रेप-मर्डर की धमकियां, 1800 बालिका वधुओं को बचाया: देश का पहला बाल विवाह निरस्त कराने वाली महिला, पिता जन्म से पहले मारना चाहते थे

जोधपुरएक घंटा पहलेलेखक: रणवीर चौधरी

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कफन का रंग हमेशा सफेद ही नहीं होता। शादी का लाल जोड़ा भी उन बच्चियों के लिए कफन ही होता है, जिन्हें मां-बाप बाल विवाह की आग में झोंक देते हैं। ऐसी आग जिसमें जल जाता है बचपन, सपने और मासूमियत।

इस आग से अब तक 1800 बेटियों को बचा चुकी हैं कृति भारती। कई बार किडनैपिंग और रेप की धमकी मिली, लेकिन कोई डर उन्हें बाल विवाह के खिलाफ इस मिशन से डिगा नहीं पाया।

भारती कृति का सरनेम नहीं है, लेकिन उन्हें उस पिता का सरनेम लगाना मंजूर नहीं था, जो उनकी गर्भ में हत्या कराना चाहते थे। 10 साल की उम्र में भी उनकी हत्या की कोशिश की गई।

पढ़िए 10 साल की उम्र में मौत को हरा चुकी कृति कैसे आज बाल विवाह की आग में झुलस रही बेटियों को बचा रही है, खुद उन्हीं की जुबानी…

कृति अब तक 50 बाल विवाह निरस्त करा चुकी हैं और 1750 बाल विवाह रुकवा चुकी हैं।

कृति अब तक 50 बाल विवाह निरस्त करा चुकी हैं और 1750 बाल विवाह रुकवा चुकी हैं।

पिता मुझे मां की कोख में मारना चाहते थे

मेरे पिता डॉक्टर थे और मां महिला बाल विकास विभाग में जॉब करती थी। जब मां प्रेग्नेंट थीं तो पिता ने उन पर अबॉर्शन के लिए दबाव डाला। मां ने मना कर दिया तो दोनों अलग हो गए।

मेरे जन्म के समय काफी कॉम्पलिकेशन हुए। इस वजह से पैदाइश के बाद भी काफी समय तक मेरे सिर और आंखों का इलाज चला। पिता साथ नहीं थे, ऐसे में मां ने ही मुझे अकेले पाला और देखभाल की।

10 साल की उम्र में जहर दिया, 2 साल पैरालाइसिस

जब मैं महज 10 साल की थी तो किसी ने मुझे मारने के लिए केक में पॉइजन दे दिया था। मां मुझे हॉस्पिटल लेकर गई। डॉक्टर ने मेरी जान तो बचा ली, लेकिन पैरालाइसिस हो गया। बॉडी के कई पाट्‌र्स ने काम करना बंद कर दिया।

उस समय मैं चौथी क्लास में पढ़ती थी। हाथ-पैर तक नहीं हिला सकती थी। दो साल तक इलाज चला। इसके बाद मैंने फिर से चलना सिखा।

इस तरह बदला अपना सरनेम

मेरे पिता का सरनेम चोपड़ा है। पिता ने मुझे नहीं अपनाया, ऐसे में मैं भी नहीं चाहती थी कि किसी भी तरह मेरी पहचान उनसे जुड़े। मैंने अपना नाम भी कृति चोपड़ा से बदलकर कृति भारती (भारत की बेटी) कर दिया।

जब मैंने कॉलेज से ग्रेजुएशन की, तभी तय कर लिया था कि दूसरी बेटियों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए काम करुंगी। इसके लिए कई एनजीओ में काम किया। साल 2011 में सारथी ट्रस्ट नाम से खुद के एनजीओ की शुरुआत की।

डॉ. कृति भारती को बाल विवाह रोकने की इस मुहिम में कई खतरों को सामना करना पड़ा। किडनैपिंग, रेप और मर्डर की धमकियां तक मिलीं।

