यंग इंडिया की 751.9 करोड़ की संपत्ति अटैच: नेशनल हेराल्ड केस में ED का एक्शन; इस कंपनी में सोनिया-राहुल की 76% हिस्सेदारी

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नई दिल्ली11 मिनट पहले

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2010 में यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) नामक नया ऑर्गेनाइजेशन बना, जिसने नेशनल हेराल्ड को चलाने वाले AJL का अधिग्रहण कर लिया।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड केस में यंग इंडिया की 751.9 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की है। कांग्रेस से जुड़े यंग इंडिया के खिलाफ ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई है। इस कंपनी में सोनिया-राहुल की 76% हिस्सेदारी है।

इसी केस में ED ने 3 अगस्त 2022 को दिल्ली की हेराल्ड बिल्डिंग में स्थित यंग इंडिया कंपनी का ऑफिस सील कर दिया था। पिछले साल 2 और 3 अगस्त को ED की टीम ने सुबह से देर शाम तक नेशनल हेराल्ड के दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई सोनिया और राहुल से पूछताछ के बाद की गई थी।

ED ने कहा- जांच में अवैध प्रॉपर्टी मिली
जांच एजेंसी ने बयान जारी कर कहा कि सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछताछ की थी और उनके बयान दर्ज किए थे। इसी के आधार पर कार्रवाई की गई। ED ने आगे कहा कि जांच से पता चला कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के पास दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में 661.69 करोड़ रुपए की अवैध संपत्तियों में यंग इंडिया का कब्जा है। इसके अलावा AJL ने इसमें 90.21 करोड़ रुपए की अवैध आय निवेश किया है। इसी प्रॉपर्टी को अटैच किया गया है।

नेशनल हेराल्ड केस क्या है?
नेशनल हेराल्ड केस का मामला सबसे पहले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में उठाया था। अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को आरोपी बनाया गया था। नीचे ग्राफिक्स से समझिए इस पूरे केस को…

सोनिया और राहुल पर ये आरोप
BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड को चलाने वाले AJL से 90 करोड़ रुपए लोन की रिकवरी का अधिकार यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) को ट्रांसफर किया और यंग इंडियन लिमिटेड ने AJL की 2,000 करोड़ रुपए की संपत्ति को कांग्रेस पार्टी को महज 50 लाख रुपए का भुगतान करते हुए अधिग्रहित कर ली।

स्वामी का आरोप है कि नेशनल हेराल्ड को चलाने वाली AJL कंपनी पर कांग्रेस के बकाया 90 करोड़ के लोन को चुकाने के लिए राहुल-सोनिया की यंग इंडियन लिमिटेड ने 50 लाख रुपए का भुगतान किया, इसके बाद कांग्रेस ने AJL के बाकी बचे 89.50 करोड़ रुपए का लोन माफ कर दिया।

स्वामी का आरोप है कि YIL को अपना लोन वसूलने के लिए नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को अधिग्रहित करने का अधिकार मिल गया, जिसमें दिल्ली की प्राइम लोकेशन पर स्थित उसकी बिल्डिंग भी शामिल है, जिसकी कीमत करीब 2,000 करोड़ रुपए है।

आरोप है कि 2010 में 5 लाख रुपए में बनी यंग इंडियन लिमिटेड की संपत्ति कुछ ही सालों में बढ़कर 800 करोड़ रुपए हो गई।

उधर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि यंग इंडियन लिमिटेड में राहुल गांधी को शेयरों से 154 करोड़ रुपए की कमाई हुई। इनकम टैक्स डिमार्टमेंट पहले ही 2011-12 के लिए यंग इंडियन लिमिटेड को 249.15 करोड़ रुपए टैक्स भुगतान का नोटिस जारी कर चुका है।

नेशनल हेराल्ड के मालिकाना हक वाली कंपनी AJL के 90 करोड़ के लोन को यंग इंडियन लिमिटेड को ट्रांसफर किया गया था, इस कंपनी में सोनिया-राहुल की 76% हिस्सेदारी है।

नेशनल हेराल्ड के मालिकाना हक वाली कंपनी AJL के 90 करोड़ के लोन को यंग इंडियन लिमिटेड को ट्रांसफर किया गया था, इस कंपनी में सोनिया-राहुल की 76% हिस्सेदारी है।

