मेरी बेटी कहां है…इतना पूछा फिर अब्बास को काट डाला: सांस रुकने तक कामरुन्निशां को लाठियों से मारा…फरार शौकत और हिंदू लड़की पहले से शादीशुदा

लखनऊ38 मिनट पहलेलेखक: देवांशु तिवारी

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तारीखः 18 अगस्त जगहः सीतापुर का राजेपुर गांव समयः शाम लगभग 5 बजकर 30 मिनट। जुमे का दिन था, अब्बास मगरिब की नमाज अदा कर बेगम कामरुन्निशां के साथ घर के दरवाजे पर बैठे थे। तभी चिल्लाते हुए 5 लोग लोहे की रॉड, लाठी और बांका लेकर उनके सामने आ गए।

गुस्साए लोगों में सबसे आगे गांव का रामपाल और उसका बेटा शैलेंद्र खड़े थे। उनकी आंखों में खून सवार था। रामपाल ने पूछा- ‘बता मेरी बेटी कहां है।’ अब्बास कुछ बोल पाता इससे पहले रामपाल ने उसके सिर पर बांके से वार कर दिया। अब्बास को जख्मी देख कामरुन्निशां जोर से चिल्लाईं। इसी बीच रामपाल और उसके साथियों ने उसपर भी लाठियां चलानी शुरू कर दी। रामपाल का बेटा शैलेंद्र इतना गुस्से में था कि कामरुन्निशां के बेहोश हो जाने के बाद भी वह उसे मारता रहा।

घर की चौखट पर अब्बास और उसकी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया गया। मोहल्ले वालों ने किसी तरह अब्बास की 3 बेटियों को बचा लिया। लेकिन जब तक लोग अब्बास और उसकी पत्नी के पास पहुंचे। दोनों की जान जा चुकी थी।

देर शाम इस डबल मर्डर की खबर सीतापुर पुलिस तक पहुंची। SP चक्रेश मिश्र और ASP प्रकाश कुमार भागे आए। हरगांव थानेदार भानुप्रताप सिंह फोन पर फोन घुमाने लगे। उन्हें इस घटना की गंभीरता का अंदाजा था। हमलावरों को दबोचने के लिए 4 टीमें लगा दी गईं। 12 घंटे के भीतर 5 में से 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, रामपाल और उसकी पत्नी अभी भी फरार हैं।

  • दैनिक भास्कर उस स्पॉट पर पहुंचा जहां अब्बास और कामरुन्निशां को बेरहमी से मारा गया। पुलिस की कार्रवाई देखी। हमला करने वालों के घरों पर बंद दरवाजे देखें। हत्या की हर वजह पर पुलिस और चश्मदीदों से बात की। आइए सब कुछ एक तरफ से जानते हैं…
घर के दरवाजे के बाहर पड़े अब्बास और कामरुन्निशां के शव।

घर के दरवाजे के बाहर पड़े अब्बास और कामरुन्निशां के शव।

​​शुरुआत उस लव-स्टोरी से जिसने 2 घरों को बर्बाद कर दिया…
कहानी शुरू होती है साल 2020 से…राजेपुर गांव के अब्बास अली (50) के बेटे शौकत की शादी हो चुकी थी। लेकिन वह मन ही मन अपने पड़ोसी रामपाल जायसवाल की बेटी को चाहता था। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और एक दिन दोनों घर छोड़कर भाग गए।

राजेपुर ग्राम प्रधान मनोज यादव कहते हैं, “3 साल पहले शौकत रामपाल की लड़की को भगा ले गया था। शिकायत लिखे जाने पर दोनों को पकड़ा गया। इसके बाद लड़की को घरवालों को सौंपकर शौकत को जेल भेज दिया गया। इस घटना से बाद से ही दोनों परिवारों के बीच आए दिन झगड़े होते रहते थे।”

“कुछ महीने बाद शौकत जेल से छूटकर वापस गांव आ गया। वह दिनभर रामपाल के घर के आस-पास घूमता। उसकी हरकत से परेशान रामपाल और उसके बेटे शैलेंद्र ने उसे लड़की से दूर रहने की धमकी दे डाली। रामपाल जल्द से जल्द अपनी बेटी की शादी करवाने में लग गया। लेकिन लड़की केवल शौकत से शादी करने की जिद पर अड़ी थी।”

