संकट: बिजली उत्पादन छह गीगावाट गिरा, ऊर्जामंत्री ने कहा- नहीं होने दी जाएगी कोयले की कमी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छत्र

द्वारा प्रकाशित: गौरव पाण्डेय
अपडेट किया गया शुक्र, 15 अक्टूबर 2021 07:00 AM IS

सार

झारखंड में कोयले की एक खदान का दौरा करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मौजूदा कोयला संकट के लिए मानसून के चलते बनी स्थितियों को जिम्मेदार ठहराया।

केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी
– फोटो : twitter.com/JoshiPralhad

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देश में बिजली संकट की आशंका के बीच ऊर्जा मंत्रालय के बयान चिंता को और बढ़ाने वाले हैं। मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोयले के सीमित भंडार के कारण बिजली उत्पादन की क्षमता छह गीगावाट तक घट गई है। ऊर्जा मंत्रालय के बयान में कहा गया है, पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (पोसोको) ने अपनी रिपोर्ट में बिजली उत्पादन की क्षमता में कमी का सिलसिलेवार ब्योरा दिया है।

इसमें कहा गया है कि देश में कोयले की कमी से 12 अक्तूबर को उत्पादन 11 गीगावाट से 14 अक्तूबर को घट कर 5 गीगावाट रह गई है। इस बीच केंद्रीय ऊर्जामंत्री प्रहलाद जोशी ने बृहस्पतिवार को फिर आश्वस्त किया कि बिजली के लिए कोयले की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। जोशी ने झारखंड के चतरा में कहा, वर्षा और आयात बंद होने से कोयले की कमी हुई है।

बुधवार को हमने 20 लाख टन कोयले की आपूर्ति की है। हम ताप बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्रालय ने हमें रोजाना 19 लाख टन कोयले का लक्ष्य दिया था और 20 अक्तूबर के बाद बीस लाख टन का लक्ष्य था, लेकिन हम बुधवार से ही 20 लाख टन की आपूर्ति कर रहे हैं।

दिल्ली, पंजाब व छत्तीसगढ़ के सीएम ने जताई आशंका
देश के कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आशंका जताई थी कि संयंत्रों में कोयले की कमी के कारण उनके राज्यों में बिजली का संकट पैदा हो सकता है। इनमें दिल्ली, पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री शामिल हैं।

गैर ऊर्जा क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति रोकी
कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने गैर ऊर्जा क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति फिलहाल रोक दी है। सीआईएल के एक अधिकारी ने बताया, देशहित में यह सिर्फ एक अस्थायी व्यवस्था है, जिसके तहत कोयले के कम भंडारण वाले बिजली संयंत्रों को आपूर्ति बढ़ाई जा रही है।

अदाणी ने हरियाणा को बंद की आपूर्ति
हरियाणा को अदाणी से मिलने वाली 1424 मेगावाट बिजली अब बंद हो गई है। कोयले का स्टॉक भी चार से पांच दिन का शेष है। इससे प्रदेश में बिजली संकट का डर पैदा हो गया है। इस बीच स्थिति पर नियंत्रण के लिए सरकार ने पानीपत थर्मल पावर प्लांट की यूनिट नंबर 7 और 8 को शुरू कर दिया है। यहां पर रोजाना 250-250 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा है।

मानसून के कारण खदानें बंद रहीं: जोशी
केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि मानसून के कारण कुछ खदानों के बंद होने से और कुछ में जलभराव हो जाने की वजह से कोयले का संकट आया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि स्थिति बेहतर हो रही है। जोशी ने आज झारखंड के छत्र जिले में सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) की अशोक खदान का दौरा किया। यहां उन्होंने कहा कि देश के पावर प्लांट्स को कोयले की आवश्यक मात्रा की आपूर्ति होती रहेगी।

कोयला संकट पर मौजूदा हालत को लेकर जोशी ने कहा कि हम देख रहे हैं कि अब स्थिति बेहतर हो रही है। यहां केंद्रीय मंत्री ने इस मुद्दे को लेकर सीसीएल और ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के अधिकारियों के साथ चर्चा भी की। उन्होंने कोयला उत्पादन बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि हम प्रति दिन 20 लाख टन कोयले का उत्पादन कर सकते हैं। जोशी ने कहा कि जिला प्रशासन समेत सभी के सहयोग से मौजूदा संकट का हल जल्द ही निकाला जाएगा।

