लखीमपुर हिंसा का जायजा लेने यूपी जाएगा SAD का डेलीगेशन: चंदूमाजरा की अगुवाई में पार्टी लेगी हालात का जायजा, सुखबीर बोले- PM मोदी जिद छोड़ देते तो इतने किसानों की जान न जाती

लुधियाना19 मिनट पहले

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राम दरबार मंदिर में नतमस्तक होते हुए सुखबीर सिंह बादल।

उत्तरप्रदेश (यूपी) के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा का जायजा लेने के लिए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) बादल का डेलीगेशन यूपी जा रहा है। इस डेलीगेशन की अगुवाई प्रेम सिंह चंदूमाजरा कर रहे हैं। यह डेलीगेशन वहां की पूरी स्थिति का जायजा लेकर पार्टी को अवगत करवाएगा। शिरोमणि अकाली दल की तरफ से इसके लिए कोर कमेटी की इमरजेंसी बैठक बुलाई जा रही है जिसमें आगे की कार्रवाई का फैसला लिया जाएगा।

शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिद छोड़कर कृषि कानून रद्द कर देने चाहिए। अगर वह अपनी जिद पर अड़े न होते तो न किसानों के धरने होते और न इतने लोगों की मौत होती। हालात बेहद बिगड़ रहे हैं और किसानों की जान जा रही हैं। उनकी ओर से इस मामले की जांच करने की मांग की है। उनका कहना है कि पार्टी से ऊपर उठकर किसानों को इंसाफ मिलना चाहिए।

राम दरबार में माथा टेकने के बाद जनसभा कर रहे हैं सुखबीर
किसानों द्वारा एलान के बावजूद शिरोणमि अकाली दल बादल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल लुधियाना पहुंचे हैं। वह यहां सेक्टर-39 के राम दरबार मंदिर में नतमस्तक हुए हैं और इसके बाद संजय गांधी कालोनी के पास रैली को संबोधित करेंगे। इसके बाद उनकी ओर से अपने पुराने दोस्त के घर भी जाना है। 8 दिनों के बाद ही उनका यह दूसरा दौरा है और वह हिंदू वोट बैंक को साधने के प्रयास में जुटे हैं। वह काफी समय बाद विधान सभा क्षेत्र में चुनावी रैली को संबोधन कर रहे हैं। यहां से पहले ही रणजीत सिंह ढिल्लों को उमीदवार एलाना गया है। राम दरबार मंदिर में माथा टेकने के बाद सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि उनका लुधियाना से विशेष लगाव है और यहां आकर हिंदू भाईयों के साथ मिलकर खुशी मिलती है।

लुधियाना में पत्रकारवार्ता के दौरान सुखबीर सिंह बादल

लुधियाना में पत्रकारवार्ता के दौरान सुखबीर सिंह बादल

व्यापारियों से बैठक करेंगे सुखबीर सिंह बादल
सुखबीर सिंह बादल की तरफ से बाद दोपहर जालंधर रोड पर एक रिजोर्ट में डाइंग, गार्मेंट्स, होजिरी, नीटिंग एंड टेक्सटाइल इंडस्ट्री के साथ बैठक करेंगे और इस दौरान उनकी समस्याओं के बारे में विचार विमर्श किया जाएगा। उनका कहना है कि चुनाव घोषणा पत्र बनाने के लिए ही वह समय-समय पर व्यापारियों से मिल रहे हैं।

किसानों के प्रदर्शन के बाद बंद की गई थीं रैलियां
सुखबीर बादल की तरफ से 100 दिन 100 विधान सभा क्षेत्र गल पंजाब दी के तहत अपनी जनसभाएं शुरू की गई थीं। मोगा में हुए विरोध और पुलिस लाठीचार्ज के बाद उनकी ओर से अपनी रैलियां बंद कर दी गईं। इसके बाद किसानों संगठनों ने सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर कृषि कानून रद्द नहीं होने तक चुनाव रैलियां नहीं करने का सुझाव दिया था। इसके बाद अब सुखबीर ने फिर से रैलियां शुरू कर दी हैं।

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