राजकोट गेम जोन हादसा, परिवार वालों का सब्र टूटा: दो दिन से अस्पताल के चक्कर लगा रहे, बोले- शरीर नहीं तो उसके टुकड़े ही दे दो – Gujarat News

शवों के लिए परिवार दो दिनों से सिविल और एम्स अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं।

बीती 25 मई की शाम राजकोट के टीआरपी गेम जोन में आग लगने से 28 लोगों की मौत हो गई है। भीषण आग में शव इस कदर झुलस गए हैं कि उनकी पहचान डीएनए के जरिए की जा रही है। आज सुबह 5 लोगों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए। शवों के लिए अन्य परिवार दो दिनों से सिव

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राजकोट सिविल अस्पताल में अब बड़ी संख्या में मृतकों के परिजन जमा हैं। डॉक्टर्स से सही जवाब न मिलने पर कई लोग आक्रोशित हो गए। लोगों की पुलिस प्रशासन से भी नोकझोंक हुई। आक्रोशित लोगों ने कहा- हमारे अपनों की जान ते ले ली। अब उनकी लाश भी नहीं दे पा रहे हैं। शरीर नहीं तो उनके टुकड़े ही दे दे।

हॉस्पिटल में मौजूद लोगों की पुलिस प्रशासन से भी नोक झोंक हो रही है।

हम पैसे नहीं शव लेने आए हैं
सिविल अस्पताल के पोस्टमार्टम रूम के बाहर भी बड़ी संख्या में लोग जमा हैं। यहां मौजूद एक रिश्तेदार ने नाराजगी जताते हुए कहा, हम सिस्टम से सिर्फ यह कह रहे हैं कि आपने लापता व्यक्ति को ढूंढने के लिए क्या किया? हमने डीएनए टेस्ट भी दिया है, लेकिन अब तक रिपोर्ट क्यों नहीं आई। हम यहां प्रशासन से पैसे नहीं, अपनों की लाशें लेने आए हैं। हमारा सवाल यह है कि हमें क्या करना चाहिए? सभी अधिकारी बस पांच मिनट, दस मिनट कहकर आगे निकल जाते हैं। हम दो दिनों से अस्पताल के बाहर खड़ें हैं।

डीएनए मैच के बाद सोमवार सुबह पांच शव उनके परिवार को सौंप दिए गए।

डीएनए मैच के बाद सोमवार सुबह पांच शव उनके परिवार को सौंप दिए गए।

जाडेजा परिवार के बेटे की निकली अंतिम यात्रा
हादसे में गोंडल के पास खरेड़ा गांव के जाडेजा परिवार के बेटे सत्यपाल सिंह की जान चली गई। डीएनए मैच के बाद आज उनका शव परिवार को सौंप दिया गया। परिवार मूल रुप के गोंडल तहसील के खरेड़ा गांव का रहने वाला है। सत्यापाल की अंतिम यात्रा में पूरा गांव शामिल हुआ।

सोमवार सुबह एक और आरोपी राहुल राठौड़ को गिरफ्तार किया गया है। राहुल गेम जोन के संचालकों के पार्टनर्स में से एक है।

सोमवार सुबह एक और आरोपी राहुल राठौड़ को गिरफ्तार किया गया है। राहुल गेम जोन के संचालकों के पार्टनर्स में से एक है।

8 अधिकारियों को निलंबित किया गया
इस मामले में राज्य सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। घटना के लिए जिम्मेदार अब तक 8 अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। सस्पेंड किए गए अधिकारियों के नाम…

