विशेष सत्र का दूसरा दिन, आज नई संसद में प्रवेश: लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 1.15 बजे और राज्यसभा 2.15 बजे शुरू होगी

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नई दिल्लीएक घंटा पहले

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संसद के विशेष सत्र का आज 19 सितंबर को दूसरा दिन है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, आज लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 1.15 बजे और राज्यसभा की कार्यवाही 2.15 बजे शुरू होगी। सत्र के पहले दिन 18 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने संसद भवन में 50 मिनट की स्पीच दी थी।

उन्होंने कहा कि इसी सदन में पंडित नेहरू का स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट की गूंज हम सबको प्रेरित करती है। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का आंदोलन भी इसी सदन ने देखा था। सदन ने कैश फॉर वोट और 370 को भी हटते देखा है। वन नेशन वन टैक्स, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, गरीबों के लिए 10% आरक्षण भी इसी सदन ने दिया।

केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। स्पेशल सत्र में 5 बैठकें होंगी। इस दौरान 4 बिल पेश किए जाएंगे। उधर विपक्षी पार्टियों ने सरकार से सवाल-जवाब करने के लिए 9 मुद्दों की लिस्ट तैयार की है। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A से 24 पार्टियां इस सेशन में हिस्सा लेंगी।

11 बजे शुरू होगा कार्यक्रम
भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेने के लिए मंगलवार 19 सितंबर को संसद के सेंट्रल हॉल में एक प्रोग्राम होगा। प्रोग्राम सुबह 11 बजे शुरू होगा। इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को न्योता भेजा गया है। मनमोहन सिंह संबोधित भी करेंगे। इसके साथ ही झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन और मेनका गांधी को न्योता भेजा गया है।

करीब डेढ़ घंटे का यह प्रोग्राम राष्ट्रगान के साथ शुरू होगा। इसके बाद सदन के सीनियर नेता सभी सांसदों को नए संसद भवन तक ले जाएंगे। दोनों सदनों के सांसदों की फोटो ली जाएगी।

18 सितंबर को लोकसभा में मोदी के भाषण की 5 बड़ी बातें…

1. प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला बच्चा पार्लियामेंट पहुंचा
पीएम ने पहली बार संसद में प्रवेश करने की यादों को ताजा करते हुए कहा- पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में मैंने प्रवेश किया तो सहज रूप से मैंने संसद भवन की चौखट पर अपना शीश झुका दिया। इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन करने के बाद मैंने अंदर पैर रखा। मैं कल्पना नहीं कर सकता, लेकिन भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि रेलवे प्‍लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक बच्चा पार्लियामेंट पहुंचता है। मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि देश मुझे इतना सम्मान देगा।’​​​​​

2. परिवार पुराना घर छोड़कर जाता है, तो कई यादें ले जाता है
पीएम ने कहा- इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती हैं। हम इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं, तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है। उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है।

मोदी 20 मई, 2014 को पहली बार संसद पहुंचे थे। तब माथा टेककर सदन को नमन किया था।

मोदी 20 मई, 2014 को पहली बार संसद पहुंचे थे। तब माथा टेककर सदन को नमन किया था।

3. नेहरू जी के गुणगान में कौन होगा, जो ताली नहीं बजाएगा
पीएम मोदी ने इस दौरान विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा- बहुत सी बातें ऐसी थी जो सदन में हर किसी की तालियों की हकदार थी, लेकिन शायद उसमें भी राजनीति आगे आ गई। नेहरू जी का गुणगान अगर इस सदन में होगा, तो कौन सदस्य होगा जो उस पर ताली नहीं बजाएगा। शास्त्री जी ने 65 के युद्ध में देश के सैनिकों का हौसला इसी सदन से बढ़ाया था। वहीं इंदिरा गांधी ने इसी सदन से बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के आंदोलन का नेतृत्व किया।

4. संसद पर आतंकी हमला, हमारी जीवात्मा पर हमला था
पीएम मोदी ने 2001 में संसद में हुए हमले को भी याद किया। पीएम ने कहा- यह हमला इमारत पर नहीं बल्कि हमारी जीवात्मा पर हमला हुआ था। ये देश उस घटना को कभी नहीं भूल सकता। आतंकियों से लड़ते हुए जिन सुरक्षाकर्मियों ने हमारी रक्षा की, उन्हें कभी नहीं भूला जा सकता। आतंकियों से लड़ते- लड़ते, सदस्यों को बचाने के लिए जिन्होंने अपने सीने पर गोलियां झेलीं आज मैं उनको भी नमन करता हूं।