45 दिन बाद शौकत जेल से गांव लौटा, लड़की को तीसरी बार भगा ले गया
ग्राम प्रधान मनोज कहते हैं, “23 मई 2023 को रामपाल ने अपनी बेटी की शादी करवा दी। लेकिन एक महीने भी नहीं बीते थे कि 20 जून को शौकत फिर उसे भगा ले गया। इस बार पुलिस ने दोनों को पानीपत से पकड़ा। शौकत को फिर जेल भेज दिया गया। उधर…इस घटना से नाराज लड़की के ससुराल वालों ने शादी तोड़ दी।”

“जून में जेल भेजा गया शौकत 16 अगस्त को छूट गया। उसे गांव में देख रामपाल गुस्से से लाल हो गया। 18 अगस्त की दोपहर वह अपनी बेटी की शादी के लिए दूसरा लड़का देखने गया था, तभी मौका पाकर शौकत उसकी लड़की को तीसरी बार भगा ले गया।”

“रामपाल शाम को घर लौटा तो लड़की गायब थी। यह देख वह पत्नी रामपति, बेटे शैलेंद्र, जीजा पल्लू और अमरनाथ को लेकर अब्बास के घर पहुंचा। पांचों लोगों ने घर के दरवाजे पर बैठे अब्बास और कामरुन्निशां को घेर लिया। रामपाल ने पूछा- बता मेरी बेटी कहां है। अब्बास कुछ कह पाता इससे पहले पांचों ने रॉड से उसके सिर पर 4 से 5 बार हमला किया। वह मुंह के बल जमीन पर गिरा फिर उठ नहीं पाया। उसकी जीभ बाहर निकली हुई थी।”

सांस रुकने तक कामरुन्निशां को लाठियों से पीटा गया
अब्बास को बचाने जब कामरुन्निशां दौड़ी तो आरोपियों ने उसे भी लाठी से पीटा। उसकी गर्दन दबाई, हाथ मरोड़ा। धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया। फिर एक के बाद एक लोहे की रॉड से उसपर कई बार वार किए। हमलावरों ने उसे तब तक मारा जब तक उसकी सांसें नहीं रुक गईं। जब रामपाल और उसके रिश्तेदार अब्बास-कामरुन्निशां को लाठियों से पीट रहे थे, उस वक्त घर के अंदर उनकी 3 बेटियां मौजूद थीं। सबसे बड़ी 12 साल की यासमीन ने अपनी दोनों बहनों को किसी तरह बचाया और पड़ोस में रहने वाले हरीश शुक्ला के घर में छिप गईं।

ये तस्वीर यासमीन और उसकी 2 छोटी बहनों की है। यासमीन की तहरीर पर अरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।

ये तस्वीर यासमीन और उसकी 2 छोटी बहनों की है। यासमीन की तहरीर पर अरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।

हरीश कहते हैं, “जान बचाकर मेरे घर पहुंची यासमीन जोर-जोर से रो रही थी। उसने मुझसे कहा कि चाचा मेरे अब्बू-अम्मी को बचा लो। उसकी बात सुनकर मैं अब्बास के घर की तरफ भागा, लेकिन तब तक अब्बास और उसकी पत्नी दरवाजे पर मरे पड़े हुए थे। उनके सिर से खून बह रहा था।”

“मैंने 112 नंबर डायल कर पुलिस को सूचना दी। देर रात SP और हरगांव थानाध्यक्ष भारी पुलिस फोर्स लेकर गांव पहुंचे। उन्होंने दोनों शवों को उठवाया फिर रामपाल के घर गए। वहां उसकी बीमार अम्मा को छोड़ कोई नहीं मिला। इसके बाद SP ने यासमीन से बात की। उसने सभी हमलावरों की पहचान बताते हुए घटना की पूरी आपबीती सुनाई। यासमीन के बयानों के आधार पर पुलिस ने रामपाल और साथी हमलावरों को खोजना शुरू किया।”