  • रोड्स एंड बिल्डिंग डिपार्टमेंट (आरएनबी) का डेप्युटी इंजीनियर।
  • गौतम डी जोशी – राजकोट महानगरपालिका कॉर्पोरेशन (आरएमसी) के असिस्टेंट टाउन प्लानर ।
  • जयदीप चौधरी – टाउन प्लानिंग शाखा के असिस्टेंट इंजीनियर।
  • एम आर सूमा – नायब कार्यालय के इंजीनियर।
  • वी आर पटेल – पुलिस इंस्पेक्टर।
  • एनआई राठौड़ – पुलिस इंस्पेक्टर ।
  • पारस एम कोठिया – नायब कार्यपालक इंजीनियर ।
  • रोहित विगोरा – फायर स्टेशन ऑफिसर
यह वीडियो गेम जोन में लगे CCTV में रिकॉर्ड हो गया था।

यह वीडियो गेम जोन में लगे CCTV में रिकॉर्ड हो गया था।

राजकोट के TRP गेम जोन में 25 मई की शाम को हुए हादसे का एक CCTV फुटेज सामने आया है। इस वीडियो में शाम 5.33 मिनट पर गेम जोन के एक हिस्से में वेल्डिंग का काम होता दिख रहा है। इसी से निकलने वाली चिनगारी थोड़ी देर में भड़क जाती है। जिसे वहां मौजूद कर्मचारी बुझाने की कोशिश करते हैं।

गेम जोन से आने-जाने का एक ही रास्ता था। महज 2 मिनट के अंदर आग भयानक रूप ले लेती है, जिसके कारण पूरा गेम जोन उसकी चपेट में आ जाता है।

फायर ब्रिगेड की 8 टीमें करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझा पाईं। 25 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया। इसी हादसे में 12 बच्चों समेत 28 लोग मारे गए।

आग शनिवार की शाम साढ़े चार बजे लगी थी। आग पर काबू पाने में करीब 3 घंटों का समय लगा था।

आग शनिवार की शाम साढ़े चार बजे लगी थी। आग पर काबू पाने में करीब 3 घंटों का समय लगा था।

राजकोट गेमजोन हादसे पर एक नजर

आग कैसे लगी: किराए की 2 एकड़ जमीन पर तीन मंजिला गेम जोन 2020 में बनाया गया था। इसका स्ट्रक्चर लकड़ी और टीन शेड पर खड़ा था। कई जगह रिपेयरिंग और रेनोवेशन का काम भी चल रहा था। एक जगह सीढ़ी पर वेल्डिंग के दौरान निकली चिनगारी से ब्लास्ट हुआ और आसपास आग लग गई।

आग तेजी से क्यों फैली: गेम जोन का डोम कपड़े और फाइबर से बना था। स्ट्रक्चर लकड़ी, टीन और थर्मोकोल शीट से बनाया गया था। फर्श पर भी रबर, रेग्जीन और थर्मोकोल लगा था। इसके अलावा गेज जोन में 2 हजार लीटर डीजल और 1500 लीटर पेट्रोल भी स्टोर किया गया था। इसलिए आग कुछ मिनटों में ही तेजी से फैल गई।

टीआरबी गेम जोन का यह पूरा गुंबद ढह गया था, जिससे लोग बाहर नहीं भाग सके।

टीआरबी गेम जोन का यह पूरा गुंबद ढह गया था, जिससे लोग बाहर नहीं भाग सके।

ज्यादा नुकसान की वजह: चश्मदीद के मुताबिक​​​​, आग नीचे से ऊपर तक कुछ ही मिनटों में फैल गई थी। तीन मंजिला स्ट्रक्चर में नीचे से ऊपर जाने के लिए केवल एक सीढ़ी थी। दूसरी और तीसरी मंजिल के लोगों को भागने का मौका नहीं मिला।

अधिकारी क्या बोले: कलेक्टर आनंद पटेल ने कहा, शव इतनी बुरी तरह जले हैं कि पहचान मुश्किल है। DNA टेस्ट कराना होगा। राजकोट के सभी गेम जोन बंद कर दिए गए हैं। पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव के मुताबिक, टीआरपी गेम जोन के पास फायर NOC तक नहीं थी। सरकार ने जांच के लिए SIT बनाई है।