शिवसेना किसकी, ये पाकिस्तान वाले भी जानते हैं: राउत बोले- बस इलेक्शन कमीशन शिंदे को मालिक बताता है; अजित पवार दिल्ली निकले

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मुंबई9 घंटे पहले

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राउत ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा- इलेक्शन कमीशन के ऊपर लोगों का विश्वास नहीं रहा। वह केंद्र सरकार की तोता हो गई है, जो पिंजड़े में बंद है।

शिवसेना पार्टी के सिंबल और नाम को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में है। पार्टी के दो धड़े हैं, एक धड़ा शिवसेना (यूबीटी) है, जबकि दूसरे शिंदे गुट है। इलेक्शन कमीशन ने 17 फरवरी 2023 को एकनाथ शिंदे को शिवसेना का नाम और चिन्ह इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी थी। उद्धव गुट ने आयोग के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

इस बीच उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कहा- शिवसेना का निर्माण बालासाहेब ठाकरे ने किया था और अब उद्धव ठाकरे उसका नेतृत्व कर रहे हैं। राउत ने आगे कहा- अगर आप पाकिस्तान जाकर शिवसेना के बारे में पूछेंगे तो वह भी कहेंगे शिवसेना बालासाहेब ठाकरे और उद्धव ठाकरे की है। लेकिन हमारे इलेक्शन कमीशन को नहीं पता, यह शिवसेना किसकी है।

राउत बोले- इलेक्शन कमीशन के ऊपर लोगों का विश्वास नहीं रहा
राउत ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा- जनता तय करेगी पार्टी किसकी है, इलेक्शन कमीशन ने अपना अधिकार खो दिया है। इसी के साथ संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पार्टी में हुए विवाद का भी जिक्र किया। राउत बोले- NCP का निर्माण पवार साहब ने किया है। जिसने पार्टी बनाई वह सामने बैठे हैं मगर एफिडेविट के ऊपर पार्टी बन जाती है। ये लोग बोगस एफिडेविट लेकर आते हैं।

दरअसल, महाराष्ट्र के मौजूदा डिप्टी CM अजित पवार के बगावत करने के बाद NCP पार्टी को लेकर शरद पवार और अजित पवार के बीच विवाद है। इस मामले पर भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की जा चुकी है।

अजित पवार दिल्ली निकले, शाह से मिलेंगे
इस बीच, उपमुख्यमंत्री अजित पवार 10 नवंबर को दिल्ली रवाना हो गए। उम्मीद है कि इस दौरे के दौरान वह गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। पिछले कुछ दिनों से अजित पवार नाराज बताए जा रहे हैं। इस दौरान मराठा आरक्षण आंदोलन ने गति पकड़ी। इसके बाद अजित पवार ने यह कहते हुए अपनी राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियां कम कर दीं कि उन्हें डेंगू हो गया है।

दिलचस्प यह है कि शुक्रवार 10 नवंबर को ही अजित और शरद पवार की पुणे में मुलाकात हुई। मुलाकात के बाद शरद पवार ने टिप्पणी की कि दिवाली के मौके पर यह पारिवारिक मुलाकात थी। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मुलाकात के बाद ही अजित पवार दिल्ली के लिए रवाना हो गए। लिहाजा महाराष्ट्र में एक बार फिर मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा शुरू हो गई है।

अब पढ़िए सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना और NCP दोनों मामलों पर अब तक क्या हुआ…

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच महाराष्ट्र के विधायक अयोग्यता मामले की सुनवाई कर रही है।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली बेंच महाराष्ट्र के विधायक अयोग्यता मामले की सुनवाई कर रही है।

30 अक्टूबर को SC में सुनवाई, 31 जनवरी 2024 तक फैसला करने का आदेश
शिवसेना और NCP दोनों मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 30 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने विधानसभा सत्र और छुटि्टयों के बीच स्पीकर राहुल नार्वेकर को विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2024 के पहले हफ्ते में होगी।

CJI ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर की अपील पर नाराजगी जताई कि उन्हें अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने के लिए 29 फरवरी 2024 तक का समय चाहिए। CJI बोले- हम चाहते हैं कि वे शिवसेना पर 31 दिसंबर तक और NCP पर 31 जनवरी 2024 तक फैसला कर लें।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सुनील प्रभु और NCP (शरद पवार गुट) के जयंत पाटिल की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इनमें शिंदे-अजित पवार गुटों के विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर के जल्द फैसला करने की मांग की गई है।

पिछली सुनवाई में कहा था- स्पीकर के पास फैसला लेने का आखिरी मौका
सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को अंतिम मौका देने की बात कही थी। शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि विरोधी धड़े (उद्धव ठाकरे) की तरफ से जो याचिकाएं दायर की गई हैं, उस पर फैसला लेने के लिए स्पीकर वास्तविक समयसीमा निर्धारित करें। अयोग्यता की याचिकाओं को जल्द निर्णय लिए जाने की जरूरत है।

फडणवीस ने कहा था- अयोग्य हुए तब भी CM रहेंगे शिंदे
29 अक्टूबर को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधायकों की अयोग्यता मामले पर बयान दिया। उन्होंने मराठी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा। उनका केस मजबूत है।

अगर ऐसा हुआ भी तो वो अपना कार्यकाल बतौर मुख्यमंत्री ही पूरा करेंगे। हम उनका पद बरकरार रखने के लिए उन्हें MLC के रूप में चुन लेंगे। वहीं, विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर अयोग्यता मामले पर चर्चा के लिए रविवार 29 अक्टूबर को ही दिल्ली पहुंच गए थे। पढ़ें पूरी खबर…

पिछले साल एकनाथ शिंदे ने बगावत की थी
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने जून 2022 में पार्टी से बगावत की थी। इसके बाद शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई और खुद मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद शिंदे ने शिवसेना पर अपना दावा कर दिया।

16 फरवरी 2023 को चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना मान लिया। साथ ही शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और चिह्न (तीर-कमान) को इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। उद्धव गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

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