विस्तार

देश में बिजली संकट की आशंका के बीच ऊर्जा मंत्रालय के बयान चिंता को और बढ़ाने वाले हैं। मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोयले के सीमित भंडार के कारण बिजली उत्पादन की क्षमता छह गीगावाट तक घट गई है। ऊर्जा मंत्रालय के बयान में कहा गया है, पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (पोसोको) ने अपनी रिपोर्ट में बिजली उत्पादन की क्षमता में कमी का सिलसिलेवार ब्योरा दिया है।

इसमें कहा गया है कि देश में कोयले की कमी से 12 अक्तूबर को उत्पादन 11 गीगावाट से 14 अक्तूबर को घट कर 5 गीगावाट रह गई है। इस बीच केंद्रीय ऊर्जामंत्री प्रहलाद जोशी ने बृहस्पतिवार को फिर आश्वस्त किया कि बिजली के लिए कोयले की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। जोशी ने झारखंड के चतरा में कहा, वर्षा और आयात बंद होने से कोयले की कमी हुई है।

बुधवार को हमने 20 लाख टन कोयले की आपूर्ति की है। हम ताप बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्रालय ने हमें रोजाना 19 लाख टन कोयले का लक्ष्य दिया था और 20 अक्तूबर के बाद बीस लाख टन का लक्ष्य था, लेकिन हम बुधवार से ही 20 लाख टन की आपूर्ति कर रहे हैं।

दिल्ली, पंजाब व छत्तीसगढ़ के सीएम ने जताई आशंका

देश के कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आशंका जताई थी कि संयंत्रों में कोयले की कमी के कारण उनके राज्यों में बिजली का संकट पैदा हो सकता है। इनमें दिल्ली, पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री शामिल हैं।

गैर ऊर्जा क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति रोकी

कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने गैर ऊर्जा क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति फिलहाल रोक दी है। सीआईएल के एक अधिकारी ने बताया, देशहित में यह सिर्फ एक अस्थायी व्यवस्था है, जिसके तहत कोयले के कम भंडारण वाले बिजली संयंत्रों को आपूर्ति बढ़ाई जा रही है।

अदाणी ने हरियाणा को बंद की आपूर्ति

हरियाणा को अदाणी से मिलने वाली 1424 मेगावाट बिजली अब बंद हो गई है। कोयले का स्टॉक भी चार से पांच दिन का शेष है। इससे प्रदेश में बिजली संकट का डर पैदा हो गया है। इस बीच स्थिति पर नियंत्रण के लिए सरकार ने पानीपत थर्मल पावर प्लांट की यूनिट नंबर 7 और 8 को शुरू कर दिया है। यहां पर रोजाना 250-250 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा है।

मानसून के कारण खदानें बंद रहीं: जोशी

केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि मानसून के कारण कुछ खदानों के बंद होने से और कुछ में जलभराव हो जाने की वजह से कोयले का संकट आया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि स्थिति बेहतर हो रही है। जोशी ने आज झारखंड के छत्र जिले में सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) की अशोक खदान का दौरा किया। यहां उन्होंने कहा कि देश के पावर प्लांट्स को कोयले की आवश्यक मात्रा की आपूर्ति होती रहेगी।

कोयला संकट पर मौजूदा हालत को लेकर जोशी ने कहा कि हम देख रहे हैं कि अब स्थिति बेहतर हो रही है। यहां केंद्रीय मंत्री ने इस मुद्दे को लेकर सीसीएल और ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के अधिकारियों के साथ चर्चा भी की। उन्होंने कोयला उत्पादन बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि हम प्रति दिन 20 लाख टन कोयले का उत्पादन कर सकते हैं। जोशी ने कहा कि जिला प्रशासन समेत सभी के सहयोग से मौजूदा संकट का हल जल्द ही निकाला जाएगा।

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