संसद के बाहर भिड़े कांग्रेस-अकाली सांसद: रवनीत बिट्टू बोले- कृषि कानून पास हुए तो आप मंत्री थीं, यह नकली प्रदर्शन है, हरसिमरत ने पूछा- राहुल ने वॉकआउट क्यों किया?

नई दिल्लीएक घंटा पहले

संसद के मानसून सेशन में नए कृषि कानून को लेकर हंगामा मचा हुआ है। बुधवार को इसका असर संसद के बाहर भी देखने को मिला। इस मामले पर कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और शिरोमणि अकाली दल सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के बीच जुबानी जंग हुई। प्लेकार्ड्स लेकर संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहीं बादल और अकाली सासंदों से बिट्टू ने कहा कि आपका यह प्रदर्शन नकली है।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि जिस समय सरकार कृषि कानून संसद में पास करा रही थी, उस वक्‍त SAD सरकार के साथ थी। उसके किसी भी नेता ने केंद्र सरकार के बिल पर ऐतराज नहीं जताया। संसद में जब बिल पास हो गया, तब किसानों का हितैषी बनने के लिए SAD के नेताओं ने घर जाकर इस्‍तीफा दिया। ये लोग रोज ड्रामा करते हैं, जबकि इन लोगों के कैबिनेट में रहते हुए बिल पास हुआ।

राहुल और सोनिया संसद में क्यों नहीं बोले: हरसिमरत कौर
इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि जब बिल संसद में पास हो रहा था तो कांग्रेस ने बिल के समय वॉकआउट क्‍यों किया था? जब संसद में बिल पास हो रहा था, उस समय राहुल गांधी कहां पर थे? उस समय वो किसानों की आवाज बनकर संसद में क्‍यों नहीं आए। राहुल और सोनिया गांधी ने बिल के विरोध में संसद में अपनी बात क्‍यों नहीं रखी।

कृषि कानूनों को लेकर प्रदर्शन और सियासत जारी
केंद्र सरकार खेती से जुड़े तीन कानून लेकर आई है। ये तीनों कानून संसद के दोनों सदनों से पारित हो भी चुके हैं और कानून बन चुके हैं। इन कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही इस पर सियासत भी जारी है।

क्या हैं वो तीन कानून?
1. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020

इस कानून में एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने का प्रावधान है, जहां किसानों और कारोबारियों को मंडी के बाहर फसल बेचने की आजादी होगी। कानून में राज्य के अंदर और दो राज्यों के बीच कारोबार को बढ़ावा देने की बात कही गई है। साथ ही मार्केटिंग और ट्रांसपोर्टेशन का खर्च कम करने की बात भी इस कानून में है।

2. कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020
इस कानून में कृषि करारों (एग्रीकल्चर एग्रीमेंट) पर नेशनल फ्रेमवर्क का प्रावधान किया गया है। ये कृषि उत्पादों की बिक्री, फार्म सेवाओं, कृषि बिजनेस फर्म, प्रोसेसर्स, थोक और खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों के साथ किसानों को जोड़ता है। इसके साथ किसानों को क्वालिटी वाले बीज की आपूर्ति करना, फसल स्वास्थ्य की निगरानी, कर्ज की सुविधा और फसल बीमा की सुविधा देने की बात इस कानून में है।

3. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020
इस कानून में अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज और आलू को आवश्यक वस्तुओं की लिस्ट से हटाने का प्रावधान है। सरकार के मुताबिक, इससे किसानों को उनकी फसल की सही कीमत मिल सकेगी, क्योंकि बाजार में कॉम्पिटीशन बढ़ेगा।

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