विपक्ष की मोर्चाबंदी: सोनिया गांधी ने 15 विपक्षी दलों की बैठक बुलाई; पवार, उद्धव समेत कई बड़े नेता शामिल, AAP और BSP को न्यौता नहीं

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नई दिल्लीएक घंटा पहले

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माना जा रहा है कि मीटिंग में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। साथ ही इसके जरिए विपक्षी दल सत्ताधारी भाजपा को अपनी एकजुटता भी दिखाएंगे।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 15 विपक्षी दलों के नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक कर रही हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन, महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे, NCP प्रमुख शरद पवार समेत विपक्षी दलों के कई बड़े नेता इसमें शामिल हो रहे हैं। हालांकि, आम आदमी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी को इसके लिए न्यौता नहीं भेजा गया है।

इस बैठक के जरिए विपक्षी दल सत्ताधारी भाजपा को अपनी एकजुटता भी दिखा रहे हैं। हाल ही में मानसून सत्र के दौरान संसद में पेगासस जासूसी कांड, किसान आंदोलन, महंगाई समेत दूसरों मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा था। कहा जा रहा है कि इन दिनों विपक्षी पार्टियों में अच्छी एकजुटता नजर आ रही है।

आगामी विधानसभा चुनावों पर बातचीत के आसार
अगले साल UP समेत कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी विपक्षी दल बातचीत कर सकते हैं। यहां भी इनकी योजना एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरने की है। विपक्षी दलों की सक्रियता को इसे बड़ी वजह माना जा रहा है। इसके अलावा अफगानिस्तान के हालात और पूर्वोत्तर की हालिया कुछ घटनाओं को लेकर विपक्षी दल सरकार से राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सवाल कर सकते हैं।

विपक्षी दलों के साथ राहुल की ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसी महीने विपक्षी दल के नेताओं के साथ ब्रेकफास्ट मीटिंग रखी थी। इसमें 14 दलों के नेता शामिल हुए। इस ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स का मकसद विपक्ष को एक साथ रखने की कोशिश थी। साथ ही पेगासस जासूसी कांड जैसे मुद्दों पर संसद में सरकार की घेराबंदी के लिए रणनीति तैयार की गई। बैठक खत्म होने के बाद राहुल गांधी साइकिल से संसद रवाना हुए। उनके साथ विपक्षी दलों के नेता भी साइकिल से संसद पहुंचे।

ममता बनर्जी ने दिल्ली आकर कई नेताओं से मुलाकात की
हाल ही में ममता बनर्जी ने का दिल्ली दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने सोनिया गांधी समेत कई दूसरे नेताओं से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के जरिए उन्होंने केंद्र को संदेश दिया कि विपक्ष इतना कमजोर नहीं है, जितना सरकार समझ रही है। कहा जा रहा है कि विपक्षी दल आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ने की योजना बना रहे हैं।

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