डॉ. कृति भारती को बाल विवाह रोकने की इस मुहिम में कई खतरों को सामना करना पड़ा। किडनैपिंग, रेप और मर्डर की धमकियां तक मिलीं।

…जब मिला बाल विवाह का पहला केस

साल 2011 की बात है। उस समय जोधपुर के लूणी गांव में रहने वाली लक्ष्मी ने मुझसे संपर्क किया। लक्ष्मी ने मुझे बताया कि उसकी महज 1 साल की उम्र में नानी के मौसर (मृत्यु भोज) पर उसका बाल विवाह कर दिया गया था। उसकी शादी सतलाना में रहने वाले युवक से हुई थी।

जब वो 16 वर्ष की हुई तो उसे पहली बार बाल विवाह के बारे में पता लगा। उसे पता चला कि उसके ससुराल में एक लड़की की शादी के बाद मौत हो गई थी। इससे लक्ष्मी काफी डर गई थी।

लक्ष्मी ने मुझे बताया कि उसका गौना (बाल विवाह के बाद लड़की के बालिग होने पर ससुराल भेजते है) होने वाला है और वो ससुराल नहीं जाना चाहती है।

डिवोर्स के बजाय बाल विवाह निरस्त कराया

मेरे लिए यह बाल विवाह का पहला केस था। कानून की पेचीदगियों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। ऐसे में मैंने कई एक्सपर्ट से बात की। सभी ने डिवोर्स फाइल करने के लिए कहा लेकिन, मैंने बाल विवाह निरस्त कराने की याचिका लगाई।

इसकी वजह ये थी कि डिवोर्स फाइल करने पर बाल विवाह को शादी माना जाता और फिर डिवोर्स से समाज में बदनामी का डर था। ऐसे में मैंने बाल विवाह निरस्त कराने के लिए केस लड़ा।

इसमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लक्ष्मी पढ़ी लिखी नहीं थी, उसके पास कोई सर्टिफिकेट नहीं थे। उसके समाज से परिवार वालों पर लगातार केस वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया। मुझे आए दिन केस वापस लेने के लिए धमकियां मिलती थी।

कई महीनों की लड़ाई के बाद 24 अप्रैल 2012 को हमारे प्रयासों की जीत हुई। ये देश का निरस्त हुआ पहला बाल विवाह था। इसके बाद कई लड़कियों के लिए बाल विवाह की गुलामी से आजादी का रास्ता खुल गया था।

कई बार किडनैपिंग और रेप की धमकी मिली

बाल विवाह निरस्त कराते समय समाज के पंचों द्वारा परिवार पर सबसे ज्यादा दबाव बनाया जाता है। समाज के लोगों का इतना दबाव होता है कि लड़की के मां-बाप भी साथ छोड़ देते है। ऐसे में केस चलने तक मैं बच्चियों को अपने साथ ही रहती हूं।

केस वापस लेने के लिए कई लोगों ने मेरे अपहरण का भी प्रयास किया। एक बार किसी ने एक फेक केस बनाकर मुझे सूनसान जगह बुलाने का प्रयास किया। पहले तो उन्हें लगा कि कोई पीड़ित लड़की होगी लेकिन बाद में पता लगा कि यह साजिश थी।

इसी तरह एक बार तो एक केस में लड़के के परिवार वालों ने केस वापस नहीं लेने पर रेप और जान से मारने की धमकी दी।

अब पढ़िए 2 बेटियों की कहानी, जिनकी जिंदगी कृति ने बदल दी…

जोधपुर के रोहिचा कलां की रहने वाली संता देवी अपने पति और बच्चे के साथ।

जोधपुर के रोहिचा कलां की रहने वाली संता देवी अपने पति और बच्चे के साथ।

केस 1 : 11 महीने की उम्र में 45 लड़कियों का एक साथ बाल विवाह हुआ

जोधपुर से 45 किलोमीटर दूर लूणी तहसील के रोहिचा कलां गांव में रहने वाली संता देवी (28) ने बताया कि महज 11 महीने की उम्र में मेरा बाल विवाह कर दिया था। मेरे परिवार और रिश्तेदारों ने 45 लड़कियां कुंवारी थी, सभी भी शादी कर दी। हमारे गांव में लड़कियों को आठवीं या दसवीं तक ही पढ़ाई कराते थे। उसके बाद उन्हें ससुराल भेज देते थे। जब मैं आठवीं क्लास में थी तो एक लड़का हर दिन स्कूल के बाहर मेरा पीछा करके बात करने का प्रयास करता था।

