मोदी ने भाषण रोककर बेहोश हुए गार्ड का इलाज कराया: पीएम चंद्रयान-3 के वैज्ञानिकों से मिलकर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे थे

नई दिल्ली34 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

सोशल मीडिया पर मौजूद कार्यक्रम के वीडियो के मुताबिक, जिस व्यक्ति की तबीयत खराब हुई थी, वो उनका सिक्योरिटी पर्सनल है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को पालम एयरपोर्ट पर अपनी स्पीच को थोड़ी देर के लिए रोका। ऐसा उन्होंने बीमार शख्स का इलाज कराने के लिए किया। दरअसल, आज दोपहर में पीएम बेंगलुरु से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे थे। वहां पहुंचकर उन्होंने लोगों को संबोधित किया।

उनके संबोधन के दौरान एक व्यक्ति की तबीयत खराब हो गई। पीएम की नजर उस व्यक्ति पर पड़ी। ऐसे में उन्होंने थोड़ी देर के लिए अपना भाषण रोका और अपनी मेडिकल टीम से शख्स का इलाज करने के लिए कहा। पीएम ने उसके जूते भी उतारने की बात कही।

सोशल मीडिया पर मौजूद कार्यक्रम के वीडियो के मुताबिक, जिस व्यक्ति की तबीयत खराब हुई थी, वो उनका सिक्योरिटी पर्सनल है। उसको इलाज के लिए भेजे जाने के बाद पीएम ने अपनी स्पीच पूरी की।

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुबह ISRO के कमांड सेंटर में चंद्रयान-3 टीम के वैज्ञानिकों से मिले। यहां उन्होंने 3 घोषणाएं कीं। पहली- 23 अगस्त को हर साल भारत नेशनल स्पेस डे मनाएगा। दूसरा- चांद पर लैंडर जिस जगह उतरा, वह जगह शिव-शक्ति पॉइंट कहलाएगी। तीसरी- चांद पर जिस जगह चंद्रयान-2 के पद चिन्ह हैं, उस पॉइंट का नाम ‘तिरंगा’ होगा।

PM सुबह 7.30 बजे कमांड सेंटर पहुंचे, इसरो चीफ की पीठ थपथपाई
प्रधानमंत्री सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर बेंगलुरु के ISRO के कमांड सेंटर पहुंचे। यहां वे चंद्रयान-3 की टीम के वैज्ञानिकों से मिले। इसरो कमांड सेंटर पर इसरो चीफ एस सोमनाथ ने PM मोदी को गुलदस्ता देकर स्वागत किया। PM ने सोमनाथ को गले लगाया और पीठ थपथपाई। उन्हें चंद्रयान 3 मिशन के सफल होने पर बधाई दी। इस दौरान उन्होंने टीम के सभी वैज्ञानिकों के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई।

PM मोदी ने इसरो चीफ एस सोमनाथ को गले लगाया।

PM मोदी ने इसरो चीफ एस सोमनाथ को गले लगाया।

मोदी की स्पीच 8 बड़ी बातें, वैज्ञानिकों से कहा- आपकी जितनी सराहना करूं, उतनी कम है

1. चंद्रयान की सफल लैंडिंग पर: आप देश को जिस ऊंचाई पर लेकर गए, ये कोई साधारण सफलता नहीं। अनंत अंतरिक्ष में भारत के वैज्ञानिक सामर्थ्य का शंखनाद है। इंडिया इज ऑन द मून, वी हैव अवर नेशनल प्राइड प्लेस्ड ऑन मून। हम वहां पहुंचे जहां कोई नहीं पहुंचा था। हमने वो किया जो पहले कभी किसी ने नहीं किया था। ये आज का भारत है निर्भीक भारत, जुझारू भारत। ये वो भारत है जो नया सोचता है नए तरीके से सोचता है। जो डॉर्क जोन में जाकर भी दुनिया में रोशनी की किरण फैला देता है।

2. वैज्ञानिकों की सराहना में: मेरी आंखों के सामने 23 अगस्त का वो दिन, वो एक-एक सेकेंड बार-बार घूम रहा, जब टचडाउन कन्फर्म हुआ। जिस तरह देश में लोग उछल पड़े वो दृश्य कौन भूल सकता है। वो पल अमर हो गया। वो पल इस सदी के प्रेरणादायक पलों में एक है। हर भारतीय को लग रहा था कि विजय उसकी अपनी है। ये सब मुमकिन बनाया है आप सब ने। देश के मेरे वैज्ञानिकों ने ये मुमकिन बनाया है। मैं आप सबका जितना गुणगान करूं वो कम है। मैं आपकी जितनी सराहना करूं वो कम है।

3. विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर पर: साथियों मैंने वो फोटो देखी, जिसमें हमारे मून लैंडर ने अंगद की तरह चंद्रमा पर मजबूती से अपना पैर जमाया। एक तरफ विक्रम का विश्वास है, तो दूसरी तरफ प्रज्ञान का पराक्रम है। हमारा प्रज्ञान चंद्रमा पर अपने पदचिह्न छोड़ रहा है। मानव सभ्यता में पहली बार धरती के लाखों साल के इतिहास में उस स्थान की तस्वीर मानव अपनी आंखों से देख रहा है। ये तस्वीर दुनिया को दिखाने का काम भारत ने किया है।

4. भारत की साइंटिफिक स्पिरिट पर: आज पूरी दुनिया भारत की साइंटिफिक स्पिरिट का, हमारी टेक्नोलॉजी का, हमारे साइंटिफिक टेंपरामेंट का लोहा मान चुकी है। हमारा मिशन जिस क्षेत्र को एक्सप्लोर करेगा, उससे सभी देशों के लिए मून मिशन के नए रास्ते खुलेंगे। यह चांद के रहस्यों को खोलेगा।

मोदी ने चंद्रयान-3 टीम के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई।

मोदी ने चंद्रयान-3 टीम के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई।

5. नारी शक्ति पर: हमारे यहां कहा गया है कि निर्माण से प्रलय तक पूरी सृष्टि का आधार नारी शक्ति ही है। आप सब ने देखा है चंद्रयान-3 में देश में हमारी महिला वैज्ञानिकों ने कितनी बड़ी भूमिका निभाई। चंद्रमा का शिव शक्ति पाइंट सदियों तक भारत की इस वैज्ञानिक क्षमता का साक्षी बनेगा। ये शिव शक्ति पाइंट आने वाली पीढ़ियों को प्ररेणा देगा। हमें विज्ञान का उपयोग मानवता के कल्याण के लिए ही करना है। ये हमारा सुप्रीम कमिटमेंट है।

6. थर्ड रो से पहली रो तक का सफर: आज भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश है जिसने चंद्रमा की सतह को छुआ है। एक समय था जब भारत के पास जरूरी तकनीक नहीं थी। हमारी गिनती थर्ड रो में खड़े देशों में होती थी। वहां से निकलकर भारत आज दुनिया की पांचवी सबसे बड़ इकोनॉमी बना। आज ट्रेड से लेकर टेक्नोलॉजी तक भारत की गिनती पहली रो में खड़े देशों में होती है। थर्ड रो से फर्स्ट रो में आने में इसरो की अहम भूमिका है।

इसरो चीफ सोमनाथ ने PM को चंद्रयान-3 मिशन से जुड़ी जानकारी दी।

इसरो चीफ सोमनाथ ने PM को चंद्रयान-3 मिशन से जुड़ी जानकारी दी।

7. भारत की स्पेस इंडस्ट्री पर: अगले कुछ साल में भारत की स्पेस इंडस्ट्री एक बिलियन डॉलर से 16 बिलियन डॉलर बन जाएगी। हम लगातार रिफॉर्म कर रहे हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा पिछले चार सालों में स्पेस सेंटर के स्टार्टअप की संख्या 4 से बढ़कर 150 हो गई। अनंत आकाश में अनंत संभावनाए हैं। एक सितंबर से my gov चंद्रयान को लेकर कॉम्पिटिशन लॉन्च करने जा रही है।

8. युवाओं को दिए दो टास्क: पहला टास्क- पुरानी खगोलीय गणनाओं को साइंटिफिक तौर पर साबित करें। भारत के पास विज्ञान के ज्ञान का खजाना है। वह गुलामी में छिप गया था उसे अब खंगालना है।

दूसरा टास्क- हमारी युवा पीढ़ी को आज की आधुनिक टेक्नोलॉजी के नए आयाम देने हैं। आसमान से लेकर समंदर तक करने के लिए बहुत कुछ है। डीप अर्थ से लेकर डीप सी तक रिसर्च करें। नई पीढ़ी के कंप्यूटर बनाइए।

