शिक्षक भर्ती घोटाला, TMC मंत्री के घर ED का छापा: हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया

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कलकत्ता18 मिनट पहले

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कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार (22 मार्च) को शिक्षक भर्ती घोटाले चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया।

पश्चिम बंगाल के 2014 के शिक्षक भर्ती घोटाले में शुक्रवार को ED ने राज्य के मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के बीरभूम और कोलकाता के ठिकानों पर छापा मारा। उधर, कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य के चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर इसी मामले से जुड़े कुछ लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने को कहा है।

इस मामले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी सहित कई लोग हिरासत में हैं।

पार्थ चटर्जी के गिरफ्तारी की तस्वीर।

पार्थ चटर्जी के गिरफ्तारी की तस्वीर।

अदालत ने मुख्य सचिव को 3 अप्रैल तक एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग के पूर्व सचिव अशोक साहा, पश्चिम बंगाल सेकंडरी शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली और एसएससी के पूर्व अध्यक्ष सुबीर भट्टाचार्य की जमानत याचिकाओं पर कोर्ट में सुनवाई हुई।

पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अशोक चक्रवर्ती ने सुनवाई के दौरान बताया गया कि सरकार की मंजूरी नहीं मिलने से मुकदमा रुका हुआ है। इसलिए अदालत ने पहले CBI निदेशक को मंजूरी देने का निर्देश दिया था।

चक्रवर्ती ने कोर्ट को सूचित किया कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।

हालांकि, बार-बार अनुरोध के बावजूद, राज्य के मुख्य सचिव ने अभी तक अशोक साहा, सुबीरेश भट्टाचार्य और कल्याणमय गांगुली के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने पर फैसला नहीं किया है।

ED ने TMC के मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के घर पर छापा मारा
शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में शुक्रवार (22 मार्च) की सुबह ED ने पश्चिम बंगाल के मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के घर पर छापा मारा है। मीडिया रेपोर्ट्स के मुताबिक ED का कहना है कि शिक्षक भर्ती घोटाले में करोड़ों रुपए का लेनदेन किया गया था। हालांकि रुपए अभी बरामद नहीं हुए हैं।

TMC मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के घर पर छापा मारा गया। ED का कहना है कि शिक्षक भर्ती घोटाले में करोड़ों रुपए का लेनदेन किया गया था।

TMC मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के घर पर छापा मारा गया। ED का कहना है कि शिक्षक भर्ती घोटाले में करोड़ों रुपए का लेनदेन किया गया था।

8 मार्च 2024 को भी ED की टीम ने राज्य के उत्तर 24 परगना जिले के दमदम शहर समेत कई जगहों पर छापे मारे थे। इससे पहले घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत शिक्षा विभाग से जुड़े अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला
मई 2022 में, CBI को 2014 और 2021 के बीच पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) और पश्चिम बंगाल सेकंडरी एजुकेशन बोर्ड द्वारा गैर-शिक्षण कर्मचारियों (ग्रुप सी और डी) और शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति की जांच करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन, सिलेक्शन टेस्ट में फेल होने के बाद नौकरी पाने के लिए नियुक्त लोगों ने 5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक की रिश्वत दी थी।

सीबीआई के अनुसार, 2014 और 2021 के बीच राज्य भर के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों की नौकरी पाने के लिए उम्मीदवारों से TMC के नेताओं ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा रुपए लिए थे।

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शिक्षक भर्ती घोटाला:दिव्यांगता 5% से ज्यादा नहीं, प्रमाण-पत्र 55% का….अब उज्जैन जिले सहित संभाग के शिक्षकों की नियुक्ति होगी निरस्त

शिक्षक भर्ती घोटाला-2023 सामने आने के बाद अब उज्जैन जिले सहित संभाग के अन्य जिलों में पदस्थ शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त होगी। इसमें 14 फरवरी को सुनवाई की जाकर कार्रवाई की जाएगी। दिव्यांग कोटे में निकली भर्ती में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र पेश कर नौकरी पाई गई थी, जिसमें जांच की गई तो पाया कि दिव्यांगता का प्रतिशत 5 से ज्यादा नहीं होने के बावजूद अभ्यर्थी ने 55 प्रतिशत दिव्यांगता का प्रमाण पत्र पेश कर दिया।

यह खुलासा जिला मेडिकल बोर्ड की जांच में हुआ है। ऐसे में वास्तविक दिव्यांग नौकरी पाने से वंचित रह गए। शिक्षा विभाग में वर्ष 2023 में प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें दिव्यांग कोटा था। अभ्यर्थियों ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी पा ली। ग्वालियर, मुरैना व उज्जैन सहित प्रदेश के अन्य जिलों में शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आ चुका है।

मामले में नेत्र रोग विशेषज्ञ से लेकर ईएनटी स्पेशलिस्ट नाक, कान व गला रोग व अस्थि हड्डी रोग विशेषज्ञ से प्रमाण पत्रों की जांच करवाई गई थी, जो कि जांच में फर्जी पाए गए। इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। जांच रिपोर्ट के तहत दिव्यांग प्रमाण पत्रों पर जावक नंबर व तारीख तक दर्ज नहीं पाई गई, जिसमें रतलाम से प्रमोद यादव जिनका मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दिव्यांगता का प्रतिशत 13.41 है। पूरी खबर पढ़ें

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