4. अब तक 7500 से अधिक प्रतिनिधि दोनों सदनों में आ चुके
शुरुआत में महिला सदस्यों की संख्या कम थी, धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ी। प्रारंभ से अब तक 7500 से अधिक प्रतिनिधि दोनों सदनों में आ चुके हैं। इस कालखंड में करीब 600 महिला सांसद आईं। इंद्रजीत गुप्ता जी 43 साल तक इस सदन के साक्षी रहे। शफीकुर्रहमान 93 साल की उम्र में सदन आ रहे हैं। हमारे यहां संसद भवन के गेट पर लिखा है, जनता के लिए दरवाजे खोलिए और देखिए कि कैसे वो अपने अधिकारों को प्राप्त करते हैं। वक्त के साथ संसद की संरचना भी बदलती गई। समाज के सभी तबके के लोगों का यहां योगदान रहा है।

कांग्रेस के नेताओं ने संसद के अंतिम दिन क्या कहा?

  • कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में कहा – पोखरण के समय विदेशी ताकतों ने हमें रोकने की बहुत कोशिशें की लेकिन हम रुके नहीं। अटल जी ने पूरी दुनिया को एक संदेश दिया। उस परमाणु परीक्षण के बाद हम पर प्रतिबंध लगाए थे, उसको हटाने का काम मनमोहन सिंह ने किया। जिन पर बीजेपी मौन रहने का आरोप लगाती थी। वो मौन नहीं रहते थे। दरअसल वो बात कम, काम ज्यादा करते थे।
  • राज्यसभा में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमसे हर बार यही पूछा जाता है कि 70 साल में क्या किया? हमने वही किया जो आज आप लोग आगे बढ़ा रहे हैं, उसे शुरू किया। जब हमने 1950 में लोकतंत्र को अपनाया, तो कई विदेशी विद्वानों ने सोचा कि यहां लोकतंत्र विफल हो जाएगा क्योंकि यहां लाखों अशिक्षित लोग हैं। हमने उन्हें गलत साबित किया। हमने यही किया है 70 सालों में।

संसद के विशेष सत्र से 38 दिन पहले हुआ था मानसून सत्र

मानसून सत्र 20 जुलाई से 11 अगस्त तक चला था। पूरे सत्र में विपक्ष ने मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर जमकर हंगामा किया। वे PM मोदी से मणिपुर पर बोलने की मांग कर रहे थे। इसके लिए विपक्ष ने 26 जुलाई को केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया था। अगले दिन यानी 27 जुलाई को लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।

अविश्वास प्रस्ताव पर 8 से 10 अगस्त तक बहस हुई। पीएम ने 10 अगस्त को जवाब दिया। इस दौरान विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया और अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से गिर गया। पढ़ें पूरी खबर…

मानसून सत्र में 25 विधेयक पेश, 23 पास हुए

संसद के मॉनसून सत्र में केंद्र सरकार की ओर से कुल 25 विधेयक पेश किए गए। इनमें से 20 विधेयक लोकसभा में पेश किए गए थे। वहीं, 5 विधेयक राज्य सभा में पेश किए गए। दोनों इस सत्र में पेश होकर दोनों सदनों में पास हुए कुल विधेयकों की संख्या 23 रही।

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10 महिला सांसदों ने संसद भवन की यादें शेयर कीं:नोट लिखकर पुरानी इमारत को अलविदा कहा

स्मृति ईरानी ने संसद की नई इमारत में कामकाज शुरू होने का लेकर शुभकमनाएं दी। हरसिमरत कौर बादल ने लिखा कि 2006 में संसद देखने से लेकर 2009 में पहली बार सांसद बनने तक, 2014 में पहली बार मंत्री बनने तक इस इमारत के 144 पिलर्स से मेरी कई यादें जुड़ी हैं। बादल ने कहा कि इतिहास और हजारों भारतीय कलाकारों, मूर्तिकारों और मजदूरों की कला से सजी यह खूबसूरत इमारत मेरे लिए गहन शिक्षा का स्थान रही है। पढ़ें पूरी खबर…

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