सिंघु पर निर्मम हत्या का मामला: बेअदबी के उठ रहे सवालों की जांच के लिए सिट गठित, एडीजीपी वरिंदर कुमाार की अगुवाई में होगी जांच

लुधियाना7 मिनट पहले

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गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा

लखबीर सिंह के सिंघु बार्डर पर जाने और बेअदबी के लिए पैसे देने के मामले की जांच पंजाब पुलिस शुरू करने जा रही है। पंजाब सरकार ने एडीजीसी एवं डायरेक्टर ब्यूरो आफ इनवेस्टीगेशन IPS वरिंदर कुमार की अगुवाई में स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (सिट) का गठन कर दिया गया है। इसके अलावा फिरोजपुर रेंज के DIG इंद्रबीर सिंह और हरविंदर सिंह विर्क SSP तरनतारन को उनके साथ लगाया गया है। इन्हें लखबीर सिंह निवासी चीमा कलां के सिंघु बार्डर पर पहुंचने के मामले की जांच का जिम्मा दिया गया है। दरअसल निहंग सिंहों की तरफ से दावा किया गया है कि लखबीर सिंह को 30000 रुपए देकर यहां भेजा गया था और इसके एवज में उसे श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने को कहा गया था। लखबीर सिंह की बहन भी कह रही है कि किसी संधू नामक व्यक्ति से लखबीर सिंह की रुटीन में बात होती थी। यही नहीं एक अन्य वीडियो भी सामने आई है जिसमें हत्या से पहले वह एक मोबाइल नंबर भी दे रहा है। पंजाब पुलिस अब इन सभी पहलुओं पर जांच करने जा रही है। पुलिस लखबीर सिंह के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकलवाने के साथ साथ उसके नजदीकी साथियों से भी पूछताछ करेगी।

पंजाब सरकार की तरफ से जारी किया गया सिट बनाने का आर्डर

पंजाब सरकार की तरफ से जारी किया गया सिट बनाने का आर्डर

गृह मंत्री ने कहा था पूरे मामले की जांच होगी
गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने ब्यान जारी कर कहा था कि वह मामले की गंभीरता से जांच करवाएंगे। उन्होंने कहा था कि सिंघू पर दलित व्यक्ति की हुई हत्या पर किसानों के संघर्ष को नुकसान पहुंचाने की गहरी साजिश हुई हो सकती है। उन्होंने तरनतारन के लखबीर सिंह की हत्या के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, गुरमीत सिंह पिंकी और बाबा अमन सिंह की फोटो वायरल होने पर गृह मंत्री ने कहा है कि वह मामले की जांच करवाएंगे और असली साजिशकर्ताओं को बेनकाब किया जाएगा। पंजाब सरकार यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि अनुसूचित जाति और गरीब होने के बावजूद लखबीर सिंह को गांव चीमा कलां से दिल्ली के सिंघु बार्डर पर कौर लेकर गया था क्योंकि उसके पास अपनी रोटी के लिए भी पैसे नहीं थे। गृह मंत्री ने स्थानीय प्रशासन को उन कारणों की जांच करने की हिदायत की जिन कारणों से लखवीर चीमा कलां गांव से सिंघू बार्डर गया था।
पहले भी चल रही हैं बेअदबी के मामलों कीं जांच
पंजाब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाएं 2015 से हो रही हैं और इसके पीछे की गहरी साजिश को बेनकाब करने के लिए अब तक आधा दर्जन के करीब स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम बन चुकी हैं। कोटकपूरा के पास गांव बुर्ज जवाहर वाला में चोरी हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब और इसकी बेअदबी की घटना के बाद से अभी तक इस मामले में किसी को सजा नहीं हो पाई है। यही नहीं इसके बाद भी कई बार इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। दिल्ली में हुई वारदात के तार भी पंजाब से जुड रहे हैं और पुलिस ने अब इसके लिए एक नईं स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम बना दी हैं।
जांच टीम बनाने के सियासी मायने
यह स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम बनाने के पीछे पंजाब सरकार के सियासी मायने भी हो सकते हैं। क्योंकि बेअदबी की घटनाओं में प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाने का आरोप लगाकर ही कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया है। चुनाव में कांग्रेस को यह भुनाना आसान होगा। वह कह सकेंगे कि घटनाक्रम दिल्ली और हरियाणा के बार्डर पर हुआ था और इसकी जांच हरियाणा पुलिस की तरफ से की जा रही थी मगर अपना कर्तव्य समझते हुए पंजाब कांग्रेस ने खुद इस मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया था और पंजाब कांग्रेस हमेशा से सिख और किसान हितैशी रही है।

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