PM जब इसरो सेंटर पहुंचे तो वैज्ञानिकों ने ताली बजाकर उनका स्वागत किया।

PM जब इसरो सेंटर पहुंचे तो वैज्ञानिकों ने ताली बजाकर उनका स्वागत किया।

बोले- मैंने सोच लिया था, भारत जाकर पहले वैज्ञानिकों को नमन करूंगा

PM नरेंद्र मोदी शनिवार सुबह बेंगलुरु एयरपोर्ट पहुंचे। यहां उन्होंने 10 मिनट स्पीच भी दी।

PM नरेंद्र मोदी शनिवार सुबह बेंगलुरु एयरपोर्ट पहुंचे। यहां उन्होंने 10 मिनट स्पीच भी दी।

मोदी अपनी दो देशों की यात्रा पूरी करने के बाद ग्रीस से सीधे बेंगलुरु पहुंचे थे। सुबह 6 बजे एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उन्होंने लोगों को 10 मिनट तक संबोधित किया। उन्होंने जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान का नारा लगाया। इसमें उन्होंने जय अनुसंधान का नारा भी जोड़ा।

उन्होंने कहा, ‘सूर्योदय की बेला हो और बेंगलुरु का नजारा हो… देश के वैज्ञानिक देश को जब इतनी बड़ी सौगात देते हैं, इतनी बड़ी सिद्धि प्राप्त करते हैं, जो दृश्य मुझे बेंगलुरु में दिखाई दे रहा है, वो मुझे ग्रीस और साउथ अफ्रीका में भी देखने को मिला। आप सुबह-सुबह इतना जल्दी आए, मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा था। मैं दूर विदेश में था। तो मैंने सोच लिया था कि पहले भारत जाऊंगा तो पहले बेंगलुरु जाऊंगा। सबसे पहले उन वैज्ञानिकों से मिलूंगा और उन्हें नमन करूंगा।’

मोदी का रोड शो, लोग सुबह से इंतजार कर रहे थे
मोदी एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों से भी मिले। करीब 5 मिनट लोगों का अभिवादन करते रहे। यहां से उनका काफिला इसरो के कमांड सेंटर के लिए निकला। एयरपोर्ट से सेंटर की दूरी 30 किमी है। इस दौरान उन्होंने रोड शो भी किया। सड़क के दोनों तरफ हजारों की संख्या में लोग खड़े रहे। इस दौरान मोदी कार के दरवाजे के पास खड़े होकर लोगों का अभिवादन करते नजर आए।

पीएम मोदी सुबह 6 बजे बेंगलुरु के HAL एयरपोर्ट पर उतरे।

पीएम मोदी सुबह 6 बजे बेंगलुरु के HAL एयरपोर्ट पर उतरे।

वैज्ञानिक सुबह 4 बजे ही इसरो के कमांड सेंटर पहुंचे
बेंगलुरु के ISRO टेलिमीट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स (इस्ट्रैक) के बाहर वैज्ञानिक ​​​​​​सुबह 4:30 बजे से PM मोदी के इंतजार में खड़े रहे। यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था।

बेंगलुरु में सेलिब्रेशन की तस्वीरें…

HAL एयरपोर्ट के बाहर लोगों ने नाच-गाकर सेलिब्रेशन किया।

HAL एयरपोर्ट के बाहर लोगों ने नाच-गाकर सेलिब्रेशन किया।

PM मोदी के स्वागत के लिए इसरो के कमांड सेंटर के बाहर वैज्ञानिक अलसुबह से मौजूद रहे।

PM मोदी के स्वागत के लिए इसरो के कमांड सेंटर के बाहर वैज्ञानिक अलसुबह से मौजूद रहे।

स्थानीय कलाकार एयरपोर्ट के बाहर ढोल-नगाड़े बजाकर नृत्य कर रहे थे।

स्थानीय कलाकार एयरपोर्ट के बाहर ढोल-नगाड़े बजाकर नृत्य कर रहे थे।

बेंगलुरु के HAL एयरपोर्ट के बाहर PM के स्वागत की तैयारियां की गईं।

बेंगलुरु के HAL एयरपोर्ट के बाहर PM के स्वागत की तैयारियां की गईं।

इसके बाद PM दिल्ली के लिए रवाना होंगे, यहां पालम एयरपोर्ट पर उनके स्वागत की तैयारियां की गई हैं।

