शरद पवार बोले- रामलला प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या आऊंगा: चंपत राय को लेटर लिखा- न्योता मिला, इसके लिए मैं आभारी; लालू यादव भी नहीं जाएंगे

मुंबई15 मिनट पहले

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महाराष्ट्र के बेलगांव में शरद पवार ने बुधवार को कहा कि पीएम रहते हुए राजीव गांधी ने राम मंदिर निर्माण की इजाजत दी थी और मंदिर का शिलान्यास भी किया था।

नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार 22 जनवरी को होने जा रहे राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा- 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पूरा होने के बाद मैं समय निकालकर दर्शन के लिए आऊंगा। तब तक राम मंदिर का निर्माण कार्य भी पूरा हो जाएगा। इधर, लालू प्रसाद यादव ने भी अयोध्या जाने से इनकार कर दिया है।

शरद पवार ने लेटर में लिखा …
दिनांक 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में हो रहे प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का न्योता मिला, इसके लिए मैं आभारी हूं। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भारत ही नहीं, विश्वभर में फैले करोड़ों भक्तों की श्रद्धा और आस्था के प्रतीक हैं। अयोध्या के समारोह को लेकर राम भक्तों में उत्सुकता और आतुरता है और वे भारी संख्या में वहां (अयोध्या) पहुंच रहे हैं। उनके माध्यम से इस ऐतिहासिक समारोह का आनंद मुज तक पहुंचेगा। 22 जनवरी के समारोह के समापन के बाद श्री रामलला के दर्शन सहजता और आराम के साथ लिए जा सकेंगे। मेरा अयोध्या आने का कार्यक्रम है, उस समय श्रद्धा के साथ श्री रामलला जी के दर्शन करूंगा। तब तक राम मंदिर का निर्माण भी पूर्ण हो चुका होगा।

आपके स्नेहपूर्ण निमंत्रण के लिए मैं एक बार फिर हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। समारोह की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं स्वीकार करें।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार का राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को लिखा लेटर

एनसीपी प्रमुख शरद पवार का राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को लिखा लेटर

शरद बोले- राजीव गांधी ने पीएम रहते राम मंदिर का शिलान्यास किया था
आज (17 जनवरी) को शरद पवार महाराष्ट्र के बेलगांव के निपानी में एक कार्यक्रम में पहुंचे। यहां उन्होंने कहा- बाबरी मस्जिद गिराने के बाद मंदिर बनाने का जब विचार हुआ तब राजीव गांधी पीएम थे। उन्होंने मंदिर निर्माण की इजाजत दी और मंदिर का शिलान्यास भी किया। फिर कुछ लोग कोर्ट गए। कोर्ट ने अभी मंदिर बनाने की इजाजत दी, तब से मंदिर निर्माण का कार्य जारी है।

सोनिया गांधी-खड़गे नहीं जाएंगे अयोध्या
कांग्रेस ने 10 जनवरी को रामलला मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने से इनकार कर दिया था। पार्टी के जारी लेटर में कहा गया था कि सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन समेत सभी कांग्रेस नेता इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। ये कार्यक्रम भाजपा ने राजनीतिक लाभ के लिए आयोजित किया है। धर्म निजी मामला है, लेकिन BJP/RSS ने मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को अपना इवेंट बना लिया है।

कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर जनरल सेक्रेटरी (कम्युनिकेशंस) जयराम रमेश के हवाले के ये लेटर जारी कर राम मंदिर में जाने का निमंत्रण ठुकराने का कारण बताया था।

कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर जनरल सेक्रेटरी (कम्युनिकेशंस) जयराम रमेश के हवाले के ये लेटर जारी कर राम मंदिर में जाने का निमंत्रण ठुकराने का कारण बताया था।

वहीं, भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तीसरे दिन (16 जनवरी) राहुल गांधी नगालैंड की राजधानी कोहिमा में कहा था कि 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाला रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का फंक्शन है। इसे पूरी तरह से चुनावी कलेवर दिया गया है। कांग्रेस ने इसी वजह से इसमें जाने से इनकार किया है। पूरी खबर पढ़ें

भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तीसरे दिन यानी 16 जनवरी को राहुल गांधी नगालैंड में थे।

भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तीसरे दिन यानी 16 जनवरी को राहुल गांधी नगालैंड में थे।

पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने भी बनाए अयोध्या कार्यक्रम से दूरी

22 जनवरी को होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बंगाल सीएम ममता बनर्जी भी शामिल नहीं होंगी। टीएमसी नेता रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को पॉलिटिकल इवेंट कह रहे हैं। उनका मानना है कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव अभियान के लिए राममंदिर को एक स्प्रिंगबोर्ड की तरह इस्तेमाल करना चाहती है। इसीलिए पार्टी इस इवेंट से दूरी बना रही है।

CPI (M) के महासचिव सीताराम येचुरी भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण ठुकरा चुके हैं। उन्होंने कहा था- धर्म व्यक्तिगत पसंद है, जिसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उनकी पार्टी ने एक्स पर पोस्ट कर धार्मिक कार्यक्रम को स्टेट स्पॉन्सर्ड इवेंट बनाने के लिए भाजपा और आरएसएस की निंदा की थी। पूरी खबर पढ़ें…

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