विवादों में घिरी हैदराबाद पुलिस: राह चलते लोगों को रोककर फोन चेक किया, ड्रग्स और गांजे से जुड़ी चैट ढूंढ़ी

हैदराबाद14 मिनट पहले

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आर्यन खान ड्रग्स केस के बाद देश में ड्रग्स को लेकर माहौल काफी गर्म है। सरकारी संस्थाएं इस मामले में काफी चौकस हो गई हैं। हैदराबाद में इसी से जुड़ा एक मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस का काफी विरोध हो रहा है। यहां पर पुलिस ने राह चलते लोगों को रोककर उनके ड्रग्स या गांजे जैसे शब्दों को ढूंढ़ने के लिए लिए उनके फोन चेक किए। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें लोग निजता के हनन के लिए पुलिस की आलोचना कर रहे हैं।

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिस अधिकारी हैदराबाद में एंटी-गांजा-ड्रग्स ड्राइव के तहत पुराने शहर में गाड़ियों को रोककर लोगों से उनके फोन मांग रहे है और उनके चैट में ड्रग शब्द ढूंढ़ रहे हैं। साउथ जोन के DCP गजराज भूपल ने बताया कि 100 से ज्यादा पुलिसवालों ने बहादुरपुरा पुलिस के क्षेत्र में आने वाले असदबाबा नगर में सर्च ऑपरेशन में भाग लिया। इस ऑरेशन में 58 वाहन चालकों की तलाशी ली गई।

पुलिस दो महीने से चला रही है एंटी-ड्रग्स मुहिम
DCP ने बताया कि इस ड्राइव के दौरान 10 राउडी शीटर्स को हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने बताया कि पिछले दो महीनों से हम ड्रग्स, गांजे के खिलाफ खास मुहिम चला रहा हैं। हैदराबाद पुलिस कमिश्नर अंजिनि कुमार ने कहा कि लोगों की निजता का उल्लंघन करने का सवाल नहीं है। जहां तक पुराने अपराधी, खूनी और गुंडों की बात है, अगर हमें उनके पास कुछ भी मिलता है तो हमें चेक करना ही होगा। यह हमारी प्रमुख जिम्मेदारी है। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे किसी वीडियो की जानकारी नहीं है और वे इस मामले की जांच करेंगे।

लोगों ने की आलोचना
फोन सर्च के वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास कोडाली ने लिखा: नई पुलिस प्रैक्टिस के बारे में अलर्ट दे रहा हूं: हैदराबाद पुलिस अब फोन चैट पढ़ने के लिए लोगों को रोककर तलाशी ले रही है। पुलिस अब गांजा जैसे शब्दों को चैट में ढूंढ़ रही है। उस समय का इंतजार कीजिए जब गांजे की जगह NRC, मोदी या BJP शब्द ढूंढ़ा जाएगा।

एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा कि अब तो इस बात का इंतजार है कि हैदराबाद पुलिस राह चलते लोगों को रोककर पैसों की तलाशी ले। किसके पास कितने नोट हैं, कितना चिल्लर है, कितने क्रेडिट कार्ड हैं, ताकि किसी बैंक या फायनेंशियल फ्रॉड होने पर पुलिस की तैयारी पूरी हो। सामाजिक कार्यकर्ता SQ मकसूद ने कहा कि यह साफ तौर पर आम और अनपढ़ लोगों का शोषण है।

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