  • पति शराब के नशे में छेड़खानी करता : वो अक्सर शराब के नशे में होता और छेड़खानी करता था। मैंने उससे बात नहीं की तो वो मेरी सहेलियों के साथ भी छेड़खानी करने लगा। मैंने अपने घरवालों को बताया तो पता चला कि वो मेरा पति है। मेरी उसके साथ बचपन में ही शादी हो गई थी। मैंने घरवालों को मना कर दिया कि मुझे वो लड़का पसंद नहीं है, मैं ससुराल नहीं जाउंगी।
  • परिवार पर 16 लाख का जुर्माना : मेरी आठवीं क्लास की पढ़ाई होते ही ससुराल वालों ने मुझे ससुराल भेजने के लिए घरवालों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। मैंने जाने से मना कर दिया तो ससुराल वालों ने समाज की पंचायत बुला ली। पंचों ने 16 लाख रुपए का जुर्माना लगाया और मेरे परिवार को समाज से बाहर कर दिया। हम गांव और रिश्तेदारी में किसी से बात नहीं कर सकते थे। लोगों ने हमारे घर पर आना जाना भी बंद कर दिया। गांव में कोई दुकानदार हमें किराणे का सामान तक नहीं देता था।
  • शादी तुड़वाने के लिए भगवान को चिठि्ठयां लिखी : इसी दौरान मैंने अखबार में खबर पढ़ी, जिसमें देश का पहला बाल विवाह निरस्त होने की खबर थी। मैंने न्यूज कटिंग और शादी तुड़वाने की एक चिठ्‌ठी लिखकर मंदिर में भगवान के आगे रखकर शादी तुड़वाने की मनौती मांगी। एक साल बाद भी शादी नहीं टूटी तो मेरे भाई ने मुझे सारथी ट्रस्ट की डायरेक्टर कृति भारती से मिलवाया। उनसे मिलने के बाद हमने बाल विवाह निरस्त करवाने की याचिका लगाई।
  • मल्टीनेश्नल कंपनी में जॉब करने के बाद लव मैरिज: मेरा बाल विवाह निरस्त करवाने का केस चल रहा था तो घरवालों और रिश्तेदारों ने मेरा साथ छोड़ दिया था। मैंने तय कर लिया था कि केस खत्म होने के बाद मैं अपने गांव नहीं जाउंगी। साल 2015 के अक्टूबर महीने में मेरा बाल विवाह निरस्त हुआ। इसके बाद मैं एक मल्टीनेश्नल कंपनी में जॉब करने लग गई। वहां जॉब के दौरान मेरी प्रकाश से मुलाकात हुई। कुछ समय बाद हमने लव मैरिज कर ली। अब हम दोनों साथ में जॉब करते हैं। हमारे एक बेटा भी है।
जोधपुर के तिंवरी गांव की रहने वाली समता अभी बीएड कर रही हैं। उनका कहना है कि जॉब के बाद ही वे शादी के बारे में सोचेंगी।

जोधपुर के तिंवरी गांव की रहने वाली समता अभी बीएड कर रही हैं। उनका कहना है कि जॉब के बाद ही वे शादी के बारे में सोचेंगी।

केस 2 : ढाई साल की उम्र में बुआ के साथ बाल विवाह

जोधपुर से 43 किलोमीटर दूर तिंवरी गांव में रहने वाली समता ने बताया कि मैं 6 क्लास में पढ़ती थी, तब पता चला कि मेरा बाल विवाह हो चुका है। ढाई साल की थी तब बुआ की शादी में मेरा भी बाल विवाह कर दिया था। बाल विवाह के बारे में पता लगने के बाद मैं कई दिनों तक याद करती रही, लेकिन याद नहीं आया कि मेरी शादी कब हुई?