केस में सोनिया से 100 से ज्यादा सवाल हुए
जून 2022 में नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी से 5 दिनों में 50 घंटे पूछताछ हुई थी। फिर 21 जुलाई 2022 में नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी से 3 दिन में 12 घंटे सवाल हुए थे। इस दौरान उनसे 100 से ज्यादा सवाल किए गए। ईडी ने राहुल गांधी से भी जून में पांच दिनों में 50 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी।

ED ने सोनिया से ये सवाल पूछे थे

  • यंग इंडिया लिमिटेड संस्था किस क्षेत्र में काम करती है?
  • लेनदेन से जुड़ी कितनी बैठकें आपके आवास 10 जनपथ पर हुईं?
  • लेनदेन के बारे में आपको क्या जानकारी है? इसके शेयर किस तरह बिके?
जुलाई में सोनिया गांधी से ई़डी की पूछताछ के विरोध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रदर्शन किया था।

जुलाई में सोनिया गांधी से ई़डी की पूछताछ के विरोध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रदर्शन किया था।

2010 में हुई सोनिया-राहुल की एंट्री
2010 में यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) नामक नया ऑर्गेनाइजेशन बना, जिसने नेशनल हेराल्ड को चलाने वाले AJL का अधिग्रहण कर लिया। YIL के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल थे। YIL में सोनिया और राहुल की हिस्सेदारी 76% थी और बाकी 24% हिस्सेदारी मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास थी। मोतीलाल वोरा का 2020 और ऑस्कर फर्नांडीज का 2021 में निधन हो चुका है। इसके बाद कांग्रेस ने AJL के 90 करोड़ रुपए के लोन को YIL को ट्रांसफर कर दिया।

कांग्रेस का लोन चुकाने के बदले में AJL ने यंग इंडियन को 9 करोड़ शेयर दिए। इन 9 करोड़ शेयरों के साथ यंग इंडियन को AJL के 99% शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस ने AJL का 90 करोड़ का लोन माफ कर दिया। सुब्रमण्यम स्वामी ने इसी सौदे पर सवाल उठाते हुए केस फाइल किया था।

आरोपों पर कांग्रेस के तर्क
कांग्रेस का कहना है कि YIL को मुनाफा कमाने के बजाय चैरिटी के उद्देश्य से बनाया गया था। कांग्रेस का ये भी कहना है कि यंग इंडियन लिमिटेड द्वारा किया गया ट्रांजैक्शन फाइनेंशियल नहीं, बल्कि कॉमर्शियल था। कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि जब प्रॉपर्टी या कैश का कोई ट्रांसफर ही नहीं हुआ तो मनी लॉन्ड्रिंग का कैसे बन सकता है।

सिंघवी का कहना है कि AJL जब घाटे में आ गया तो उसे बचाने के लिए कांग्रेस ने 90 करोड़ की आर्थिक सहायता दी। इससे AJL पर लोन हो गया। उसने इस लोन को इक्विटी में बदला और 90 करोड़ के लोन को नई कंपनी यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन यंग इंडियन नॉन-फॉर-प्रॉफिट कंपनी है और इसके शेयरहोल्डर्स और डायरेक्टर्स को कोई लाभांश नहीं दिया जा सकता है। सिंघवी का दावा है कि इसका मतलब है कि आप इस कंपनी से एक रुपया नहीं ले सकते।

सिंघवी का ये भी दावा है कि अब भी AJL के पास ही पहले की तरह की नेशनल हेराल्ड की सभी प्रॉपर्टी और प्रिंटिंग और पब्लिशर बिजनेस पर अधिकार है। केवल एकमात्र बदलाव ये है कि AJL के शेयर यंग इंडियन के पास हैं, लेकिन यंग इंडियन इस पैसे का किसी भी तरह से इस्तेमाल नहीं कर सकती है। वह न तो लाभांश दे सकती है और न ही प्रॉफिट कमा सकती है।

नेहरू ने शुरू किया था नेशनल हेराल्ड अखबार
नेशनल हेराल्ड अखबार 1938 में जवाहर लाल नेहरू ने 5 हजार स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर शुरू किया था। इस अखबार का प्रकाशन एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) द्वारा किया जाता था। आजादी के बाद ये अखबार कांग्रेस का मुखपत्र बन गया।

AJL इस अखबार का प्रकाशन तीन भाषाओं में करता था। अंग्रेजी में ‘नेशनल हेराल्ड’ के अलावा हिंदी में ‘नवजीवन’ और उर्दू में ‘कौमी आवाज।’ धीरे-धीरे अखबार घाटे में चला गया और कांग्रेस से मिले 90 करोड़ रुपए के कर्ज के बावजूद 2008 में बंद हो गया।

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