राजौरी ब्लास्ट केस में NIA ने चार्जशीट दाखिल की: फरार चल रहे लश्कर-ए-तैयाब के 3 कमांडर के नाम; आरोपियों में 2 पुंछ के रहने वाले

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नई दिल्ली1 घंटे पहले

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2 जनवरी 2023 को हुए Ied ब्लास्ट में 7 लोगों की मौत हो गई थी।

जम्मू-कश्मीर में राजौरी के ढांगरी गांव में 2 जनवरी 2023 को IED ब्लास्ट हुआ था। इस हमले में 7 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें दो बच्चे भी शामिल थे और कई लोग घायल हुए थे।

राष्ट्र जांच एजेंसी (NIA) इस मामले में सोमवार (26 फरवरी) को चार्जशीट दाखिल की। इसमें 5 लोगों को आरोप बनाया है, जिनमें प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 3 हैंडलर हैं जो पाकिस्तान से हैं और अभी फरार चल रहे हैं। एक किशोर को भी पकड़ा गया है।

इन सभी पर UAPA सहित IPC की कई धाराएं लगाई हैं। वहीं, पकड़े गए किशोर के खिलाफ अंतिम रिपोर्ट जल्द ही किशोर न्याय बोर्ड राजौरी को सौंपी जाएगी।

जनवरी 2023 में राजौरी के डांगरी इलाके के मुख्य चौक पर आतंकी हमले में मारे गए लोगों का शव सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया था।

जनवरी 2023 में राजौरी के डांगरी इलाके के मुख्य चौक पर आतंकी हमले में मारे गए लोगों का शव सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया था।

पाकिस्तान में बैठकर भारत में ब्लास्ट की साजिश
NIA के मुताबिक, चार्जशीट में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के 3 हैंडलर सैफुल्ला उर्फ साजिद जट्ट उर्फ अली उर्फ हबीबुल्लाह उर्फ नुमान उर्फ लंगडा उर्फ नौमी, मोहम्मद कासिम और अबू काताल उर्फ काताल सिंधी हैं। दो अन्य आनिसार अहमद उर्फ हाजी निसार और मुश्ताक हुसैन उर्फ चाचा हैं। अबू कताल और एक अन्य सजीत जट पाकिस्तानी नागरिक हैं।

NIA की जांच के मुताबिक, मोहम्मद कासिम साल 2002 में पाकिस्तान चला गया था। वहां लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी रैंक में शामिल हो गया था। सैफुल्ला, मोहम्मद कासिम औक अबू काताल आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए आतंकवादियों की भर्ती करते हैं और हमले करवाते हैं। इनके निशाने पर आम नागरिकों, विशेषकर जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय, सुरक्षाकर्मी रहते हैं।

सैफुल्ला का दाहिना हाथ है मोहम्मद कासिम
चार्जशीट में कहा गया है कि वर्तमान में सैफुल्ला लश्कर-ए-तैयबा का बड़ा कमांडर है। मोहम्मद कासिम सैफुल्ला का दाहिना हाथ है। अबू कतल 2002-03 में भारत आया था और अन्य आतंकवादियों के साथ पुंछ-राजौरी रेंज में सक्रिय था। आनिसार अहमद उर्फ हाजी निसार और मुश्ताक हुसैन उर्फ चाचा लश्कर के ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) हैं और पुंछ जिले के रहने वाले हैं।

राजौरी के डांगरी में IED ब्लास्ट के बाद की तस्वीर।

राजौरी के डांगरी में IED ब्लास्ट के बाद की तस्वीर।

आतंकवादियों को मिली थी मदद
मामले की जांच में सामने आया है ढांगरी हमले के बाद आनिसार और मुश्ताक हुसैन ने अबू काताल के निर्देश पर आतंकवादियों की सहायता की थी। एक किशोर जिसे अपराधियों की सहायता करने के आरोप में पकड़ा था। उसने आतंकवादियों के खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की थी। लगभग तीन महीने तक आतंकवादियों की मदद की गई थी। जिन मोबाइल के जरिए सैफुल्ला सहित लश्कर के दूसरे कमांडरों के संपर्क किया गया था, उन्हें नष्ट करने को कोशिश भी की गई थी

NIA ने कहा है कि आनिसार अहमद को आतंकवादियों के लिए पाकिस्तान से भेजे गए हथियारों, गोला-बारूद और नकदी की खेप भी मिली थी। आनिसार भारत में रहने के दौरान अबू काताल के संपर्क में आया था। अबू के पाकिस्तान चले जाने के बाद भी उसके संपर्क में बना रहा।

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