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- परेशानी के लिए किसानों ने लोगों से मांगी माफी; आंदोलन के पूरे घंटे गिनें, पगड़ी पर सवाल बर्दाश्त नहीं
सोनीपत8 मिनट पहले
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पीएम मोदी के ऐलान के बाद सिंघु बॉर्डर पर खुशी से नाचते किसान।
पीएम मोदी के तीनों कृषि कानून वापस लेने के ऐलान के बाद सिंघु बॉर्डर पर माहौल एकाएक बदल गया। आसपास के लोग मिठाइयां लेकर पहुंचने लगे और आंदोलनस्थल पर किसान अपने तरीके से खुशी का इजहार करते दिखे। आम दिनों की तुलना में बॉर्डर पर शुक्रवार को हलचल ज्यादा थी। इस खुशी के बीच किसानों का दर्द भी छलका कि यह दिन देखने के लिए 700 किसानों ने कुर्बानी दी है।
कुंडली बॉर्डर पर TDI किंग्सबरी के सामने किसानों ने वहां से गुजर रहे लोगों को मीठे बिस्कुट भेंट किए। साथ ही हाथ जोड़कर माफी मांगी कि हमारी वजह से आपको बहुत दिक्कत झेलनी पड़ी। किसानों ने पंजाब-हरियाण-दिल्ली-यूपी एकता के नारे लगाए। आने जाने वाले सब लोगों का सहयोग के लिए धन्यवाद किया।
बाबा नछत्तर सिंह ने बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन का रखा है हिसाब।
358 दिन हो गए, हर सेकेंड का हिसाब है
सिंघु बॉर्डर पर किसान रायकोट निवासी बाबा नछत्तर सिंह हाथ में एक बोर्ड पकड़े दिखे। बोर्ड पर लिखा था कि किसानों को दिल्ली बॉर्डर पर 358 दिन हो गए हैं। अब तक हमारे 719 साथी शहीद हो चुके हैं। अभी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। MSP पर गारंटी की बात अभी PM ने नहीं की है। साथ ही बोर्ड पर लिखा था कि किसानों को 8592 घंटे से ज्यादा आंदोलन करते बीत चुके हैं। हमने एक-एक सेकेंड का हिसाब यहां रखा है।
किसान नहीं पर आतंकवादी भी नहीं
किसान आंदोलन में शामिल होने आए दिल्ली के प्रिंस पाल सिंह ने किसानों के साथ झूमते हुए कहा कि वह दिल्ली में रहते हैं, किसान नहीं हैं। भाजपा सरकार और नेताओं ने किसानों की पगड़ी को गाली दी है, आतंकवादी बताया। उसी दिन से वह किसान न होते हुए भी आंदोलन में खड़े हैं।
हाथ जोड़कर लोगों को हुई असुविधा के लिए माफी मांगते किसान।
ट्रैक्टर पर चढ़ कर खूब नाचे
कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान का खुमार युवाओं पर छाया रहा। सुबह 9 बजे ही ट्रैक्टरों पर संगीत बजाते छतों पर चढ़ कर नाचने लगे थे। उनका नाच गाना दोपहर बाद तक जारी रहा। युवाओं ने अरदास की और किसान एकता मंच के सामने जमकर नाचे। महिलाओं और बुजुर्गों ने भी उनका साथ दिया। युवक राजू ने कहा कि अभी देखना है कि कहीं किसानों के बहाने राजनीतिक हित तो नहीं साधा जा रहा।
पीएम मोदी की घोषणा के बाद बॉर्डर पर खुशी मनाते किसान।
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