गांव के ही महेश ने बताया कि अब्बास का परिवार बहुत गरीब है। वह मजदूरी करके घर चलाता था, लेकिन उसका बेटा शौकत बड़े ही गुस्सैल स्वभाव का था। वह छोटी-छोटी बातों को लेकर अपने अब्बू से लड़ता था। शौकत किसी भी तरह से बस रामपाल की लड़की से शादी करना चाहता था। उसकी इसी जिद के कारण पूरा घर परेशान था।

गांववालों से बात करने के बाद हम आरोपियों के घर पहुंचे, उनके घर के दरवाजे बंद थे। पड़ोसियों ने बताया कि घटना के बाद से रामपाल और उसके परिवार का कोई भी सदस्य घर लौटकर नहीं आया।

यह मुख्य आरोपी रामपाल का घर है। घटना से बाद से घर बंद पड़ा है।

यह मुख्य आरोपी रामपाल का घर है। घटना से बाद से घर बंद पड़ा है।

  • यहां रुकते हैं। अब सिलसिलेवार तरीके से पुलिस की कार्रवाई पर चलते हैं…

यासमीन के बयानों के बाद एक्शन में आई पुलिस
मां-बाप को आंखों से सामने मरते हुए देखने वाली यासमीन ने बेखौफ होकर पुलिस को हर एक जानकारी दी। उसके बयानों के आधार पर सीतापुर SP चक्रेश मिश्रा ने आरोपियों को पकड़ने के लिए 4 टीमें लगा दीं। स्पेशल टीम ने जांच-पड़ताल शुरू की…12 घंटे के भीतर 5 हमलावरों में से 3 (शैलेंद्र, अमरनाथ और पल्लू) को गिरफ्तार कर लिया गया। मुख्य आरोपी रामपाल और उसकी पत्नी रामपति अभी भी फरार हैं।

राजेपुर गांव…जहां ये घटना हुई। वह हरगांव थानाक्षेत्र में आता है। इसी थाने में अरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। भास्कर की टीम हरगांव थाने पहुंची। हमने थानाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह से पूरे विवाद का बैकग्राउंड जाना। उन्होंने बताया कि बीते 3 साल से रामपाल और अब्बास के बीच सिर्फ कहासुनी और धमकी जैसे विवाद होते थे। लेकिन 18 अगस्त 2023 के दिन पहली बार दोनों परिवारों के बीच मारपीट हुई। झगड़ा इतना बढ़ गया कि अब्बास और उसकी पत्नी कामरुन्निशां की हत्या कर दी गई।

SO भानुप्रताप ने बताया, “पुलिस फरार चल रहे रामपाल और उसकी पत्नी को पकड़ने के लिए आस-पास के गांवों में दबिश दे रही है। हमें आशंका है कि दोनों अपने किसी रिश्तेदार के घर पर छिपे हुए हैं। आरोपियों के साथ-साथ घर से भागे शौकत और रामपाल की बेटी को भी खोजा जा रहा है। जल्द ही उन्हें पकड़ा जाएगा।”

शौकत की क्रिमिनल हिस्ट्री…लखीमपुर और सीतापुर में 4 मुकदमे दर्ज

हरगांव पुलिस के मुताबिक, अब्बास अली के लड़के शौकत का पहले से आपराधिक बैकग्राउंड रहा है। शौकत के खिलाफ लखीमपुर और सीतापुर में 4 मुकदमे दर्ज हैं। 2018 में उसे लखीमपुर खीरी में एक नाबालिग लड़की को भगाने के आरोप में जेल भेजा गया। 2020 में उसपर रामपाल की नाबालिग बेटी को भागने का मुकदमा दर्ज हुआ। साल 2022 में हरगांव थाना अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने शौकत पर गोकशी का केस दर्ज किया। इसके बाद साल 2023 में उसने रामपाल की बेटी को भगाने के जुर्म में 45 दिन तक जेल काटी।

शौकत के बारे में हमने राजेपुर के लोगों से बात की। गांव के राकेश कुमार ने बताया, “अब्बास और रामपाल की लड़की के बीच प्रेम-प्रसंग के बारे में गांववालों को पहली बार 2020 में पता चला। इसके बाद हमलोगों ने कई बार शौकत को समझाने की कोशिश की थी। लेकिन वह नहीं माना। वह अब्बास और अपनी अम्मी की भी बात नहीं सुनता था। उसकी एक गलती ने पूरे परिवार को बर्बाद कर डाला। तीनों लड़कियां अनाथ हो गईं। अब घर में ताला लगा हुआ है। भगवान ऐसी औलाद किसी को न दे।”

