सार
भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत रविवार सुबह 10.30 बजे से जारी है।अब तक दोनों देशों के बीच 12 दौर की बातचीत हो चुकी है।
भारत और चीन के बीच बातचीत
– फोटो : PTI
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विस्तार
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर शांति बहाली के लिए भारत और चीन के बीच उच्च सैन्य स्तर की 13वें दौर की वार्ता रविवार सुबह 10:30 बजे शुरू हो गई। बैठक में भारत तनातनी वाले शेष बिंदुओं से चीनी सेना की पूरी तरह वापसी पर जोर देगा। इसके अलावा डेपसांग और देमचोक के मुद्दे पर भी चर्चा होगी।
12वें दौर में 9 घंटे चली थी बातचीत
31 जुलाई को भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 12वें दौर की वार्ता हुई थी। यह वार्ता करीब नौ घंटे तक चली थी। इसमें भारत ने पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा व अन्य तनाव वाले स्थानों से सेना व हथियारों को जल्दी हटाने पर जोर दिया गया था। बैठक में दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध खत्म करने पर बातचीत की। चर्चा के दौरान भारत व चीन ने सीमा विवाद को लेकर विस्तार से चर्चा की थी।
14 जुलाई को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी। उस वक्त दुशांबे में शंघाई सहयोग सम्मेलन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर हुई इस मुलाकात में एलएसी को लेकर चल रहे मुद्दों पर चर्चा हुई थी। जयशंकर ने कहा था कि स्थिति में एकतरफा परिवर्तन किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा था कि सीमा क्षेत्रों में हमारे संबंधों के विकास के लिए शांति और व्यवस्था की पूरी तरह वापसी बहुत जरूरी है।
दोनों देश पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से अपने-अपने सैनिकों और हथियारों को हटाने की प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं। लेकिन, टकराव वाली बाकी जगहों पर सैनिकों को वापस ले जाने की शुरुआत अभी तक नहीं हो पाई है। दोनों के बीच पिछले साल मई से पूर्वी लद्दाख में कुछ स्थानों को लेकर सैन्य गतिरोध की स्थिति बनी हुई है।
एलएसी पर जब तक चीनी सैनिक मौजूद, मोर्चे पर डटे रहेंगे हमारे भी जवान: नरवणे
बैठक से ठीक एक दिन पहले सेना प्रमुख ने शनिवार को दो टूक कहा कि जब तक चीनी सैनिक वहां मौजूद रहेंगे, तब तक हमारे जवान भी डटे रहेंगे। सेना उनकी हर गतिविधि पर नजर रख रही है और किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान के आतंकियों की घुसपैठ को भी गंभीर मसला बताया।
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का एलएसी के उस पार बुनियादी ढांचे बनाना चिंता का विषय जरूर है, लेकिन हमारी तैयारी भी टक्कर की है। हमारे सैनिक हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं और दुश्मन का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस बार की सर्दियों में भी चीनी सैनिक एलएसी पर बने रहे तो वहां भी एलओसी जैसे हालात हो जाएंगे। हालांकि हालात पाकिस्तान जैसी नहीं होगी लेकिन हमारे सैनिक वहां भी मोर्चे पर डटे रहेंगे।
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