

संगठन बनाने की जगह सरकार से टकराते रहे सिद्धू, फिर इस्तीफा दिया

कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब में नवजोत सिद्धू पर दांव खेलते हुए नए सिरे से सरकार का गठन किया। लेकिन नई सरकार के अस्तित्व में आते ही सिद्धू संगठन बगावत करने लगे। पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह से टकराव रहा। इसके बाद चरणजीत चन्नी सीएम बने तो डीजीपी और एडवोकेट जनरल की नियुक्ति को लेकर सीधा मोर्चा खोल दिया। यहां तक कि सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा भी दे दिया। सिद्धू के साथ नवनियुक्त जनरल सेक्रेटरी योगेंद्रपाल ढींगरा और कैशियर गुलजार इंदर चहल भी इस्तीफा दे गए। पंजाब में संगठन के नाम पर अब 4 वर्किंग प्रधान और एक महासचिव परगट सिंह बचे हुए हैं। इनमें भी वर्किंग प्रधान संगत सिंह गिलजियां और परगट मंत्री बन चुके हैं।

मीटिंग से पहले सिद्धू ने दिखाए तल्ख तेवर

नवजोत सिंह सिद्धू ने मीटिंग से पहले तल्ख तेवर लिखाए हैं। अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो शेयर कर उन्होंने कहा कि उन्हें सिस्टम के खिलाफ बोलना अच्छा लगा, संघर्ष ही उनका गहना है। वह वीडियो में सरकार को काम करने के तौर तरीके समझाते नजर आए। रेत और शराब से पैसा कमाने की सलाह देते दिखाई दिए। कहा जा रहा है कि सिद्धू संगठन के प्रधान हैं और सरकार में उनका दखल नहीं होना चाहिए। इसके बावजूद वह लगातार इस पर अड़े हुए हैं और सोशल मीडिया पर डाली गई उनकी वीडियो भी इसी का हिस्सा थी।

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