  • पहली बार पति को देखकर डर गई थी : मैंने जब पहली बार पति को देखा तो देखकर ही डर गई थी। वो मुझसे उम्र में काफी बड़ा था। मैंने तय कर लिया था कि ससुराल नहीं जाउंगी। फिर मेरी एक दोस्त ने सोशल मीडिया से कृति भारती से सम्पर्क किया। हमने बाल विवाह निरस्त का केस किया तो समाज के पंचों ने मेरे परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया। आए दिन जान से मारने की धमकी मिलती थी। हमने हार नहीं मानी और जुलाई 2022 वर्ष में बाल विवाह निरस्त करवा कर केस जीता। अब मैं बीएड कर रही हूं। मैं अब पहले जॉब करूंगी, उसके बाद ही शादी के बारे में सोचूंगी।

नियम : 20 साल से कम उम्र में बाल विवाह निरस्त होता है

डॉ कृति भारती ने बताया कि बाल विवाह 20 साल की उम्र तक निरस्त हो सकता है। 20 वर्ष से अधिक उम्र होने पर डिवोर्स फाइल करना पड़ता है। बाल विवाह निरस्त कराते समय सबसे ज्यादा चुनौती पीड़िता के परिवार और समाज को लेकर आती है। समाज का दबाव सबसे ज्यादा होता है। इसमें अधिकतर मामलों में लड़की के परिवार वाल दबाव में आकर पीछे हट जाते हैं। वे लड़की पर भी केस वापस लेने के लिए दबाव बनाते हैं।

सरकार की और से कृति को इंदिरा शक्ति पुरस्कार, विमेन ऑफ द फ्यूचर अवॉर्ड, गरिमा बालिका संरक्षण अवॉर्ड आदि दिए जा चुके हैं।

सरकार की और से कृति को इंदिरा शक्ति पुरस्कार, विमेन ऑफ द फ्यूचर अवॉर्ड, गरिमा बालिका संरक्षण अवॉर्ड आदि दिए जा चुके हैं।

आईएएस को ट्रेनिंग देती हैं कृति

डॉ.कृति नियमित रूप से सिविल सेवा ट्रेनी को मसूरी के लबासना सेंटर पर ट्रेनिंग देती है। इसके अलावा रीपा, नीपा आदि कई इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग देती रही हैं।

अंतरराष्ट्रीय लिवाइस जींस ब्रांड ने आई शेप माय वर्ल्ड कैंपेन में डॉ.कृति की मुहिम पर फोकस्ड स्पेशल फीचर वीडियो लॉन्च किया था। जेनेवा स्विजरलैंड में ह्यूमन राइट्स अवॉर्ड, दिल्ली बाल आयोग की ओर से चिल्ड्रन चैंपियन अवॉर्ड, अमेरिका की चॉकलेट कंपनी हर्शी ने डॉ. कृति की फ़ोटो व साहसिक मुहिम की चॉकलेट कवर पर चित्रित किया।

वहीं विद्या बालन अभिनीत शेरनी मूवी की लॉन्चिंग में डॉ.कृति को रियल शेरनी टाइटल दिया गया। कलर्स चैनल के चर्चित शो बालिका वधु के सोशल मीडिया प्रमोशन में भी डॉ.कृति के बाल विवाह निरस्त की मुहिम को प्रसारित किया गया।

डॉ.कृति भारती को अन्तराष्ट्रीय टेफ्ड मैग्जीन की टॉप रैंकिंग, अन्तर्राष्ट्रीय संगठन गर्ल्स नॉट ब्राइड की ओर चेंजमेकर सम्मान, लंदन सरकार द्वारा और कोलंबो में अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया। इसके अलावा ग्लोबल अवॉर्ड, मारवाड़ रत्न, मेवाड़ रत्न सहित कई राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है।

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