रक्षा बंधन 2021: जानिए 474 साल बाद हो रहा दुर्लभ संयोग

इस वर्ष यह पर्व 22 अगस्त को पूरे जोश और जोश के साथ मनाया जाएगा।

इस वर्ष शुभ काल 12 घंटे से अधिक का है।

हिंदू धर्म में रक्षा बंधन को भाई-बहन के प्यार का त्योहार माना जाता है। यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। बहनें इस दिन अपने भाइयों की कलाई पर रंग-बिरंगी राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती हैं। भाई भी अपनी बहनों के लिए उपहार लाते हैं और हमेशा उनकी रक्षा करने का वादा करते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार जुलाई या अगस्त के महीने में आता है।

इस साल दुर्लभ संयोग

इस वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि शनिवार 21 अगस्त से सायं 07:03 बजे प्रारंभ होकर अगले दिन- रविवार 22 अगस्त को सायं 05:33 बजे समाप्त होगी। अत: इस वर्ष यह पर्व 22 अगस्त को पूरे जोश और जोश के साथ मनाया जाएगा।

इस वर्ष रक्षा बंधन पर राखी बांधने का शुभ समय 22 अगस्त को सुबह 06:14:56 से शाम 17:33:39 तक है। कुल अवधि 11 घंटे 18 मिनट है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष धनिष्ठा नक्षत्र में श्रावण पूर्णिमा (पूर्णिमा के दिन) पर त्योहार मनाया जाएगा। यह एक दुर्लभ अवसर माना जाता है। जैसा कि शुभ अवधि 12 घंटे से अधिक है, बहनें दिन भर में कभी भी अपने भाइयों के हाथ पर राखी बांध सकती हैं।

हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार रक्षा बंधन पर सूर्य, मंगल और बुध एक साथ सिंह राशि में विराजमान होंगे। सूर्य सिंह राशि का स्वामी या स्वामी है। मंगल सिंह राशि का मित्र ग्रह भी है। इसके साथ ही शुक्र कन्या राशि में रहेगा। इस प्रकार के ग्रहों और राशियों का योग बहुत शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रक्षा बंधन पर ऐसा संयोग 474 साल बाद हो रहा है।

बृहस्पति और चंद्रमा के मिलन से इस बार रक्षा बंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है। यह योग लोगों के जीवन में सौभाग्य लाता है। इससे लोगों को धन, घर और वाहन जैसी संपत्ति प्राप्त करने में मदद मिलती है। गजकेसरी योग लोगों को समाज में राजसी सुख और सम्मान प्राप्त करने में मदद करता है।

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