वैक्सीन मिक्सिंग पर एक और रिसर्च होगी: कोवीशील्ड, कोवैक्सिन के मिक्स डोज पर स्टडी के लिए DGCI ने दी मंजूरी, तमिलनाडु में 300 लोगों पर होगा ट्रायल

नई दिल्ली23 मिनट पहले

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वैक्सीन मिक्सिंग पर तमिलनाडु के वेल्लोर में स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज को स्टडी की मंजूरी दी गई है।- फाइल फोटो।

कोवीशील्ड और कोवैक्सिन की मिक्सिंग पर स्टडी के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने मंजूरी दे दी है। यह स्टडी वेल्लोर (तमिलनाडु) के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज द्वारा की जाएगी। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने 29 जुलाई को इस स्टडी की सिफारिश की थी। इसका ट्रायल 300 लोगों पर किया जाएगा। इसका मकसद यह पता लगाना है कि एक व्यक्ति को अलग-अलग वैक्सीन के डोज देने का क्या असर हो सकता है।

यह स्टडी इंडियन मेडिकल रिसर्च काउंसिल (ICMR) की तरफ से वैक्सीन मिक्सिंग पर की गई स्टडी से अलग होगी। ICMR ने कोरोना वैक्सीन मिक्सिंग पर स्टडी मई-जून के बीच में यूपी में की थी। DGCI के एक्सपर्ट पैनल ने कोवीशील्ड और कोवैक्सिन के मिक्स डोज की स्टडी का सुझाव दिया था।

मिक्स डोज लेने वाले लोगों में ज्यादा एंटीबॉडी
ICMR की वैक्सीन मिक्सिंग की स्टडी को 3 ग्रुप में बांटा गया था। हर ग्रुप में 40 लोगों को शामिल किया गया था। वैक्सीन लगाने के बाद सभी ग्रुप में लोगों की सेफ्टी और इम्यूनिटी प्रोफाइल की तुलना की गई। कोवैक्सिन और कोवीशील्ड की मिक्स डोज लेने वाले लोगों में कोरोना के अल्फा, बीटा और डेल्टा वैरिएंट्स के खिलाफ बेहतर इम्यूनिटी मिली। स्टडी में पाया गया कि एक ही वैक्सीन की 2 डोज लेने वालों की तुलना में दो वैक्सीन की मिक्स डोज लेने वाले लोगों में ज्यादा एंटीबॉडी मौजूद थीं।

स्डटी में वैक्सीन मिक्सिंग सेफ और इफेक्टिव
ICMR की स्टडी एडिनोवायरस वेक्टर प्लेटफॉर्म वैक्सीन और इनएक्टिवेटेड होल वायरस वैक्सीन के कॉम्बिनेशन की पहली स्टडी थी। स्टडी से नतीजा निकला है कि दोनों तरह की वैक्सीन का मिक्स डोज लेना सेफ है। ICMR की एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीजेज की हेड डॉ. सिमरन पांडा ने बताया कि स्टडी में शामिल लोगों को बिना बताए अलग वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई। ऐसा इसलिए किया गया, ताकि लोगों के मन में वैक्सीन की दूसरी डोज को लेकर डर ना बैठे।

वैक्सीन मिक्सिंग के लिए 3 ग्रुप पर स्टडी
वैक्सीन मिक्सिंग के रिजल्ट जांचने के लिए वॉलंटियर्स को 40-40 के 3 ग्रुप्स में बांटा गया था। मिक्स डोज वाले ग्रुप में 18 लोग थे। इनमें 11 पुरुष और 7 महिलाएं थी, जिनकी औसत उम्र 62 साल थी। हालांकि, इनमें से 2 बाद में ट्रायल से बाहर निकल गए। वहीं, एक ही वैक्सीन के दोनों डोज वाले ग्रुप में शामिल 40 लोगों में से एक व्यक्ति में हाई ब्लड प्रेशर देखने को मिला।

इस स्टडी के नतीजों से एक्सपर्ट संतुष्ट हैं, लेकिन वे ज्यादा इनडेप्थ और डिटेल रिसर्च की जरूरत बताते हैं। पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. समीर भाटी ने कहा, ‘इस स्टडी में केवल 18 लोगों को ही शामिल किया गया था। ऐसी स्टडी राष्ट्रीय स्तर पर भी होनी चाहिए। भारत में जनसंख्या की वैराइटी को देखते हुए 60 से 70 साल की उम्र वाले लोगों पर भी यह स्टडी होनी चाहिए।’

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