लोकसभा घुसपैठ केस में अब तक 5 गिरफ्तार, 1 फरार: आरोपियों ने डेढ़ साल पहले प्लान बनाया, 6 महीने पहले भी संसद में घुसने की कोशिश की थी

नई दिल्ली17 मिनट पहले

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13 दिसंबर को संसद के अंदर घुसे शख्स को सांसदों ने दौड़कर पकड़ा, फिर उसकी पिटाई की और सिक्योरिटी के हवाले कर दिया।

13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में अब नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों ने पहले ही संसद के बाहर की रेकी कर ली थी। सभी आरोपी एक सोशल मीडिया पेज ‘भगत सिंह फैन क्लब’ से जुड़े थे।

लगभग डेढ़ साल पहले सभी आरोपी मैसूर में मिले थे। आरोपी सागर जुलाई में लखनऊ से दिल्ली आया था लेकिन संसद भवन में इंट्री नहीं कर सका था। 10 दिसंबर को एक-एक करके सभी अपने-अपने राज्यों से दिल्ली पहुंचे।

घटना वाले दिन सभी आरोपी इंडिया गेट के पास इकट्ठा हुए, जहां सभी को कलर स्प्रे बांटा गया। पुलिस ने बताया, शुरुआती जांच के अनुसार संसद सुरक्षा उल्लंघन का मुख्य साजिशकर्ता कोई और है।

दिल्ली पुलिस ने UAPA के तहत केस दर्ज किया
उधर, दिल्ली पुलिस ने एंटी टेरर और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत केस दर्ज कर लिया। लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर, गृह मंत्रालय ने इस घटना की जांच का आदेश दिया है। CRPF के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के नेतृत्व में एक जांच कमेटी बनाई गई है। इसमें अन्य सुरक्षा एजेंसियों और एक्सपर्ट शामिल हैं।

पुलिस ने बताया कि कुल छह आरोपी हैं। दो अंदर घुसे थे, जबकि दो बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। पूछताछ में दो लोगों का और नाम सामने आया। फिलहाल पांच गिरफ्त में है और एक फरार है।

5 जरूरी कदम, जो अब उठाए…
नई संसद में घुसपैठ के बाद अब सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स में कई बदलाव किए जा रहे…
1. सांसदों, स्टाफ मेंबर्स और पत्रकारों के एंट्री गेट अलग होंगे। विजिटर्स को चौथे गेट से प्रवेश कराया जाएगा।
2. विजिटर पास जारी करने पर अभी रोक लगा दी गई है।
3. दर्शकदीर्घा के चारों ओर ग्लास की शील्ड लगाई जाएगी, ताकि कोई कूदकर सदन के अंदर न आ सके।
4. एयरपोर्ट की तरह बॉडी स्कैन मशीनें लगाई जाएंगी।
5. सुरक्षाकर्मियों की संख्या में भी बढ़ोतरी की जाएगी।

यह वो कलर स्प्रे का खाली डब्बा है,जिससे रंग छोड़ा गया था।

यह वो कलर स्प्रे का खाली डब्बा है,जिससे रंग छोड़ा गया था।

संसद के सुरक्षा गैजेट्स 19 साल पुराने, नई भर्ती भी नहीं
संसदीय सुरक्षा से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी ने भास्कर को बताया कि स्मोक कैन अंदर कैसे पहुंचा, यह सबसे हैरानी की बात है। अगर यह जूते या मोजे में छिपा था तो DFMD (डोरफ्रेम मेटल डिटेक्टर) में जरूर पकड़ा जाना चाहिए था। हालांकि, एक वजह यह भी संभव है कि 2004 के बाद से संसद के सुरक्षा गैजेट नहीं खरीदे गए, यानी ये 19 साल पुराने हैं। एक अन्य संसदीय सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि उनके स्टाफ में 10 साल से नई भर्ती नहीं हुई है। करीब 150 सुरक्षाकर्मियों के पद खाली पड़े हैं। नई संसद में फेशियल रीडिंग के उपकरण ही
नए हैं। बाकी मैनुअल चेकिंग बहुत कम हो गई है। पुरानी संसद में उस पर ज्यादा जोर था।

मनोरंजन के पिता बोले- गलत किया तो बेटे को फांसी पर लटका दो
डी मनोरंजन कर्नाटक के मैसुरु का रहने वाला है। उसने 2016 में बैचलर इन इंजीनियरिंग (BE) की पढ़ाई पूरी की थी। दिल्ली और बेंगलुरु में कुछ कंपनियों में काम भी किया। अब वह परिवार के साथ खेती का काम देख रहा था। मनोरंजन ने भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के ऑफिस से लोकसभा में एंट्री के लिए पास लिया था। उसने सागर शर्मा को अपना दोस्त बताया था।

मनोरंजन के पिता देवराजे गौड़ा ने कहा, ‘अगर मेरे बेटे ने गलत किया है, तो उसे फांसी पर लटका दीजिए। वह संसद हमारी है। इसे बनाने में महात्मा गांधी और नेहरू जैसे नेताओं ने कड़ी मेहनत की थी।’ हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया कि उनका बेटा ईमानदार और सच्चा है। उसकी एकमात्र इच्छा समाज के लिए अच्छा करना और समाज के लिए बलिदान देना है।

सेना भर्ती में जाने की कहकर घर से निकला था अमोल
अमोल शिंदे (25) महाराष्ट्र के लातुर जिले के जरी गांव का रहने वाला है। उसने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है। वह पुलिस और सेना भर्ती परीक्षाओं की तैयारी के साथ दिहाड़ी मजदूरी करता था। अमोल के मां-बाप और दो भाई भी मजदूरी करते हैं। अमोल के परिवार के मुताबिक, वह 9 दिसंबर को यह कहकर घर से निकला था कि वह सेना भर्ती के लिए दिल्ली जा रहा है। उसने पहले भी इस तरह के कई भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था, इसलिए उसके माता-पिता को कोई शक नहीं हुआ।

ललित की जानकारी जुटा रही पुलिस
इन पांच किरदारों के अलावा एक और नाम सामने आया है। वो है ललित, जो हरियाणा का रहने वाला है। इसके बारे में इससे ज्यादा जानकारी अभी बाहर नहीं आई है। यह फरार है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इसकी तलाश में दबिशें दी जा रही हैं। पकड़े गए लोगों से केंद्रीय एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं।

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