साढ़े तीन महीने से कोरोना से जिंदगी की जंग: रीवा में संक्रमितों की सेवा करते-करते पॉजिटिव हुआ किसान; 2 करोड़ इलाज में हो चुके हैं खर्च, फेफड़े 95% खराब, अब मदद मांगी

रीवा3 घंटे पहले

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रीवा जिले के रकरी गांव के धर्मजय सिंह (49) प्रगतिशील किसान हैं।

रीवा जिले का एक किसान कोरोना की चपेट में आने के बाद साढ़े तीन माह से जिंदगी की जंग लड़ रहा है। रीवा से परिजन एयर एंबुलेंस से चेन्नई ले गए, जहां वे इकमो मशीन के सहारे सांस ले रहे हैं। परिजन के मुताबिक इलाज पर अब तक 2 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। अभी इतना ही और खर्च डॉक्टर बता रहे हैं।

जिंदगी बचाने के लिए, परिजन हर प्रयास कर रहे हैं। बेटे ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर मदद मांगी है। सीएम शिवराज सिंह चौहान से भी गुहार लगाई गई है। किसान के बेटे ने मांग की है कि इलाज की राशि में 50% छूट दिलाई जाए।

रीवा जिले के रकरी गांव के धर्मजय सिंह (49) प्रगतिशील किसान हैं। खेती-किसानी के साथ ही वे सामाजिक कार्यों में हमेशा आगे रहते हैं। कोरोना काल में उन्होंने हर तरह लोगों की मदद की। लोगों की सेवा के दौरान ही उनकी तबीयत बिगड़ी और 30 अप्रैल को रीवा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। कोरोना के लक्षण होने पर जांच कराई। 2 मई को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।

एयर एंबुलेंस से चेन्नई भेजा गया
जांच में पता चला कि 95 प्रतिशत फेफड़ा संक्रमित हो गया है। इसके चलते उन्हें 18 मई को एयर एंबुलेंस से इकमो मशीन की सहायता से चेन्नई तमिलनाडु के अपोलो (मेन) हास्पिटल में एडमिट कराया गया। जहां इकमो मशीन से उन्हें कृत्रिम श्वांस दी जा रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा बेटे ने पत्र
धर्मजय के पुत्र नृपेंद्र ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर बताया है कि चिकित्सकों ने फेफड़े के प्रत्यारोपण का प्रस्ताव किया है। अब तक 2 करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो चुकी है। परिवार और रिश्तेदारों की मदद से किसी तरह व्यवस्था बनाई गई, लेकिन अब रुपए नहीं हैं। बेटे ने मांग की है कि हास्पिटल प्रबंधन से इलाज की राशि में 50 प्रतिशत की छूट दिलाई जाए, धर्मजय के इलाज के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी गुहार लगाई गई है।

26 जनवरी को सीएम ने किया था सम्मानित
धर्मजय सिंह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसी वर्ष 26 जनवरी को रीवा के एसएएफ ग्राउंड में गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मानित किया था। गौरतलब है कि धर्मजय ने खेती-किसानी में विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने अपने खेतों में स्ट्राबेरी तैयार किया है। गुलाब की खेती भी व्यापक स्तर पर शुरू की जिसके चलते उन्हें सम्मानित किया गया।

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