इसके बाद PM दिल्ली के लिए रवाना होंगे, यहां पालम एयरपोर्ट पर उनके स्वागत की तैयारियां की गई हैं।

इन वैज्ञानिकों से मिले पीएम मोदी…

पाकिस्तान ने दो दिन बाद भारत को बधाई दी
चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग के दो दिन बाद पाकिस्तान ने भारत को बधाई दी है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि है। इसके लिए ISRO के वैज्ञानिक तारीफ के हकदार हैं।

PM ने साउथ अफ्रीका से इसरो चीफ को फोन किया था
चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग के समय पीएम मोदी साउथ अफ्रीका में थे। वे जोहान्सबर्ग से इस इवेंट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम जुड़े रहे। उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों और देशवासियों को वहीं से संबोधित किया था। उन्होंने इसरो चीफ एस सोमनाथ से फोन पर बात की थी और कहा था कि जितना जल्दी होगा वे इसरो वैज्ञानिकों से मिलेंगे।

PM मोदी ने 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर इसरो चीफ सोमनाथ को जोहान्सबर्ग से फोन पर बधाई दी थी।

PM मोदी ने 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर इसरो चीफ सोमनाथ को जोहान्सबर्ग से फोन पर बधाई दी थी।

जब आप अपनी आंखों के सामने इतिहास बनते देखते हैं तो गर्व होता है- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग पर कहा कि यह नए भारत के जयघोष का क्षण है। जब आप अपनी आंखों के सामने इतिहास बनते देखते हैं तो गर्व होता है। भारत की यह उड़ान चंद्रयान से भी आगे जाएगी। जल्द ही इसरो आदित्य एल-1 मिशन भी लॉन्च करेगा, जिससे सूर्य का विस्तृत अध्ययन किया जा सकेगा। इसके बाद शुक्र और सौरमंडल के सामर्थ्य को परखने के लिए दूसरे अभियान भी शुरू किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब चांद से जुड़े मिथक भी बदल जाएंगे। इसके साथ ही नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएंगी। पहले कहा जाता था कि चंदा मामा दूर के लेकिन अब लोग कहेंगे चंदा मामा बस एक टूर के।

चंद्रयान-2 के दौरान भी बेंगलुरु पहुंचे थे मोदी

मोदी चंद्रयान-2 मिशन के विक्रम लैंडर की लैंडिंग को देखने के लिए 6 सितंबर, 2019 की रात को भी बेंगलुरु गए थे। हालांकि 7 सितंबर के शुरुआती घंटों में चंद्रमा की सतह से सिर्फ 2.1 किमी ऊपर, इसरो का यान से संपर्क टूट गया था, मिशन पूरी तरह कामयाब नहीं हो सका था।

ये खबरें भी पढ़ें…

चंद्रयान-3 के लैंडर से रोवर के बाहर आने का VIDEO:चंद्रमा की सतह पर आधा किमी घूमेगा, अभी तक लगभग 8 मीटर दूरी तय की

चंद्रयान-3 के लैंडर से छह पहियों और 26 किलो वाले प्रज्ञान रोवर के बाहर आने का पहला वीडियो इसरो ने शुक्रवार को शेयर किया। इसने गुरुवार से चंद्रमा की सतह पर घूमना शुरू किया है। लैंडिंग के करीब 14 घंटे बाद गुरुवार सुबह ISRO ने रोवर के बाहर आने की पुष्टि की। लैंडर 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर उतरा था। पूरी खबर यहां पढ़ें…

चांद पर चंद्रयान बोला- मैं अपनी मंजिल पर पहुंचा:साउथ पोल पर लैंडिंग करने वाला भारत पहला देश, PM बोले- अब चंदा मामा दूर के नहीं

चंद्रयान-3 ने बुधवार 23 अगस्त को चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग कर इतिहास रच दिया। भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाब लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। चंद्रयान-3 ने 30 किलोमीटर की ऊंचाई से शाम 5 बजकर 44 मिनट पर ऑटोमैटिक लैंडिंग प्रोसेस शुरू की और अगले 20 मिनट में सफर पूरा किया। पढ़ें पूरी खबर…

खबरें और भी हैं…