एडिशनल SP बोले- 2 समुदायों के बीच लड़ाई की बातें अफवाह
राजेपुर गांव के मुस्लिम दंपती की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर गलत खबरें भी चलाई गईं। कुछ लोगों ने इसे दो समुदायों के बीच की लड़ाई में हुई घटना के तौर पर पेश किया। सीतापुर पुलिस ने इस तरह के सोशल मीडिया पोस्ट और खबरों को गलत करार दिया है।

एडिशनल SP नरेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं, “यह हत्याकांड महज 2 परिवार के लोगों के बीच हुआ विवाद है। ये बात बिलकुल गलत है कि गांव में दो गुटों के बीच में खूनी संघर्ष हुआ। ऐसे में हमें इस केस से जुड़ी किसी भी अफवाह से बचना होगा। “

  • अब उस स्पॉट पर चलते हैं, जहां खुलेआम डबल मर्डर हुआ…

अब्बास के घर के सामने 20 बाई 20 फीट की जमीन खाली पड़ी है। यही उनके घर का द्वार है। मुस्लिम परिवार यहीं पर अपने जानवरों को बांधता था। 18 अगस्त की शाम अब्बास और कामरुन्निशां घर के बाहर बैठे हुए थे। इसी जगह पर रामपाल के साथ आए 5 लोगों ने उन्हें पीट-पीटकर मार डाला। फिलहाल…इस जगह पर अब पुलिस फोर्स तैनात है। रामपाल और अब्बास के घर आने-जाने वालों के नाम और फोन नंबर लिए जा रहे हैं।

फिलहाल…

  • सीतापुर डबल मर्डर मामले में पुलिस की 4 टीमें लगाई गईं हैं।
  • फरार चल रहे 2 आरोपियों की धरपकड़ के लिए पूरे मंडल में दबिश दी जा रही है।
  • आगे किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए पूरे गांव में फोर्स तैनात है।
  • रामपाल की बेटी और शौकत की भी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

ये तो थी सीतापुर डबल मर्डर की पूरी कहानी। ऐसी ही और खबरें आप नीचे दिए लिंक्स पर जाकर पढ़ सकते हैं…

  • ‘औरतें बेहोश हो गईं…थानेदार बेल्ट मारता रहा’:

“दोपहर के 1 बजे रहे थे। रुक-रुककर बारिश हो रही थी। सुबह-सुबह घर में लड़कर पति और देवर थाने चले गए, लेकिन दोपहर तक नहीं लौटे। उनकी चिंता में दिल बैठा जा रहा था। इंतजार करते-करते आधा दिन बीत गया तो मैं अपनी देवरानी और पड़ोस की 3 महिलाओं को लेकर थाने पहुंची। वहां देखा कि बड़े दरोगा उनको और देवर जी को कुर्सी के पास बिठाए हुए थे। दोनों डरे हुए थे, मानो उन्हें मारा गया हो।” पढ़ें पूरी कहानी…

  • आरिफ ने कहा था- जैसे अतीक-अशरफ मारे गए उसी तरह से भाई-भाभी को मारूंगा:

प्रयागराज का करेली इलाका। बुधवार दोपहर करीब 2 बजे गौसनगर के एक घर में विवाद हो गया। झगड़े जैसी स्थिति हुई तो टीवी पर चल रही कव्वाली की आवाज बढ़ा दी गई। लड़के ने कुल्हाड़ी उठाई और घरवालों पर हमला कर दिया। भाई किसी तरह से अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर भागा और खुद को कमरे में बंद कर लिया। मां-बहन पर ताबड़तोड़ प्रहार कर दिया। जितनी बार मारता, उतनी बार अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाता। 5 मिनट के अंदर पूरा घर खून से लाल हो गया। बेदम हो चुकी मां-बहन जमीन पर पड़ी थीं। बाप का सिर फूट चुका था। पढ़ें पूरी कहानी…

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